जानिए, बदल जाएंगे 1 अप्रैल से लेनदेन के नियम

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50 करोड़ रु के लेनदेन पर एलईआई कोड 1 अप्रैल से अनिवार्य

लेनदेन पर सरकार की होगी नजर

भारतीय रिजर्व बैंक ने 50 करोड़ रु और इससे अधिक धनराशि को भेजने वाले और प्राप्त करने वाले ग्राहकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली ‘लीगल एंटिटी आइडेंटिफायर’ (एलईआई) कोड अगले माह 1 अप्रैल 2021 से अनिवार्य कर दिया है। रियल टाइम ग्राॅस सेटलमेंट (आरटीजीएस) और नेशनल इलेक्ट्राॅनिक फंड ट्रांसफर (नेफ्ट) प्लेटफाॅर्म से उक्त मात्रा में धनराशि के लेनदेन का रिकाॅर्ड रखने का निर्देश भी रिज़र्व बैंक जारी कर चुका है।

बीस (20) अंकों वाले एलईआई कोड को अपनाने से लेनदेन करने वाले ‘कौन, क्या, कहां से हैं’ यानि कि उनका पता-ठिकाना, पहचान उजागर हो जाती है। ये पारदर्शिता समग्र वित्तीय बाजार के लिए दिन पर दिन अति महत्व की होती जा रही है। वर्ष 2007-08 में ‘लेहमन संकट’ के वैश्विक दुष्प्रभाव भोगने केबाद ‘जी-20’ समूह के सदस्य देशों की सरकारों तथा नियामकों ने एकजुट होकर गहन मंथन किया और जोखिम प्रबंधन के तहत वित्तीय लेनदेन प्रक्रिया को अधिकतम पारदर्शी बनाने की जरूरत महसूस की गई।

इसी रणनीति के अंतर्गत ‘जी-20 समूह’ ने 2014, जून में गैर लाभ संस्था ‘ग्लोबल लीगल एंटिटी आइडेंटिफायर फाउंडेशन (जीएलईआई एफ) की स्थापना की। इसी फाउंडेशन के बैनर तले इस प्रणाली को ‘लीगल एंटिटी आइडेंटिफायर (एलईआई)’ नाम दिया गया। फाउंडेशन का निदेशक बोर्ड विभिन्न देशों में एलईआई कोड नंबर देने वाली मान्यताप्राप्त (जीएलईआईएफ से) क्षेत्रीय इकाइयों को नियंत्रित करता है।

भारत में एलईआई कोड नं. जारी करने के लिए ‘लीगल एंटिटी आइडेंटिफायर इंडिया लि. (यह कंपनी रिजर्व बैंक से अधिकृत कंपनी क्लियरिंग काॅर्पोरेशन आॅफ इंडिया लि. की सब्सिडियरी है) को मान्यता मिली है। बोर्ड के अलावा एक कमेटी भी है जो फाउंडेशन का संचालन करती है। बोर्ड में भारत सहित अन्य सदस्य देशों के दक्ष प्रतिनिधियों को शामिल किया जाता है। जीएल ईआईएफ का मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड के बासल शहर में स्थित है। एलईआई कोड नंबर एक वर्ष के लिए वैध होता है। प्रत्येक वर्ष इसे सशुल्क रिन्यू कराया जा सकता है।

अब तक के आकड़े खंगालने पर यह समझ में आता है कि अमनपसंद, उन्नत और विकास में प्रयासरत देशों में एलईआई प्रणाली काफी लोकप्रिय हुई या हो रही है। जबकि अशांत और अपराध बाहुल्य देशों में एलईआई को नहीं के बराबर महत्व दिया जा रहा है। इसका अर्थ यह कि उन देशों को वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता लाने में रुचि नहीं अथवा वहां इसकी उपयोगिता नहीं, या फिर सामाजिक राजनैतिक स्थितियां इसकी अनुमति नहीं देतीं।

विश्व में इस समय 17.44 लाख से अधिक सक्रिय एलईआई हैं। नन्हे से फिनलैंड में 33959, नाॅर्वे में 35688, जर्मनी में 1.40 लाख, इटली में 1.29 लाख, यूके में 1.53 लाख, कनाडा में 35277, भारत में 47996, चीन में 39302 और सबसे ज्यादा अमेरिका में 2.25 लाख से अधिक एलईआई सक्रिय हैं। जबकि अफगानिस्तान में 7, ईरान में 6, नेपाल में 28 व पाकिस्तान में 60 एलईआई सक्रिय हैं। जीएलईआईएफ ने एलईआई की फीस से कलेंडर वर्ष 2019 में करीब 125 करोड़ रु का राजस्व प्राप्त किया। इसी से अपने कर्मियों के वेतन भत्तों पर लगभग 32 करोड़ रु व्यय किए और अन्य मदों पर खर्च निकालने के बाद 58 करोड़ रु बचाए।

प्रणतेश नारायण बाजपेयी