– योगी सरकार में पुरातात्विक, सांस्कृतिक, धार्मिक स्थलों की बदलने लगी सूरत, वन क्षेत्रों को दी जा रही विकास की ऑक्सीजन
– धार्मिक स्थलों, वन क्षेत्रों में पर्यटकों को लुभाने की बड़ी योजना, युवाओं को मिलेगा रोजगार, व्यवसाय और शिल्पकलाओं को मिलेगा बढ़ावा
– मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर कराए जा रहे विकास कार्यों को 30 सितम्बर तक पूरा करने के निर्देश
लखनऊ। कोरोना की जंग जीतने में सफल रहने वाली योगी सरकार एक बार फिर तेज रफ्तार से उत्तर प्रदेश के पिछड़े जिलों में स्थित पुरातात्विक, सांस्कृतिक, धार्मिक स्थलों और वन क्षेत्रों को नई पहचान दिलाने में जुटी है। इन स्थलों की सूरत और सीरत बदलकर यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ाने और यहां के व्यवसाय, शिल्पकलाओं और रोजगार को बढ़ावा देने की बड़ी तैयारी है। बहुत जल्द प्रदेश के सभी प्रमुख र्तीर्थ स्थलों और सिद्ध पीठ दुनिया के नक्शे पर अपनी पहचान बनाएंगे।
मथुरा, वाराणसी और अयोध्या को विकास की रफ्तार देने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पहली बार प्रदेश में विंध्याचल, चित्रकूट, नैमिशायण्य, सहारानपुर के शाकम्भरी देवी सिद्धपीठ, मुज्जफरनगर में शुकतीर्थ, श्रावस्ती, बलरामपुर, देवीपाटन समेत अन्य धार्मिक स्थलों को संवारने का काम तेजी से किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के तहत पर्यटन विभाग की ओर से कराए जा रहे समस्त कार्यों को 30 सितम्बर तक हर हाल में पूरा करने की तैयरी है।
योगी सरकार के निर्देश पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये कराये जा रहे निर्माण कार्यों को मानकों के अनुरूप, गुणवत्ता के साथ और समय पूरा करने में अधिकारी जुटे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ पर्यटन विभाग के अधिकारियों को पूर्व में ही सख्त निर्देश दे चुके हैं कि कार्यों में लापरवाही किसी भी दशा में बर्दाशत नहीं की जाएगी। गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने धार्मिक स्थलों का कार्य पूरा होने के बाद संबंधित संस्थाओं और ट्रस्टों को हैंड ओवर देने के भी निर्देश दिये हैं।
पहली बार यूपी में धार्मिक स्थलों को संजोने-संवारने की बड़ी तैयारी : सरकार का प्रयास है कि पर्यटन के रूप में प्रदेश के धार्मिक स्थलों को विकसित कर दुनिया में पहचान दिलाई जाए। इन क्षेत्रों में पर्यटकों की संख्या बढ़े और आसपास रहने वालों को रोजगार के ढ़ेरों अवसर भी मिल सकें। पिछली सरकारों की उपेक्षा के कारण ये सभी स्थल आज तक पर्यटकों की पहुंच से बहुत दूर थे। सरकार की पर्यटन को बढ़ावा देने की मजबूत इच्छाशक्ति का परिणाम है कि पहली बार बड़े-छोटे सभी जिलों के धार्मिक स्थलों को संवारने और संजोने का काम बड़े स्तर पर प्रदेश में शुरु किया गया है। सरकार का प्रयास है कि इन स्थलों का विकास होने के बाद यहां पर्यटको की संख्या तो बढ़े ही साथ में व्यवसाय और शिल्पकलाओं को बढ़ावा मिले।
वन क्षेत्रों को योगी सरकार दे रही विकास की ऑक्सीजन : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कार्यकाल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये संचालित की गई विभिन्न योजनाओं में पूर्व की सरकारों को काफी पीछे छोड़ दिया है। वन क्षेत्रों को विकास की ऑक्सीजन देने का काम योगी सरकार ने किया है। सरकार के सफल प्रयासों का असर है कि पुरातात्विक स्थलों पर रौनक वापस लौटी है। धार्मिक स्थलों को संवारने का काम तेजी से शुरू किया गया है। इन सभी स्थलों के सुंदरीकरण, वहां पर स्वच्छता के लिये किये गये कार्य, सुविधाओं को बढ़ाने और व्यवसाय को विकसित करने की योजनाओं ने युवाओं को रोजगार से जोड़ने का बड़ा काम किया है। बौद्ध सर्किट में श्रावस्ती, कपिलवस्तु, कुशीनगर, चित्रकूट में रामायण सर्किट, श्रृंगवेरपुर में पर्यटन सुविधाओं का विकास इसके बड़े उदाहरण बने हैं। इसके अलावा गोरखपुर के रामगढ़ताल में वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियों को शुरू किया जाना और पीलीभीत में टाइगर रिजर्व, लखीमपुर खीरी, दुधवा नेशनल पार्क, जिम कार्बेट नेशनल पार्क में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने का भी अभूतपूर्व कार्य सरकार की बड़ी उपब्धियों में शामिल हैं।
पर्यटन स्थलों पर अपनी अनूठी पहल से योगी सरकार को मिली प्रशंसा : पर्यटन स्थलों के लिये योगी सरकार में की गई अनूठी पहल को दुनिया भर में प्रशंसा भी मिली। गौरतलब है कि आयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर निर्माण के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से भूमि पूजन सम्पन्न कराना इतिहास में दर्ज हुआ। इसके साथ ही विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक गौरव बने प्रयागराज कुंभ 2019 की यूनेस्को ने सरहाना की। अयोध्या के दीपोत्सव का आयोजन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया। मथुरा के कृष्णोत्सव, बरसाना में रंगोत्सव, वाराणसी में शिवरात्रि के आयोजनों ने दुनिया भर में अपनी पहचान स्थापित की।