हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में नया रिकॉर्ड बनाएगा यूपी

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गोरखपुर/सिद्धार्थनगर। भगवान बुद्ध की क्रीड़ास्थली सिद्धार्थनगर से योगी सरकार सोमवार को एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रही है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों नौ नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन होने जा रहा है। ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश का इकलौता राज्य होगा। हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश को देश में सिरमौर बनाने में जुटे सीएम योगी के इस क्रांतिकारी प्रयास से एक ही दिन में तीन हजार बेड से अधिक अस्पतालों और एमबीबीएस की नौ सौ सीटों की सौगात मिलने जा रही है।

मुख्यमंत्री प्रदेश के सभी 75 जिलों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना का संकल्प कई बार दोहरा चुके हैं। उनका यह संकल्प तेजी से पूरा होता दिखाई भी दे रहा है। 2017 के पहले प्रदेश में गिनती में दर्जन भर मेडिकल कॉलेज थे और सिर्फ साढ़े चार सालों में नए मेडिकल कॉलेजों से यूपी नया रिकॉर्ड बनाने की राह पर है। 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री सिद्धार्थनगर, देवरिया, एटा, हरदोई, गाजीपुर, मीरजापुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर और जौनपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करेंगे, तब देश की चिकित्सा व चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ जाएगा।

इन सभी मेडिकल कॉलेजों में 300 या उससे अधिक बेड के सभी संसाधनयुक्त अस्पताल होंगे और सभी जगह इसी सत्र से नीट के जरिये एमबीबीएस की 100-100 सीटों पर प्रवेश भी शुरू हो जाएगा। इससे अब तक पिछड़े समझे जाने वाले जिलों पर ही बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मिलने लगेगी और आगामी कुछ सालों में चिकित्सकों की फौज भी खड़ी हो जाएगी।

बीमारियों से लड़ने में सक्षम हुई पूरब की तराई : सिद्धार्थनगर जिले का शुमार पूरब की तराई बेल्ट में होता है। जलवायु ऐसी है कि वायरस और बैक्टीरिया जनित रोग यहां ज्यादा पनपते हैं। योगी सरकार के समन्वित प्रयासों से काबू में आने से पहले इंसेफेलाइटिस से यहां हर साल बड़ी संख्या में मासूमों की मौतें होती थीं। गर्मी और बरसात के मौसम में कॉलरा और डायरिया के भी अधिक मरीज सामने आते थे। इलाज के लिए यहां के लोगों को गोरखपुर-बस्ती के मेडिकल कॉलेज या फिर लखनऊ की भागदौड़ करनी पड़ती थी। सिद्धार्थनगर में ही राजकीय मेडिकल कॉलेज बन गया है, अब उन्हें यहीं पर बेहतरीन इलाज मिल जाएगा। न सिर्फ बीमारियों बल्कि दुर्घटना की दशा में भी त्वरित इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। इस मेडिकल कॉलेज से पड़ोसी जिलों बलरामपुर, महराजगंज और पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल के लोगों को भी बेहतरीन चिकित्सा सुविधा मिलेगी।

चिकित्सा क्षेत्र में गोरखपुर-बस्ती मंडल का कायाकल्प : एक दौर वह भी था जब गोरखपुर-बस्ती मंडल के सात जिलों में चिकित्सा का दारोमदार अकेले गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज पर था। पर, बीते साढ़े चार सालों में यहां चिकित्सा क्षेत्र का कायाकल्प हो गया है। बस्ती में राजकीय मेडिकल कॉलेज दो साल से क्रियाशील है तो सिद्धार्थनगर और देवरिया में 25 अक्टूबर को इसका शुभारंभ होने जा रहा है। कुशीनगर में 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेडिकल कॉलेज।का शिलान्यास कर चुके हैं। शेष दो जिलों संतकबीरनगर और महराजगंज में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा हो चुकी है। सबसे खास बात यह कि गोरखपुर में एम्स भी बन चुका है जिसका उद्घाटन अगले एक-डेढ़ माह में पीएम करेंगे।

महान विभूतियों के नाम से संचालित होंगे मेडिकल कॉलेज : नए राजकीय मेडिकल कॉलेजों से जहां चिकित्सा व चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और सशक्त होगा, वहीं प्रदेश सरकार इसके जरिये महान विभूतियों का नाम भी प्रतिष्ठित कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप सभी जिलों में बने मेडिकल कॉलेज उस जिले की महान विभूति, सेनानी या महापुरुष के नाम से संचालित होंगे। सिद्धार्थनगर का मेडिकल कॉलेज माधव प्रसाद त्रिपाठी के नाम से, देवरिया का मेडिकल कॉलेज महर्षि देवरहा बाबा के नाम से, गाजीपुर का मेडिकल कॉलेज महर्षि विश्वामित्र के नाम से, मिर्जापुर का मेडिकल कॉलेज मां विंध्यवासिनी के नाम से, प्रतापगढ़ का मेडिकल कॉलेज डॉ सोनेलाल पटेल के नाम से, एटा का मेडिकल कॉलेज वीरांगना अवंतीबाई लोधी के नाम से, जौनपुर का मेडिकल कॉलेज पूर्व मंत्री उमानाथ सिंह के नाम से, फतेहपुर का मेडिकल कॉलेज अमर शहीद जोधा सिंह अटैया ठाकुर दरियांव सिंह के नाम से संचालित होगा।