लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को किया। अभियान में प्रदेश के 50 जनपदों के 2.27 करोड़ बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलायी जाएंगी। इसमें पहले दिन 77 हजार बूथों पर, जबकि दूसरे दिन से छठे दिन तक 15 हजार पर्यवेक्षकों के नेतृत्व में 48 हजार टीमें घर घर जाकर 5 साल तक के बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाएंगे।
मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित कार्यक्रम में 10 बच्चों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाकर अभियान की शुरुआत करने के बाद सीएम ने कहा कि जबतक दुनिया से इस खतरनाक संक्रामक बीमारी का अंत नहीं हो जाता हमें सतर्क रहना होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे देशों में आज भी पोलियो का संक्रमण मौजूद होने के कारण हमारे देश के लिए भी खतरा मौजूद है, इसलिए हमें सतर्क रहने के साथ ही इस बीमारी के खिलाफ सामूहिक प्रयास करते रहने होंगे। मुख्यमंत्री ने पल्स पोलियो अभियान में विभिन्न धर्म गुरुओं और सामाजिक संगठनों को भी जोड़ने की बात कही है।
12 साल से यूपी में नहीं मिला पोलियो संक्रमित : मुख्मयंत्री ने कहा कि पोलियो एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन जब सामूहिक रूप से प्रयास होते हैं तो उसका भी हम समाधान निकाल देते हैं। पल्स पोलियो अभियान देश के अंदर उसी सामूहिक ताकत का अहसास कराता है। हमें याद है कि इसके लिए गांव गांव में बूथ लगाने और अवेयरनेस के बृहद कार्यक्रम को साथ में लेकर तमाम संगठनों ने सहभागी बनकर इसे सफल बनाया, उसके परिणाम आज हमारे सामने हैं। 12 साल से यूपी में कोई भी पोलियो से संबंधित मामला देखने को नहीं मिला है।
सीएम ने कहा कि आज 135 करोड़ लोग पोलियो जैसी संक्रामक बीमारी से मुक्त हुए हैं। मगर, संक्रामक होने के कारण ये बीमारी आसानी से एक जगह से दूसरी जगह संक्रमित हो सकती है, इसलिए दुनिया के कुछ ऐसे चुनिंदा देश बचे हैं, जहां इसपर नियंत्रण नहीं हुआ है। इस सतर्कता के लिए प्रतिवर्ष पोलियो उन्मूलन के लिए अभियान शासन स्तर पर संचालित हो रहा है। दो बूंद पोलियो ड्रॉप पिलाने से बच्चे को स्वस्थ रखा जा सकता है। छोटी सी लापरवाही भी किसी बच्चे को शारीरिक रूप से दिव्यांग बना सकती है। ये एक राष्ट्रीय क्षति है। हमने एक दशक पहले इस बीमारी के साथ ही इंसेफेलाइटिस, कालाजार, मलेरिया पर भी प्रभावी नियंत्रण लगाया है।
उपचार से महत्वपूर्ण बचाव : सीएम योगी ने कहा कि उपचार से महत्वपूर्ण बचाव होता है अगर प्रारंभिक स्तर पर ही हमने इसके लिए उचित कदम उठा लिए तो हम बड़ी जनहानि को रोक सकते हैं। इन्सेफलाइटिस की सफलता की कहानी इस दिशा में यूपी के सफलतम मॉडल के रूप में सबका ध्यान आकर्षित करती है। इसके अलावा हमारे देश ने कोरोना प्रबंधन का अपना मॉडल दुनिया के सामने रखा। जहां हमने 200 करोड़ वैक्सीन डोज सबको फ्री में दी है। यूपी में अबतक 38 करोड वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। इसके अलावा तीन करोड़ से अधिक प्रिकॉशन डोज हम यूपी में देने में सफल हुए।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से अपील करते हुए कहा कि ये वर्तमान और भविष्य को बचाने के लिए राष्ट्रीय अभियान है। हमें इसे सफल बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। कोई बच्चा छूटने ना पाए, ये हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य होना चाहिए क्योंकि स्वस्थ्य समाज ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में हर साल कहर मचाने वाले इंसेफेलाइटिस रोग का उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने पिछले 30 साल तक देखा है कि कैसे मध्य जुलाई से मध्य नवंबर तक इंसेफेलाइटिस का प्रकोप बच्चों के लिए कहर बनता था। अभी मैं पूर्वी उत्तर प्रदेश के दौरे पर था। गोरखपुर में मैने इंसेफेलाइटिस की वर्तमान स्थिति के बारे में अधिकारियों से पूछा। आप आश्चर्य करेंगे कि इस सीजन में अबतक 40 मरीज आए हैं इसमें जापानी इंसेफेलाइटिस के 7 हैं और एक्यूट इंसेफेलाइटिस के 33 मरीज हैं। ये बिल्कुल जीरो वाली स्थिति है, जोकि सामूहिक ताकत का परिणाम है। ऐसा नहीं है कि हमने इसके लिए कोई अलग से धन का प्रावधान किया हो। ये मौजूदा संसाधन, अंतरविभागीय समन्यव, क्लोज मॉनीटरिंग, कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने का परिणाम है जो आज हम सबके सामने है।