सावधान ! लापरवाह न रहें, हो सकती है पांच लाख लोगों की मौत

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सावधान ! लापरवाह न रहें, हो सकती है पांच लाख लोगों की मौत… विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अगले तीन महीने में पांच लाख लोगों की मौत की आशंका जाहिर की है। यूरोप और मध्य एशिया में अगले साल फरवरी तक पांच लाख लोगों की मौत हो सकती है। सर्दी का मौसम इन क्षेत्रों में कहर बन सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की आशंका है कि यूरोप और मध्य एशिया में अगले साल फरवरी तक पांच लाख लोगों की मौत हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) के यूरोपीय निदेशक की मानें तो यूरोप और मध्य एशिया एक बार फिर कोविड-19 का केंद्र बन गए हैं और 1 फरवरी तक लाखों और लोग मर सकते हैं।

क्षेत्रीय निदेशक डॉ. हांस क्लूगे ने कहा है कि पिछले एक महीने में इस क्षेत्र में आ रहे कोरोना वायरस के मामलों में 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसकी मुख्य वजह टीकाकरण की धीमी रफ्तार और रोकथाम के उपायों की कमी बताई गई है। क्लूगे ने कहा है कि इस कारण बीते चार हफ्ते में यूरोप और मध्य एशिया दुनिया भर में 59 प्रतिशत कोविड मामलों और 48 प्रतिशत मौतों के लिए जिम्मेदार रहा।

सर्दी के मौसम में कोरोना वायरस का कहर और तीव्र होने की आशंका है। क्लूगे के मुताबिक सर्द मौसम में लोगों का बंद जगहों में ज्यादा संख्या में जमा होना, मास्क का कम इस्तेमाल करना और डेल्टा वेरिएंट भी इस बढ़त के लिए जिम्मेदार हैं।

बचाई जा सकती हैं जानें : विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों के मुताबिक इस क्षेत्र में एक अरब टीके लगाए जा चुके हैं लेकिन करीब 47 प्रतिशत आबादी ही पूरी तरह टीकाकृत है। क्लूगे ने बताया कि क्षेत्र के आठ देश ऐसे हैं जिनकी 70 प्रतिशत आबादी पूरी कोविड वैक्सीन ले चुकी है जबकि अन्य देशों में यह आंकड़ा 10 प्रतिशत से नीचे है। उन्होंने कहा है कि अगर यूरोप और मध्य एशिया के 95 प्रतिशत लोग मास्क का इस्तेमाल करें तो वे अगले चार महीने में एक लाख 88 हजार जानें बचा सकते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपातकाल दल की डॉ कैथरीन स्मॉलवुड के मुताबिक इन क्षेत्रों में संक्रमण की दर बहुत ज्यादा है। उन्होंने कहा, सिर्फ किसी एक देश में नहीं बल्कि यूरोपीय क्षेत्र में संक्रमण की दर बहुत ज्यादा है। बेशक, यूरोप एक महाद्वीप के तौर पर बहुत ज्यादा जुड़ा हुआ है और यह महामारी के फिर से फैलने की वजह हो सकता है।

यूरोप में वैक्सीन को लेकर झिझक : विशेषज्ञों के मुताबिक पूर्वी यूरोप में वैक्सीनेश की दर चिंताजनक रूप से कम है और वहां कई देश वायरस को रोक पाने में संघर्ष कर रहे हैं। डॉ स्मॉलवुड ने बताया कि इन देशों में बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं कोविड ग्रस्त हैं और अस्पतालों में भर्ती हैं, जिन्हें कोविड वैक्सीन के बारे में और ज्यादा जागरूक किए जाने की जरूरत है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन यूरोप क्षेत्र में 53 देशों को गिनता है। इनमें यूरोपीय देशों के अलावा तुर्की, यूक्रेन और रूस समेत मध्य एशिया के देश भी शामिल हैं। इस क्षेत्र में संक्रमण की दर को लेकर विशेषज्ञ खासे चिंतित हैं। डॉ क्लूगे चेताते हैं कि अब ढिलाई बरतने की गुंजाइश नहीं है। उन्होंने कहा कि अब वायरस को रोकने के लिए पहले से ज्यादा तरीके और संसाधन उपलब्ध हैं और उन्हें समुदाय तक पहुंचाए जाने की जरूरत है ताकि बड़े नुकसान को रोका जा सके।