आगरा, मथुरा, लखनऊ और प्रयागराज में हेलीपोर्ट सेवा

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लखनऊ। ऊपर अनंत नीला आसमान। नीचे आपके पसंदीदा शहर/पर्यटन स्थल का मनमोहक मंजर। ऐसे में चंद मिनट के लिए ही सही आप दुनिया-जहां को भूल ही जाएंगे। ऐसा तभी संभव है जब आपको संबंधित जगहों के लिए हेलीपोर्ट या रोपवे सेवा की सुविधा उपलब्ध हो। योगी सरकार प्रमुख शहरों के लिए जो हेलीपोर्ट सेवा शुरू कर रही है या रोपवे का निर्माण करा रही है, उसके पीछे की मंशा यही है। इसके लिए योगी सरकार ने मुकम्मल कार्ययोजना तैयार की है।

अगले छह महीने में आगरा और मथुरा में हेलीपोर्ट सेवा के संचलन के लिए पब्लिक, प्राइवेट पार्टनर (पीपीपी) का चयन हो जाएगा। अगले दो साल में प्रदेश की राजधानी और नवाबों के शहर लखनऊ, तीरथ राज प्रयाग में भी हेलीपोर्ट सेवा शुरू करने का लक्ष्य योगी सरकार का है।

छह महीने में रोपवे से देख सकेंगे राधा-कृष्ण की ब्रजभूमि : आसमान से ही विंध्य और चित्रकूट की प्राकृतिक खूबसूरती दिखाने के लिए रोपवे सेवा शुरू की जा चुकी है। विंध्याचल में अष्टभुजा एवं कालीखोह रोपवे का संचालन पिछले साल अगस्त से और चित्रकूट रोपवे का संचलन सितंबर 2019 से ही शुरू हो चुका है। अगले छह महीने में आप राधा-कृष्ण और कृष्ण एवं ग्वाल-बालों की क्रीड़ा स्थली ब्रज भूमि के दर्शन के लिए मथुरा में बरसाना का रोपवे भी चालू हो जाएगा। दो साल में प्रयागराज में झूंसी से त्रिवेणी पुष्प तक नए रोपवे का निर्माण कार्य शुरू करने का लक्ष्य पर्यटन विभाग ने तय किया है। चंद रोज पहले मंत्री परिषद के समक्ष प्रस्तुतिकरण के दौरान पर्यटन विभाग ने अपने लिए 100 दिन, दो और पांच साल के लिए जो लक्ष्य तय किया है उसमें भी इन सारी बातों का जिक्र है।

देश-दुनियां में ब्रांड यूपी और मजबूत करने, स्थानीय स्तर पर रोजगार एवं राजस्व में वृद्धि का सबसे प्रभावी जरिया है, पर्यटन। हर लिहाज से बेहद सम्पन्न विरासत के नाते उत्तर प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र की असीम संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि अपनी सम्पन्न विरासत के आधार पर प्रदेश को देश-दुनिया का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाया जाय। विभाग उसी मंशा के मद्देनजर काम कर रहा है।