यूपी में रोजाना 60 हजार लोग करते हैं कॉल 112

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों का असर दिखना शुरू हो गया है। योगी 2.0 में कानून व्यवस्था के मामले में यूपी पुलिस को देश में नंबर एक पुलिस बनाने की तैयारी है। इसीलिए किसी भी मुसीबत में औसतन 12 मिनट में पहुंचने वाली यूपी 112 का रिस्पांस टाइम घटाकर 10 मिनट से कम करने का प्रयास शुरू हो गया है। इसके लिए कार्य योजना बनाकर चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जा रहा है।

सीएम योगी के सामने हाल ही में गृह विभाग ने सूक्ष्म, लघु और दीर्घकालीन रणनीति का प्रस्तुतिकरण किया था, जिसमें सीएम ने यूपी 112 के रिस्पांस टाइम को घटाने के निर्देश दिए थे। सीएम के निर्देश पर गृह विभाग ने यूपी 112 को अपग्रेड करने के लिए करीब 36 सौ करोड़ रुपए की कार्य योजना बनाई है। आने वाले समय में एनएचआईए, यूपीडा 1033, यीडा 1070 और आपदा हेल्प लाइन 1070 हेल्पलाइन को भी यूपी 112 से कनेक्ट किया जाएगा। इसके अलावा मौजूदा फ्लीट में 13 सौ चार पहिया और पांच सौ दुपहिया पीआरवी को जोड़ा जाएगा और पुराने पीआरवी को बदला जाएगा। साथ ही, इन वाहनों में जीपीएस डिवाइस और फ्लीट के अन्य उपकरण भी दिए जाएंगे।

वर्तमान में यूपी 112 को कॉल करने पर दो से ढाई मिनट संबंधित व्यक्ति की लोकशन समझने और पुलिस बल भेजने में समय लगता है। इस समय को घटाने के लिए गूगल के इमरजेंसी लोकेशन सर्विस के साथ यूपी 112 को जोड़ा जाएगा। इससे यूपी 112 को संबंधित व्यक्ति की लोकेशन खोजने में तत्काल मदद मिलेगी।

65 हजार मानव संसाधन की होगी और आवश्यकता : पूरे प्रदेश में यूपी 112 की सुविधा लोगों को देने के लिए संसाधनों में इजाफा किया जाएगा और अधिक से अधिक तकनीक के उपयोग पर जोर दिया जाएगा। इसके लिए करीब 65 हजार और पुलिस कर्मियों की जरूरत होगी। यूपी 112 में स्वचालित तकनीकी का उपयोग कर चैट बोट के माध्यम से सोशल मीडिया और एसएमएस में लगने वाले मानव संसाधन को कम किया जाएगा। लोगों का फीडबैक भी आटोमेटिक होगा। जिससे कम से कम मानव संसाधन होगा।

रोजाना 60 हजार लोग करते हैं कॉल : 19 नवंबर 2016 से 28 फरवरी 2022 तक यूपी 112 को 12 करोड़ से अधिक लोगों ने कॉल किया है। इसमें साढ़े 33 लाख लोगों ने चिकित्सा संबंधी, ढाई लाख आग से संबंधी और 18 लाख महिला संबंधी कॉल यूपी 112 को आई हैं। फिलहाल, यूपी 112 को रोजाना 60 हजार कॉल लोग करते हैं। वर्तमान में यूपी 112 के पास 32 सौ चार पहिया और 16 सौ दुपहिया पीआरवी हैं।