सरकार की खुशफहमी, यूपी डिस्टलरी हब के रूप में उभर रहा

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लखनऊ। सरकार की खुशफहमी, यूपी डिस्टलरी हब के रूप में उभर रहा… मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आबकारी के क्षेत्र में किए गए सुधारों का असर राष्ट्रीय स्तर पर दिखने लगा है। नीतियों में बदलाव और चोरी रोकने के कारण देश में आबकारी से सर्वाधिक राजस्व प्रदेश को मिल रहा है। इसी कारण प्रदेश में 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश से 13 डिस्टलरी प्लांट लग रहे हैं और देश में डिस्टलरी हब के रूप में प्रदेश उभर रहा है। आने वाले दिनों में प्रदेश उपभोग के बजाय शराब का निर्यातक बनेगा और दूसरे राज्यों-देशों को भी शराब पिलाएगा।

सीएम योगी ने आबकारी के क्षेत्र में माफियाओं के एकाधिकार को खत्म किया। साथ ही पिछले पांच सालों में 65 सौ करोड़ के निवेश से 61 से 78 डिस्टलरी हुईं। इससे अल्कोहल उत्पादन क्षमता 170 से 270 करोड़ बल्क लीटर हुई और एथनाल का उत्पादन भी 42 से बढ़कर 115 करोड़ बल्क लीटर हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश से लगने वाले 13 डिस्टलरी प्लांट का शिलान्यास किया है। टॉप टेन प्रोजेक्ट में बरेली में दो, शाहजहांपुर में दो, देवरिया, अमरोहा, रामपुर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर और सीतापुर में लग रहे एक-एक डिस्टिलरी प्लांट लग रहे हैं।

अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश में माफियाराज खत्म होने और तमाम सुधारों को लागू करने से डिस्टिलरी में निवेश बढ़ा है। इससे उत्पादन में भी बढ़ोतरी हुई है और अब हमारी कोशिश है कि प्रदेश को उपभोग के बजाय शराब का निर्यातक बनाया जाए। देश में डिस्टलरी हब के रूप में प्रदेश ने तेजी से कदम बढ़ाए हैं। इससे लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी उपलब्ध हो रहे हैं।

इस साल मई में 3414 करोड़ रुपए मिला राजस्व : देश में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश को वित्त वर्ष 2020-21 में 30 हजार करोड़, कर्नाटक को 23 हजार करोड़, महाराष्ट्र को 15 हजार करोड़, तेलंगाना को 14 हजार करोड़, राजस्थान को 9853 करोड़, मध्य प्रदेश को 9526 करोड़ और तमिलनाडु को 7821 करोड़ रुपए राजस्व मिले हैं। आबकारी में इस साल मई में 3414 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्ति हुई है, जबकि पिछले वर्ष मई में 2138.91 करोड़ रुपए ही मिले थे। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल आबकारी में मई तक 70.8 प्रतिशत की प्राप्ति हुई है।