कमजोर वर्ग के बच्चों का कराएँ निजी स्कूलों में मुफ्त प्रवेश

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लखनऊ। शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। पैसे के अभाव में अलाभित समूह या दुर्बल वर्ग का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए, इसका खास ख्याल रखा गया है। इसी के तहत इस समूह के तीन से सात साल के बच्चों का एलकेजी/यूकेजी या कक्षा-एक में निजी स्कूलों में भी प्रवेश की सरकार ने बाकायदा व्यवस्था कर रखी है।

इसके लिए गैर सहायतित मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों की 25 फीसद सीट इस समूह के बच्चों के लिए आरक्षित रखने की व्यवस्था है। इसका नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (ग) में प्रावधान भी किया गया है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी का कहना है कि बच्चों के हितों का ख्याल रखना आयोग का प्रमुख कार्य है। इसलिए इस वर्ग के बच्चों के लिए निजी विद्यालयों में आरक्षित सीट पर मुफ्त में प्रवेश जरूर मिले। इसके लिए संस्थाएं आगे आयें और बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाएं।

इस बारे में महानिदेशक-स्कूल शिक्षा अनामिका सिंह ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारी व सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर इस श्रेणी के बच्चों को गैर सहायतित निजी विद्यालयों में कक्षा-एक/पूर्व माध्यमिक कक्षा की कुल क्षमता की 25 फीसद की सीमा तक मुफ्त प्रवेश कराये जाने की दिशा में सार्थक प्रयास किये जाने की बात कही है। इसके साथ ही कहा गया है कि शैक्षिक सत्र 2022-23 में इस योजना का लाभ अधिक से अधिक बच्चों को दिलाते हुए गैर सहायतित मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाए। आरटीई (राइट टू एजुकेशन) ऑनलाइन पोर्टल पर गैर सहायतित मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के रजिस्ट्रेशन कराये जाएँ।

इसके अलावा शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के गैर सहायतित मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों का रजिस्ट्रेशन हो और आरटीई सीटों की संख्या का अंकन किया जाए। इसके लिए निर्धारित समय सीमा के अंदर जिन विद्यालयों द्वारा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है उनकी मैपिंग करायी जाए और बच्चों को प्रवेश कराने के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाए और उनका प्रवेश भी सुनिश्चित कराया जाए।

दो अप्रैल से दूसरे चरण में करें ऑनलाइन आवेदन : गैर सहायतित मान्यता प्राप्त विद्यालयों में इस वर्ग के बच्चों को कक्षा-एक/पूर्व माध्यमिक कक्षाओं में ऑनलाइन आवेदन एवं लाटरी के लिए तीन चरणों में प्रक्रिया को चलाया जाना था। इसके तहत पहले चरण में ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इसके साथ ही दूसरे चरण में ऑनलाइन आवेदन 2 से 23 अप्रैल तक किया जा सकता है। 25 व 26 अप्रैल तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आवेदन पत्रों का सत्यापन कर उन्हें लॉक कर सकेंगे और 28 अप्रैल को लाटरी निकाली जाएगी। लॉटरी में चयनित बच्चों का पांच मई तक प्रवेश सुनिश्चित कराया जाएगा। इसी तरह से तीसरे चरण में 2 मई से 10 जून के बीच ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है, 11 से 13 जून तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी इनका सत्यापन करेंगे और 15 जून को लाटरी निकाली जायेगी। इसमें चयनित बच्चों का 30 जून तक प्रवेश सुनिश्चित कराया जायेगा । इस योजना के बारे में लोगों को जागरूक करने में जुटी ‘इंडस एक्शन’ संस्था की हेल्पलाइन नम्बर – 8510010568 पर मिस कॉल देकर अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

किसको मिल सकता है लाभ: अलाभित समूह में आने वाले अभिभावक के पास अनुसूचित जाति /जनजाति अथवा पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाणपत्र होना चाहिए। इस समूह में जिन अभिभावकों के पास कैंसर/एचआईवी का चिकित्सीय प्रमाणपत्र होगा होगा, उनके बच्चे भी आएंगे। इसके अलावा जिस बच्चे के पास नि:शक्तता/ निराश्रित व थर्ड जेंडर का प्रमाणपत्र होगा, वह भी इस श्रेणी में आएंगे। दुर्बल वर्ग में वह बच्चे आएंगे जिनके अभिभावक की सालाना आय एक लाख रुपये से कम हो या वह अभिभावक जो दिव्यांगता/वृद्धावस्था/विधवा पेंशन की श्रेणी में आते हों और उस श्रेणी की बैंक पासबुक की कापी हो। इसके अलावा बीपीएल कार्ड धारक अभिभावक के बच्चे भी इस श्रेणी में आएंगे।

घर से विद्यालय की दूरी: वार्ड या ग्राम पंचायत के विद्यालय में उसी वार्ड या ग्राम पंचायत के इस श्रेणी के बच्चों को प्रवेश मिलेगा। वार्ड/ग्राम पंचायत में परिषदीय/मान्यता प्राप्त तथा गैर सहायतित मान्यता प्राप्त विद्यालय न होने की स्थिति में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास क्षेत्राधिकार बढाने का अधिकार होगा। अभिभावक का वर्तमान पते का कोई प्रमाणपत्र भी होना जरूरी है।