रंग ला रही गो संरक्षण-संवर्द्धन नीति, दुग्ध उत्पादन में अव्वल है यूपी

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नन्दबाबा और गोकुल पुरस्कारों से पशुपालकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का माहौल

प्रदेश के 10 जिलों में जल्द लोकार्पित होंगी ग्रीनफील्ड डेयरियां

लखनऊ। गो-वंश के संरक्षण और संवर्धन की योगी सरकार की नीतिया रंग ला रही है। सरकार की नीतियों से न केवल निराश्रित गोवंश का संरक्षण हो रहा है, बल्कि दुग्ध उत्पादन में भी साल-दर-साल रिकॉर्ड बन रहा है। नतीजतन दुग्ध उत्पादन के मामले में उत्तरप्रदेश लगातार नम्बर एक के पायदान पर है। गुरुवार को विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने अभिभाषण में सरकार के इन प्रयासों की सराहना की।

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि साल 2017–18 में उत्तर प्रदेश में 29,052 हज़ार टन दूध का उत्पादन हुआ था, जो 2018-19 में बढ़कर 30519 हजार टन हो गया। दूध उत्पादन में दूसरे नंबर पर राजस्थान का नंबर आता है। दूध उत्पादकों के मध्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा दुधारु पशुओं के रखरखाव हेतु प्रोत्साहित करके दूध उत्पादन को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने गोकुल पुरस्कार एवं देशी गोवंश की गाय से सर्वाधिक दूध उत्पादक को नंदबाबा पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं। इससे पशुपालकों के बीच एक अच्छा सन्देश भी गया। इस नीति ने पशुपालन में एक नई क्रांति सा माहौल तैयार किया है। यही नहीं, प्रदेश सरकार राज्य में 10 ग्रीनफील्ड डेयरियों की स्थापना करा रही है। यह ग्रीनफील्ड डेयरियां कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, मेरठ, बरेली, कन्नौज, गोरखपुर, फिरोजाबाद, अयोध्या और मुरादाबाद में स्थापित की जा रही हैं। साथ ही, झांसी, नोएडा, अलीगढ़ तथा प्रयागराज की 4 पुरानी डेयरियों के उच्चीकरण का कार्य भी कराया जा रहा है।

दुग्ध किसानों को मिल रहे क्रेडिट कार्ड: योगी सरकार प्रदेश में पंजीकृत 12 लाख से अधिक दुग्ध किसानों का क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करा रही है। प्रदेश के 75 जिलों में करीब 21,537 दुग्ध समितियां हैं, जिनसे लगभग 1279,560 पंजीकृत दुग्ध उत्पादक जुड़े हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इन्हीं दुग्ध उत्पादकों को लक्ष्य करके किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने पर जोर दिया जा रहा है। जिला और ब्लॉक स्तरीय बैंक समितियां व बैंक मित्र दुग्ध संघ के तहत पंजीकृत दुग्ध किसानों को लक्ष्य कर रही हैं, जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं है।

445.07 लाख पशुओं का टीकाकरण: प्रदेश में पशुओं की नस्ल सुधार हेतु पशु प्रजनन नीति 2018 क्रियान्वित की जा रही है। यही नहीं प्रदेश में खुरपका-मुंहपका रोग के नियंत्रण हेतु इस वित्तीय वर्ष में 520.36 लाख का लक्ष्य के सापेक्ष 445.07 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। प्रदेश के द्वारा गोवंश संरक्षण केंद्र एवं गोवंश वन्य बिहार का निर्माण किया जाए जा रहा है, इनमें से 118 केंद्र का निर्माण कार्य पूर्ण भी हो चुका है। मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत 66 हजार से अधिक गोवंश, इच्छुक पशु पालकों की सुपुर्दगी में दिए गए हैं। यही नहीं, अब तक पांच हजार से अधिक आश्रय स्थलों में 5.31 लाख गो वंशीय पशु संरक्षित किए गए हैं।