वित्त, शिक्षा, हेल्थ सहित 14 सेवाओं के लिए बन रहे हैं मानक

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भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) चौदह सेवा क्षेत्रों के लिए मानक तैयार कर रहा है। इनमें बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं, शैक्षिक सेवाएं, कांस्ट्रक्शन और इससे संबंधित सेवाएं, जलापूर्ति सेवाएं, इंजिनियरिंग सेवाएं, हेल्थ फिटनेस-स्पोर्ट्स सेवाएं, रिटेल- ई काॅमर्स -ई पेमेंट सेवाएं, मीडिया- एंटरटेनमेंट सेवाएं, पर्यावरणीय सेवाएं, ट्रांसपोर्ट-लाॅजिस्टिक्स सेवाएं, पर्यटन-यात्रा, हाॅस्पिटलिटी सेवाएं, एकाउंट्स-फाइनेंस सेवाएं, संचार सेवाएं, व्यवसाय सेवाएं, सूचना प्रौद्योगिकी और इस पर आधारित सेवाओं को शामिल किया गया है।

मानक ब्यूरो का मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र के बढ़ती हिस्सेदारी को देखते हुए इसकी गुणवत्ता ‌में और सुधार करने से आने वाले दिनों में बेहतर नतीजे मिलेंगे। मानक ब्यूरो ने इन चौदह सेवा क्षेत्रों में मानकीकरण करने की योजना के अंतर्गत सर्विस सेक्टर डिवीज़न कौंसिल (एसएसडीसी) स्थापित की थी। प्रत्येक सेवा क्षेत्र के लिए सेक्शनल कमेटियों का गठन पहले ही किया जा चुका है।

ब्यूरो के नीति निर्धारक चिन्हित किए गए चौदह सेवा क्षेत्रों से संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, उद्योगों, राष्ट्रीय संस्थानों, एकेडमिक और शोध अनुसंधान के अग्रणी और प्रतिष्ठित संस्थानों सहित विभिन्न हितधारकों से संपर्क कर उन्हें मानकीकरण की प्रक्रिया में शामिल करते हुए फीडबैक ले रहा है।

ब्यूरो विकसित देशों में विभिन्न सेवा क्षेत्रों में लागू मानकों के ब्यौरों का संग्रह और अध्ययन कर रहा है। इस काम में सर्वाधिक उपयोगी ‌जानकारी जेनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन (आईएसओ) से हासिल की गई है। भारत सहित 165 देश आईएसओ के सदस्य हैं और बीआईएस प्रत्येक वर्ष इसे सदस्यता शुल्क का भुगतान भी करता है। 1947 में स्थापित आईएसओ सेवा क्षेत्रों के लिए अब तक 700 मानकों का सृजन‌ कर चुका है।

इनमें से सबसे ज्यादा व्यवसाय, वित्तीय और पर्यटन क्षेत्र से संबंधित मानक हैं। हाल के दिनों में हालमार्किंग को लेकर बीआईएस सुर्खियों में रहा। बीआईएस ने यूं तो साल 2000 में हालमार्किंग शुरू की थी। कई साल तो जागरूकता के अभाव में निकल गए। 2010 के बाद इसमें तेजी आई। देश में अब तक 35000 से अधिक प्रतिष्ठान हालमार्किंग पंजीकरण करा चुके हैं।

बीआईएस की सकल आमदनी में उत्पादों के प्रमाणीकरण से होने वाली आय का योगदान सर्वाधिक होता है। बीआईएस का कार्य बिल्कुल अलग तरह का है। इसमें कुल करीब बारह सौ कर्मी कार्य करते हैं। इनमें से 413 कर्मी साइंटिफिक कैडर में हैं। यह अपने कर्मियों पर सालाना 169-170 करोड़ रु ख़र्च करता है।

मानकों की बिक्री से 8-9 करोड़ रु, हालमार्किंग से 33 करोड़ रु, टेस्टिंग से 13-14 करोड़ रु, प्रकाशन और राॅयल्टी से सालाना 15-16 करोड़ रु की आमदनी होती है। बीआईएस अब तक 950 से अधिक मानक तैयार कर चुका है और इनका इस्तेमाल करने के लिए विभिन्न उद्योगों, प्रतिष्ठानों को 34 हजार से अधिक संख्या में लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं। बीआईएस फाॅरेन मैन्युफैक्चर्स सर्टिफिकेशन स्कीम के अंतर्गत लाइसेंस जारी करता है। इसके अंतर्गत 2019-20 में 231 लाइसेंस जारी किए गए।

प्रणतेश नारायण बाजपेयी