डीएम-सीएमओ के स्तर से निशुल्क मिलेगा रेमडेसिविर इंजेक्शन

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना के गंभीर मरीजों को बड़ी राहत दी है। निजी अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन अब जरूरतमंदों को निशुल्क दिया जाएगा। हालांकि निजी अस्पतालों में इस दवा की व्यवस्था इन अस्पतालों द्वारा कम्पनियों और बाजार से खुद की जाएगी, लेकिन निजी अस्पतालों में यह दवा उपलब्ध नहीं होने और किसी मरीज की जीवन रक्षा के लिए यह अत्यन्त आवश्यक हो, तो अस्पताल द्वारा जारी किए गए पर्चे के आधार पर जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी संबंधित मरीज के लिए सीमित संख्या में निशुल्क उपलब्ध करा सकते हैं। इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने टीम 11 की बैठक में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर कई अहम आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि रेमडेसिविर जैसी किसी भी जीवन रक्षक दवा का प्रदेश में अभाव नहीं है। हर दिन इसकी आपूर्ति बढ़ रही है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जिलों की मांग को देखते हुए रेमडेसिविर के पर्याप्त वॉयल दिए जाएं। जरूरत होगी, तो निजी अस्पतालों को भी तय दरों पर रेमडेसिविर मुहैया कराई जाए। इसके साथ-साथ इसकी कालाबाजारी पर पुलिस लगातार नजर रखे।

‘दवाई भी कड़ाई भी’ के सूत्र को प्रभावी रूप से अमल में लाने के लिए सीएम योगी ने अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि प्रत्येक दशा में सुनिश्चित करें कि वैक्सीन की वेस्टेज न हो। रेमडेसिविर उपलब्ध कराने से पहले परीक्षण जरूर करें, मरीजों की हर कीमत पर जीवन रक्षा सरकार की प्राथमिकता है। सरकारी अस्पतालों, राजकीय और प्राइवेट चिकित्सा महाविद्यालयों में इस दवा की आपूर्ति उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड की ओर से की जाएगी।

वेन्टिलेटर और ऑक्सजीन बेड्स पर रेमडेसिविर देने के निर्देश : राजकीय और निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के अस्पतालों के नान इन्वेजिव वेन्टिलेटर के शत-प्रतिशत बेड्स के लिए रेमडेसिविर की एक वाईल प्रतिदिन दी जाएगी। 15 प्रतिशत ऑक्सीजन बेड के लिए रेमडेसिविर दी जाएगी। मौजूदा स्थिति में यह संख्या करीब 5500 रोजाना है। इसके वितरण का मेडिकल कालेजवार विवरण महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण के द्वारा उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड को उपलब्ध करवाया जाएगा।

मेडिकल कॉलेज भी खरीद सकते हैं रेमडेसिविर इंजेक्शन : सरकार के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज द्वारा अपने संसाधनों से भी रेमडेसिविर खरीद कर मरीजों के लिए उपयुक्त व्यवस्था की जाएगी। चिकित्सा विभाग के एल-2 कोविड-19 चिकित्सालयों के लिए रेमडेसिविर की प्रतिदिन वाइल्स दी जाएंगी। यह संख्या चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पास से उपलब्ध 2000 नॉन इन्वेंसिव आईसीयू एवं आईसोलेशन बेड्स के आधार पर निर्धारित की जा रही है। इस दवा का चिकित्सालयवार आंतरिक वितरण महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड को दिया जाएगा।

इमरजेंसी के लिए दी जाएगी 18 सौ वाइल रेमडिसिविर : प्रदेश में सभी जिलों में रेमडेसिविर की 1800 वाइल दी जाएगी। आकस्मिकता और आवश्यकता के आधार पर सरकारी अस्पतालों में कमी होने पर या किसी निजी चिकित्सालय में भर्ती मरीज की जीवन रक्षा के लिए तय दरों पर सीधे मरीज के परिजन को डॉक्टर के पर्चे पर रेमडेसिविर दिया जा सकेगा।

जिलों में भी दवा की उपलब्धता पर सरकार का पूरा जोर : सभी जिलों में कोरोना के गंभीर मरीजों को तत्काल दवा की उपलब्धता पर सरकार का जोर है। उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण और महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं से मिलने वाली जानकारी के अनुसार रेमडेसिविर वाईल्स उपलब्धता के आधार पर जिलों को मुहैया कराई जाएगी। इन्हें कोविड में लगे एल-2, एल-3 अस्पतालों को भी दिया जाएगा।

मंडलायुक्त आवश्यकतानुसार कर सकते हैं पुन: आवंटन : रोगी को रेमडेसिविर उपलब्ध कराने से पूर्व परीक्षण किया जाए कि रोगी किस चिकित्सालय में भर्ती है और वहां का रेमडेसिविर डोज के लिए उसके पास पर्ची उपलब्ध है। इसमें मण्डलायुक्त मण्डल में चिकित्सा सुविधा एवं मेडिकल कालजों के अनुसार सम्बन्धित जिलाधिकारी के परामर्श से पुनः आवंटन कर सकते हैं।