माउंटेन्स टू मैंग्रोवेस: अ जर्नी ऑफ 1000 किलोमीटर

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पर्यटन मंत्रालय का देखो अपना देश वेबीनार श्रृंखला ने “माउंटेन्स टू मैंग्रोवेस: अ जर्नी ऑफ 1000 किलोमीटर” शीर्षक से अपना 86वां वेबीनार आयोजित किया। इसमें दर्शित किया गया कि पर्वतों और समुद्र से चिह्नित भारत एशिया के बाकी हिस्से से अलग है, जो देश को एक विशिष्ट भौगोलिक पहचान देते हैं। यह उत्तर में महान हिमालय से घिरा हुआ है और यह दक्षिण की ओर कर्क रेखा तक फैला हुआ है।

पूर्व में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में अरब सागर के बीच स्थित यह हिंद महासागर की ओर बढ़ते हुए धीरे-धीरे घटता जाता है। भारत में प्रत्येक राज्य अपने परिदृश्य, विरासत, कला एवं शिल्प और खानपान में एक-दूसरे से अलग हैं। यात्रा करने को लेकर उत्साही लोगों के लिए विभिन्न पर्यटन विकल्प प्रदान करते हैं। इस वेबीनार में पर्वतों से मैंग्रोव तक 1000 किलोमीटर की यात्रा दो सबसे सुरम्य राज्यों पश्चिम बंगाल और सिक्किम पर केंद्रित थी।

यह अद्भूत यात्रा हिमालय पर्वतश्रेणी के सिक्किम से शुरू होकर पहाड़ों की रानी दार्जिलिंग होते हुए दक्षिण में तटीय क्षेत्र में स्थित गंगा के मैदानों से विश्व के सबसे बड़े डेल्टा सुंदरवन में पूरी हुई। सुंदरवन को रॉयल बंगाल टाइगर के प्राकृतिक आवास के रूप में जाना जाता है। आध्यात्मिकता, अद्भूत परिदृश्य, चाय बगान, ट्रेकिंग ट्रेल्स, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे एवं सुंदरवन नेशनल पार्क, पश्चिम बंगाल की विरासत एवं औपनिवेशिक समृद्ध वास्तुशिल्प के खजाने से होकर यह यात्रा हुई।

सिक्किम और पश्चिम बंगाल यात्रा सूची में सबसे पसंदीदा राज्यों में है। ये दोनों राज्य पर्यटन की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करते हैं, जिसमें साहसिक, आध्यात्मिकता, विरासत, वन्य जीवन और कई अन्य विशेषताएं शामिल हैं। सिक्किम राज्य को प्राकृतिक विपुलता का आशीर्वाद प्राप्त है। इसमें विश्व का तीसरा सबसे ऊंचा शानदार पर्वत कंचनजंघा, फूलों की अल्पाइन घास के मैदान और पहाड़ी झीलें आदि शामिल हैं। सिक्किम के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में राज्य की राजधानी गंगटोक, पेलिंग, लाचुंग, लाचेन, युमथांग, नाथूला दर्रा, गुरुडोंगमार झील हैं। विदेशियों को सिक्किम जाने के लिए पहले इनर लाइन परमिट के रूप में प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट (आएपी) लेना जरूरी होता है। पश्चिम बंगाल राज्य के पास समृद्ध इतिहास, अद्भूत परिदृश्य, विरासत वास्तुकला, अलंकार कला एवं शिल्प, जीवंत लोक उत्सव, संगीत-थिएटर-नाटक, पारंपरिक उत्सव, स्वादिष्ट खानपान और भी काफी कुछ है। इस अद्भूत राज्य के स्थलों की सूची अंतहीन हैं। इनमें कुछ स्थल के नाम हैं, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (यूनेस्को विश्व विरासत स्थल), कलिम्पोंग, दुआर्स, जाल्दापारा, मालदा, बिष्णुपुर, शांतिनिकेतन, कोलकाता-सिटी ऑफ जॉय, सुंदरबन (यूनेस्को विश्व विरासत स्थल) और दीघा समुद्री तट।

इस वेबीनार को इम्प्रेशन टूरिज्म सर्विसेज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक एवं सीईओ देबाजीत दत्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया। श्री दत्ता अनुभवात्मक एवं साहसिक पर्यटन के विशेषज्ञ और सतत पर्यटन अभ्यास के एक हिस्से के रूप में स्वैच्छिक परियोजना सेवाएं और सामुदायिक पर्यटन पहल प्रदान करते हैं।