देश में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का सबसे बड़ा राज्य यूपी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुशासन के बल पर निवेश का सबसे आकर्षक गंतव्य बना उत्तर प्रदेश, देश का सबसे बड़ा मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग स्टेट

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सुशासन के बल पर निवेश का सबसे आकर्षक गंतव्य बना उत्तर प्रदेश, देश का सबसे बड़ा मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग स्टेट है। भारत में बनने वाले मोबाइल फोन में 55 फीसद की हिस्सेदारी अकेले यूपी की है। देश में बनने वाला 60 प्रतिशत मोबाइल कम्पोनेंट भी उत्तर प्रदेश में ही बनता है। यह यूपी में निहित संभावनाओं की ही क्षमता है कि सैमसंग दुनिया का पहला मोबाइल डिस्प्ले यूनिट चीन से भारत और भारत में भी उत्तर प्रदेश में ले आया। आज प्रदेश देश में विकास और निवेश के अभियान का बड़ा हिस्सा बनकर उभर रहा है।

सीएम योगी दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में सैमसंग इनोवेशन कैंपस द्वारा आयोजित प्रमाणपत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में गोरखपुर विश्वविद्यालय और आईटीएम (इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट) के बीटेक के करीब 600 छात्र-छात्राओं को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से आठ छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 2017 और उसके पहले के उत्तर प्रदेश की परिस्थितियों से आहत दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी सैमसंग नोएडा की अपनी यूनिट बंद करना चाहती थी। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने सैमसंग के अधिकारियों को बुलाकर बातचीत की। उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी सभी समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। ऐसा किया भी। इसका परिणाम हुआ कि 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून ने सैमसंग द्वारा बनाई गई दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री का उद्घाटन किया।

इंस्टिट्यूट से मिले ज्ञान को इंडस्ट्री से जोड़ना आवश्यक : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इनोवेशन कैम्पस के लिए सैमसंग की सराहना करने के साथ अपेक्षा जताई कि जिन छात्रों को प्रशिक्षण प्राप्त हुआ है, उन्हें सैमसंग की नोएडा यूनिट का भ्रमण भी कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे सैमसंग इनोवेशन कैम्पस से प्रशिक्षण प्राप्त 3500 छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान के साथ इंडस्ट्री की चुनौतियों को भी समझने का अवसर मिलेगा। इंस्टिट्यूट से मिले ज्ञान को जब तक इंडस्ट्री से नहीं जोड़ेंगे तब तक प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया मिशन को सफलता मिलने में कठिनाई होगी। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिन भी पाठ्यक्रमों को जोड़ा गया है वे सभी न्यू एज कोर्स हैं जो आज ग्लोबल मार्केट की आवश्यकता हैं।

डिमांड के अनुरूप सप्लाई के मार्केट की मैपिंग जरूरी : सीएम योगी ने कहा कि डिमांड के अनुरूप सप्लाई के लिए आज के दौर की सबसे बड़ी जरूरत है मार्केट की मैपिंग करने की। यदि हम समाज की आवश्यकता के अनुसार मार्केट की मैपिंग नहीं करेंगे तो बेरोजगारों की फौज तैयार कर लेंगे। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि हमारे शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान ऐसे कोर्स तैयार करें जो युवाओं को अगले 20-25 वर्षों तक पैरों पर खड़ा कर सकें। इसके लिए संस्थानों को क्षेत्रीय, देश और दुनिया की आवश्यकता के अनुरूप मैपिंग कराकर कोर्स चलाने होंगे क्योंकि रटी-रटाई बातों को लेकर चलने का परिणाम यह होगा कि हम पिछड़ जाएंगे।

मुख्यमंत्री इंटर्नशिप योजना से साकार होगी आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना : सीएम योगी ने कहा कि मुख्यमंत्री इंटर्नशिप योजना के जरिये सरकार आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को शिक्षण संस्थानों के कैम्पस से ही साकार करने जा रही है। कैम्पस में ही ट्रेनिंग दिलाकर यूथ को जॉब दिलाने या स्टार्टअप शुरू करने की गारंटी दी जाएगी। इस योजना में फाइनल ईयर के छात्र के प्रोजेक्ट वर्क को किसी इंडस्ट्री में इंटर्नशिप से जोड़ा जाएगा। इसमें छात्र को आधा मानदेय सरकार और आधा मानदेय संबंधित इंडस्ट्री द्वारा दिया जाएगा।

सोशल इम्पैक्ट स्टडी करें विश्वविद्यालय व अन्य संस्थान, सरकार देगी फीस : इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं अन्य शिक्षण संस्थानों का आह्वान किया कि वे सोशल इम्पैक्ट स्टडी (सामाजिक प्रभाव अध्ययन) करें क्योंकि कोई भी निवेशक किसी क्षेत्र में यूनिट लगाने या निवेश करने के लिए उस क्षेत्र के सामाजिक प्रभावों को परखता है। सरकार खुद इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च करती है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में बाढ़ के कारण और समाधान को लेकर या फिर यहां के इतिहास पर सोशल इम्पैक्ट स्टडी की जा सकती है। इसके लिए सरकार पैसा देगी। इससे विश्वविद्यालय व संस्थानों को अतिरिक्त आय तो होगी ही, छात्रों को नया अनुभव मिलेगा। उन्होंने कहा कि लकीर का फकीर बनने की बजाय हमे नवाचार पर ध्यान देना होगा।

विकास और निवेश के बड़े अभियान का हिस्सा बन रहा यूपी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा यूपी आज विकास और निवेश के बड़े अभियान का हिस्सा बन रहा है। 2017 में जब उनकी सरकार आई तो निवेश के लिए प्रयास शुरू किए गए। उन्होंने कहा कि सुशासन की पहली शर्त होती है सुरक्षा। 2017 के पहले जब यूपी में व्यक्ति ही सुरक्षित नहीं था तो उसकी पूंजी कैसे सुरक्षित रहती। इसे देखते हुए सरकार ने अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई। उन्होंने कहा कि छह माह की कवायद के बाद इसमें लगी टीम ने बताया कि 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो पाएगा। कारण पूछने पर बताया गया कि यूपी इतना बदनाम था कि यहां कौन निवेश करने आना चाहेगा। पर, सरकार ने कानून व्यवस्था मजबूत करने के साथ अलग अलग 27 सेक्टर के लिए पॉलिसी बनाई। किसी भी राज्य में इतने तरह की पॉलिसी नहीं है। निवेश मित्र पोर्टल के जरिए 450 तरह की एनओसी के लिए एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराया। निवेश सारथी से एमओयू मॉनिटरिंग की व्यवस्था की और उत्पादन के बाद ऑनलाइन इंसेंटिव देने की व्यवस्था की। इसका परिणाम है कि जिस प्रदेश में मुश्किल से 20 हजार करोड़ का निवेश हो रहा था, वहां 2023 में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले। इन प्रस्तावों का सीधा अर्थ है दो करोड़ युवाओं को रोजगार की गारंटी। उन्होंने कहा कि इस रोजगार की संभावना के अनुरूप युवाओं को डिजिटली सक्षम बनाने के लिए सरकार स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत दो करोड़ टैबलेट, स्मार्टफोन का वितरण करने का अभियान भी शुरू कर चुकी है।