यूपी के अयोध्या-वाराणसी के साथ 17 महानगर बनेगें सोलर सिटी

0
264

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सोलर एनर्जी को प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार अयोध्या और वाराणसी के साथ 17 महानगरों को भी सोलर सिटी के रूप में विकसित करेगी। महानगरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के बाद योगी सरकार का लक्ष्य ग्रामीण इलाकों को सोलर ग्राम के रूप में विकसित करने की योजना पर कार्य करेगी। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार ने अयोध्या को प्रदेश की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। इस पर तेजी से कार्य चल रहा है, जबकि वाराणसी में भी बड़े पैमाने पर सोलर प्लांट लगाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।

अयोध्या में 14 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन शुरू : बुधवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनकर सामने आएगा। इसकी शुरुआत हो चुकी है। अयोध्या को हमारी सरकार सोलर सिटी के रूप में विकसित कर रही है। इसकी शुरुआत भगवान राम के चरणों से हुई है तो स्वाभाविक रूप से सफलता और बेहतर मिलेगी। अयोध्या के सर्किट हाउस की छत पर रूफटॉप सोलर प्लांट लग चुका है। अयोध्या में 14 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन होने लगा है और बाकी 40 मेगावाट का प्लांट लग चुका है जिसका उत्पादन भी जल्द होने लगेगा।

ऊर्जा मंत्री ने अयोध्या में सोलर सिटी को लेकर हुए कार्यों की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि अयोध्या में 2500 से ज्यादा स्ट्रीट लाइट्स सौर एनर्जी से संचालित होने लगी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अयोध्या में सोलर बोट का शुभारंभ कर दिया है। कई स्थानों पर वाटर एटीएम सौर ऊर्जा से चलायमान हैं। अयोध्या में लगभग 40 चौराहे ऐसे हैं जहां सोलर ट्री लगाए गए हैं।

वाराणसी में 25 हजार रूफटॉप सोलर प्लांट बनाने का लक्ष्य : ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अयोध्या को हमने सोलर सिटी बना दिया है और अगला लक्ष्य सरकारी इमारतों की छतों पर सोलर रूफटॉप प्लांट लगाने का है। पीएम मोदी के निर्देश पर और सीएम योगी के नेतृत्व में वाराणसी में 25 हजार रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने का लक्ष्य मिला है। इस पर तेजी से कार्य किया जा रहा है और जल्द ही अयोध्या की तर्ज पर वाराणसी को भी सोलर सिटी के रूप में विकसित कर लिया जाएगा। यही नहीं, अयोध्या और वाराणसी की तर्ज पर राज्य के 17 महानगरों को भी सोलर सिटी के रूप में विकसित किए जाने की तैयारी है। इसके साथ ही प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में भी सोलर प्लांट लगाने की कार्यवाही शुरू की जाएगी। उन्होंने प्रदेश में चार्जिंग स्टेशन लगाए जाने के लिए कहा कि जल्द ही इसका रोडमैप शेयर किया जाएगा। प्रदेश में व्यापक पैमाने पर चार्जिंग स्टेशन बनाने की तैयारी है, क्योंकि जब तक चार्जिंग स्टेशन नहीं बनेंगे तब तक लोग ईवी का उपयोग नहीं करेंगे। ऐसे में यह सरकार की प्राथमिकताओं में सम्मिलित है।

2025-26 में आउटसोर्स कर्मियों को 20 परसेंट तक मिलेगा परफॉर्मेंस इंसेटिव्स : ऊर्जा मंत्री ने बताया कि यूपीपीसीएल कारपोरेशन के द्वारा राजस्‍व (थ्रू-रेट) में वृद्धि के आधार पर आउटसोर्स कार्मिकों को परफॉर्मेंस इंसेंटिव देने की व्‍यवस्‍था (प्रोत्‍साहन योजना) लागू की गई है। प्रोत्‍साहन योजना के अंतर्गत पात्र पाए गए उपकेंद्रों के संविदा कार्मिकों को परफॉर्मेंस इंसेंटिव्स के तौर पर माह में मिलने वाले पारिश्रमिक पर वर्ष 2024-25 में प्रतिमाह 10 प्रतिशत की राशि दी जाएगी। पुन: यदि उन्‍हीं उपकेंद्रों पर वर्ष 2024-25 के सापेक्ष आपूर्ति की गई विद्युत के सापेक्ष राजस्‍व (थ्रू-रेट) में वृद्धि होती है तो वर्ष 2025-26 में प्रतिमाह 10 प्रतिशत की राशि अतिरिक्‍त (अर्थात कुल 20 प्रतिशत इंसेंटिव) दी जाएगी। विभागीय कार्य के दौरान मृत्‍यु होने की दशा में मिलने वाली अनुग्रह राशि को कारपोरेशन द्वारा 5 लाख से बढ़ाकर 7.50 लाख रुपए कर दिया गया है।

कंज्यूमर एप से 31 हजार कंज्यूमर्स ने 7 करोड़ से ज्यादा का किया भुगतान : एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रदेश में ट्रस्ट बिलिंग व्यवस्था की शुरुआत के लिए लांच किए गए कंज्यूमर एप को काफी पसंद किया जा रहा है। वर्तमान में 2,95,000 उपभोक्‍ता इस एप का उपयोग कर रहे हैं। यूपीपीसीएल में कंज्यूमर एप 10 अक्‍टूबर, 2023 को लांच हुआ था। 2023-24 में 30,704 उपभोक्‍ताओं द्वारा एप के माध्यम से 7,23,97,381 रुपए का भुगतान किया गया। बिजली चोरी के मामलों से जुड़े सवाल पर उन्होंने बताया कि प्रदेश में 01.04.2023 से 31.01.2024 तक विद्युत चोरी के 1,25,047 प्रकरणों में एफआईआर दर्ज की गई है। विद्युत चोरी के सापेक्ष 1,22,990 प्रकरणों में राजस्‍व निर्धारण किया जा चुका है, 19,543 प्रकरणों में धारा-3 एवं 5,869 प्रकरणों में धारा-5 की नोटिस प्रेषित की जा चुकी है। ओटीएस योजना के अंतर्गत विद्युत चोरी के 13,995 प्रकरणों का समाधान किया गया है।