लखनऊ। प्रदेश सरकार युवाओं के उद्यमी बनने की राह को और आसान बनाने जा रही है। अब प्रदेश के युवा उद्यमी बनकर दूसरे लोगों को रोजगार देंगे। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में परियोजना लागत को 25 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ किया जाएगा। इससे युवाओं को रोजगार के ज्यादा अवसर मिल सकेंगे।
योगी सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच साल में हर परिवार से एक व्यक्ति को रोजगार मिले। साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में नंबर एक अर्थव्यवस्था बने। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के तहत स्वरोजगार करने के इच्छुक युवाओं की सहायता का दायरा बड़ा किया जा रहा है। परियोजना लागत को बढ़ाकर 25 लाख से 1 करोड़ किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने इसे 100 दिन की कार्ययोजना में शामिल किया है।
परियोजना लागत बढ़ने से युवाओं को स्वरोजगार करने में आसानी होगी और पैसे की कमी नहीं होगी। साथ ही ज्यादा संख्या में रोजगार का सृजन होगा। इस योजना का लाभ पाने वाले युवा खुद तो उद्यमी बनेंगे ही, साथ ही दूसरों को भी रोजगार दे सकेंगे।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोगार योजना की शुरुआत योगी सरकार ने 2018 में की थी। इस योजना के तहत जो युवा शिक्षित और पात्र हैं, उनको स्वरोजगार के लिए सरकार सहायता करती है। इसके तहत पात्र युवा लोन ले सकते हैं। प्रदेश सरकार सब्सिडी प्रदान करती है।