लखनऊ। प्रदेश में कंजेनाइटल हार्ट डिजीज से ग्रसित नवजात शिशुओं की अब मौत नहीं होगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में चिल्ड्रेन हॉस्पिटल बनाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में बच्चे हार्ट डिजीज के साथ जन्म लेते हैं। इनमें से बहुत से शिशु को पहले ही साल में ही हार्ट डिजीज की सर्जरी की आवश्यक्ता होती है। इलाज न मिल पाने की वजह से इनमें से कई शिशुओं की मौत हो जाती है। इसको देखते हुए एसजीपीजीआई में शीघ्र अति शीघ्र सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन पीडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजी यूनिट का निर्माण किया जाए।
प्रदेश में जारी निवेश महाकुंभ के बीच मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर देश-विदेश के उद्यमी विकास परक योजनाओं में निवेश कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सीएम योगी ऐसे उद्यमियों का भी स्वागत कर रहे हैं, जो प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करना चाह रहे हैं। इस कड़ी में रविवार को अमेरिका की सलोनी हार्ट फाउंडेशन की फाउंडर एवं प्रेसीडेंट मृणालनी सेठी और उनके पति हिमांशु सेठी ने मुख्यमंत्री जी से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान सलोनी हार्ट फाउंडेशन की फाउंडर ने मुख्यमंत्री जी से एसजीपीजीआई में कंजेनाइटल हार्ट डिजीज से ग्रसित शिशुओं के लिए चिल्ड्रेन हॉस्पिटल बनाने की बात कही और इसके लिए 500 करोड़ रुपए के निवेश करने की इच्छा जाहिर की थी।
मुख्यमंत्री जी ने सलोनी हार्ट फाउंडेशन के प्रस्ताव का स्वागत किया और सरकार की तरफ से हर तरह के उन्हें हर तरह का सहयोग दिए जाने का भरोसा दिलाया। प्रस्ताव के तहत सलोनी हार्ट फाउंडेशन शुरुआती चरण में 30 बेड से यूनिट की शुरुआत करेगी। इसके सफल क्रियान्वयन के बाद दूसरे चरण में 100 और तीसरे चरण में यूनिट का विस्तार 200 बेड तक कर दिया जाएगा। यहां पर प्रतिवर्ष इस बीमारी से जूझने वाले 5 हजार बच्चों की सर्जरी और 10 हजार बच्चों का इलाज संभव हो सकेगा। इस यूनिट के पूर्ण रूप से संचालित होने के बाद बीएचयू के साथ मिलकर सलोनी हार्ट फाउंडेशन एक और यूनिट का भी निर्माण करेगी।