38 जनपदों में नहीं मिले एक भी केस, महज 2,181 एक्टिव केस
डेल्टा प्लस की पहचान के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग का कार्य तेज
लखनऊ। यूपी में कोरोना की दूसरी लहर अब पूरी तरह से नियंत्रित है। योगी का यूपी मॉडल एक ओर जहां दूसरे राज्यों के लिए नजीर बन गया है तो वहीं देश के अलावा विदेश में भी कोरोना के विरूद्ध अपनाए गए इस योगी मॉडल की चर्चा है। कम होते संक्रमण दर के बावजूद मुख्यमंत्री ने एग्रेसिव टेस्टिंग को जारी रखने के निर्देश दिए हैं।
बीते 24 घंटों में प्रदेश दो लाख 28 हजार से अधिक कोरोना की जांचें की गईं, इसके बावजूद प्रदेश में महज 120 कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आए और 195 लोगों ने कोरोना को मात भी दी। प्रदेश में अब केवल 2181 एक्टिव केस ही रह गए हैं। बेहतर होती स्थितियों के बीच ट्रिपल टी की रणनीति के अनुसार प्रदेश में कोरोना संक्रमण संभावित तीसरी लहर से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
सकारात्मक रणनीति का परिणाम है कि आज प्रदेश के हालात दूसरे प्रदेशों के मुकाबले काफी बेहतर हैं। प्रदेश में अब तक पांच करोड़ 91 लाख से अधिक कोरोना की जांचें की गई हैं। रोजाना लगभग ढाई लाख कोरोना की जांचें की जा रही हैं, साथ ही युद्धस्तर पर टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। जिसके सकारात्मक परिणाम सभी को देखने मिल रहे हैं। प्रदेश में रिकवरी रेट बढ़कर अब 98.5 फीसद पहुंच गया है। ट्रेसिंग प्रक्रिया के तहत प्रदेश में एक पॉजिटिव केस मिलने पर उसके सापेक्ष में 34 से अधिक लोगों की जांच की जा रही है।
38 जिलों में नहीं मिले कोरोना के केस : कोरोना संक्रमण के खिलाफ अपनाई गई सरकार की रणनीति जमीनी स्तर पर रंग ला रही है जिसका परिणाम है कि 38 जिलों में कोरोना संक्रमण के एक भी मामले सामने नहीं आए वहीं 35 जिलों में सिंगल डिजिट केस दर्ज किए गए। अब प्रदेश में महज दो जनपद ऐसे हैं जहां डबल डिजिट में केस दर्ज किए जा रहे हैं इन दोनों जनपदों में 20 से कम केस आए हैं। बता दें कि टीकाकरण अभियान के तहत सरकार की ओर से प्रदेशवासियों को निरंतर प्रेरित किया जा रहा है। 18 साल से ऊपर के लोगों को जल्द से जल्द टीकाकरण कराने की अपील की जा रही है। अब तक यूपी में 3.26 करोड़ लोगों को वैक्सिन की डोज दी जा चुकी है।
दूसरे राज्यों से सटे जनपदों में जीनोम सिक्वेंसिंग का कार्य तेज : कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस को लेकर सरकार ने पुख्ता रणनीति के अनुसार काम कर रही है। अब तक प्रदेश में लिए गए एक भी सैंपल में डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि नहीं हुई है। इसके बावजूद प्रदेश में डेल्टा प्लस संक्रमण वाले राज्यों से आने वाले लोगों की निगरानी और टेस्टिंग तेजी से की जा रही है। दूसरे राज्यों से सटे जिलों में जीनोम सिक्वेंसिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। बता दें कि लखनऊ के केजीएमयू और वाराणसी के बीएचयू में जीनोम सिक्वेंसिंग की जा रही है।