लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाजवादी पार्टी के पास न विजन था और न ही करने की चाह थी। सपा सरकार में 20 करोड़ की आबादी के लिए दो लाख करोड़ का बजट पेश किया जाना, ऊंट के मुंह में जीरा है। पहले की सरकार में पिक एंड चूज होता था, लेकिन आज कोई नहीं कह सकता। हमने तुष्टीकरण नहीं किया, बल्कि ईमानदारी से काम किया। दो लाख करोड़ में आप यह नहीं कर सकते थे।
यह बातें उन्होंने आज विधान परिषद में बजट पर चर्चा के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अल्पसंख्यकों की आबादी 17 से 19 फीसदी है और अल्पसंख्यक समाज को योजनाओं का लाभ 30 से 35 फीसदी मिलता है। उन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं को गिनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास, सौभाग्य, उज्जवला, खाद्यान्न योजना, आयुष्मान भारत या मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना, किसी भी योजना में आप जाएंगे तो आप पाएंगे, आबादी के हिसाब से देखेंगे, तो अल्पसंख्यक समाज को उससे कई गुना ज्यादा लाभ मिल रहा है। यह सरकार की ईमानदारी और सबका साथ, सबका विकास की प्रधानमंत्री के उस संकल्प और भाव के अनुरूप है, जो उन्होंने 2014 में सरकार बनाने के पहले देश को एक श्लोगन दिया था कि सरकार आएगी, तो कैसे काम करेगी। आप देख सकते हैं, कहीं कोई भेदभाव किसी के साथ नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास कर रहा है, तो इसलिए क्योंकि उसे मालूम है कि प्रधानमंत्री जो योजना बनाएंगे सबके लिए बनाएंगे, सबको साथ लेकर चलेंगे। सभी को अपनी व्यवस्था के साथ जोड़ रहे हैं। हमने तुष्टीकरण नहीं किया, लेकिन विकास की योजनाओं को ईमानदारी के साथ उसके घर तक पहुंचाने का काम किया है। दो लाख करोड़ में आप यह नहीं कर सकते। यह काम जब बजट का दायरा बढ़ाया गया, तब प्रदेश के अंदर दिखता गया।
पहले बजट का दायरा सीमित था, हम साढ़े पांच लाख करोड़ तक पहुंचे: उन्होंने कहा कि देश में आजादी के समय प्रदेश की अर्थव्यवस्था टॉप पर थी। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, कांग्रेस या अन्य दल जो उस समय सत्ता में थे। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था लगातार गिरती गई और 2015-16 आते-आते यह पांचवें और छठे नंबर पर पहुंच गई। उन्होंने कहा कि एक थीम के तहत हम बजट पेश किए थे। बजट का दायरा कोरोना की चुनौतियों के बावजूद बढ़ाया गया। पहले बजट का दायरा सीमित था, लेकिन हम आज साढ़े पांच लाख करोड़ तक पहुंचे हैं।
हमने उन तमाम राज्यों को पछाड़ा, जो विकास के मॉडल हैं: उन्होंने कहा कि दुनिया के राष्ट्रध्यक्ष या राजदूत आते हैं और जब हम अपनी बात उनके सामने रखते थे, तो हमें यह बताते हुए कई बार संकोच होता था कि हम देश की आबादी के सबसे बड़ी राज्य हैं। जबकि उनका यह सोच होती थी कि हमारी अगली बात जो निकलेगी वह यह होगी कि हम देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी हैं, लेकिन हम इसे नहीं बोल पाते थे। आज हम कह सकते हैं कि हम देश की दूसरी अर्थव्यवस्था हैं। हमने देश के अंदर उन तमाम राज्यों को पछाड़ा है जो विकास के मॉडल हैं। हमने प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ाई है।
30 फीसदी से ऊपर ऋणग्रस्तता, एफआरपीएम का भी पालन नहीं, तब भी बजट दो लाख करोड़: उन्होंने कहा कि बजट सरकार का सामान्य लेखा जोखा नहीं है, बल्कि रोडमैप भी होता है। उन्होंने सपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि 20 करोड़ की आबादी का राज्य दो लाख करोड़ का बजट ऊंट के मुंह में जीरा है। जबकि उस समय प्रदेश में 30 फीसदी से ऊपर ऋणग्रस्तता थी। एफआरपीएम की सीमा का भी पालन नहीं हो रहा था, तब भी बजट कितना था? दो लाख करोड़। 20 करोड़ की आबादी को उसकी बुनियादी सुविधाएं इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, किसानों, युवाओं, महिलाओं, गांव, नगरों, समाज के हर तबके के लिए क्या हम ईमानदारी से कार्य कर पाते। इसीलिए पिक एंड चूज होता था। यह मेरा, यह पराया। आज आप नहीं कह सकते कि सरकार ने कहीं मेरा या पराया किया है।