शनिवार को दिल्ली में होगी यूपी भाजपा की पंचायत

* योगी शुक्रवार 26 जुलाई को ही पहुंच गए हैं दिल्ली * शनिवार 27 जुलाई को पहुंचेंगे दोनों उप मुख्यमंत्री * संघ प्रमुख भागवत भी 27-28 जुलाई को दिल्ली में रहेंगे * योगी की बैठकों में नहीं जा रहे दोनों डिप्टी सीएम * प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भी नहीं गए समीक्षा बैठक में * पल्लवी पटेल से योगी की हुई मुलाकात पर राजनीतिक चर्चाएं

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लखनऊ। यूपी बीजेपी के विवाद का पटाक्षेप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिल्ली प्रवास में हो जाने की संभावना है। योगी शुक्रवार 26 जुलाई की शाम को दिल्ली पहुंच गए और 28 जुलाई तक रहेंगे। दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक भी 27 जुलाई को दिल्ली पहुंच जाएंगे। खबर है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी वहां पहुंचेंगे। इन सभी लोगों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात होनी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत भी संगठन के काम से 27-28 जुलाई को दिल्ली पहुंच रहे हैं। जानकारों का मानना है कि इसी दौरान इस विवाद का हल निकाल लिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश भाजपा में मुख्यमंत्री योगी और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच उठा विवाद इस समय चरम पर है। इतना कि योगी द्वारा बुलाई गई प्रयागराज मंडल की समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य नहीं पहुचे। उन्हीं का अनुसरण करते हुए दूसरे डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी लखनऊ मंडल की समीक्षा बैठक में नहीं गए जबकि वे लखनऊ में ही थे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी मुरादाबाद मंडल की समीक्षा बैठक में नहीं पहुंचे थे जबकि वे मुरादाबाद मंडल से ही आते हैं। सूत्रों ने बताया कि बैठक में नहीं जाने के बारे में तर्क देते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का कहना है कि जब हमें 25 जिलों का प्रभार दिया गया है तो किसी एक मंडल की समीक्षा बैठक में जाने का क्या मतलब। पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी बैठकों में क्यों नहीं गए इस बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं मिल पायी है।

शुक्रवार 26 जुलाई की शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली के लिए निकल गये। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात का समय मांगा है। इसके अलावा योगी 27 जुलाई को नीती आयोग की बैठक में भाग लेंगे। 28 को योगी का भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उप मुख्यमंत्रियों की बैठक में भाग लेने का कार्यक्रम है।

सूत्रों का कहना है कि 27 जुलाई को नीती आयोग की बैठक के बाद यूपी भाजपा को लेकर एक बड़ी बैठक होगी। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी भाजपा के प्रभारी बीएल संतोष, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक के अलावा संगठन के कुछ और लोगों के भी रहने की संभावना है। इसी बैठक में किसी सम्मान जनक फार्मूले के निकलने की उम्मीद है। 27 जुलाई को ही संघ प्रमुख मोहन भागवत भी दिल्ली में ही रहेंगे इसलिए इस बैठक को उनका भी मार्गदर्शन प्राप्त होने की उम्मीद है।

क्या यूपी बीजेपी में सब कुछ ठीक चल रहा है, ये सवाल फिलहाल यक्ष प्रश्न बना हुआ है। आपस में तल्खी की खबरों के बीच केशव प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी के विभाग को एक चिट्ठी भी लिख दी थी। उन्होंने नियुक्ति व कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर आरक्षण का ब्यौरा मांगा था। बीजेपी में अंदरूनी खींचतान के बीच डिप्टी सीएम यह लेटर काफी अहम् हो गया है।

केशव ने आउट सोर्सिंग और संविदा कर्मचारियों का ब्यौरा मांगा है। पत्र में डिप्टी सीएम ने लिखा है कि “मैंने 11 अगस्त 2023 में इस मुद्दे को विधान परिषद में उठाया था और जानकारी चाही थी। 16 अगस्त 2023 को यह पत्र लिखा गया था। जानकारी न मिल पाने के कारण फिर पत्र लिख अधिकारियों को आदेशित किया गया है कि सूची एकत्र कर
अवलोकनार्थ प्रस्तुत करें। हालांकि, ये कोई पहला पत्र नहीं है। इससे पूर्व अगस्त, 2023 को भी केशव मौर्य उक्त विभाग को पत्र लिख चुके हैं। बहरहाल विभाग ने केशव प्रसाद मौर्य को उक्त जानकारी उपलब्ध करा दी है। पर जानकार इसे वर्तमान में दोनों नेताओं के बीच तल्खी से जोड़ कर देख रहे हैं। और पत्र की टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं।

इस बीच योगी का विधायकों और अन्य नेताओं से मुलाकात का सिलसिला जारी है। बुधवार को उन्होंने बरेली और मुरादाबाद मंडलों के विधायकों और नेताओं से मुलाकात की। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मुरादाबाद मंडल से आते हैं और विधान परिषद सदस्य हैं, किन्तु वे बैठक में नहीं पहुंचे। इस बैठक में सभी विधायक अपने साथ समस्याओं का पिटारा लेकर आए थे। खबर है कि इस बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव हुई हार और 2027 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भी चर्चा हुई। इसके बाद प्रयागराज मंडल की समीक्षा बैठक हुई। जिसमें बुलावे के बावजूद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य नहीं पहुचे। यहां एक बात उल्लेखनीय है कि अपना दल कमेरावादी की नेता और सिराथू में केशव प्रसाद मौर्य को हराने वाली पल्लवी पटेल ने योगी से मुलाकात की। पल्लवी पटेल ने 24 जुलाई की शाम को मुख्यमंत्री से लगभग 20 मिनट बातचीत की। राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। इसके बाद 26 जुलाई को हुई लखनऊ मंडल की बैठक में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी नहीं गए।

मुख्यमंत्री योगी ने शिकायतों के मद्देनजर आईएएस और पीसीएस अधिकारीयों को इधर-उधर किया है। योगी इस समय कानून व्यवस्था, जन कल्याण के मामले को लेकर बहुत सख्त हैं। वे हर हाल में कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करना चाहते हैं ताकि 27 जुलाई को होने वाली मीटिंग में अपनी परफॉर्मेंस प्रधानमंत्री को दिखा सकें और मीटिंग में कोई बात उठे तो उसका माकूल जवाब दिया जा सके। इसी संदर्भ में योगी ने सभी उप जिलाधिकारियों और तहसीलदारों को निर्देश दिए हैं कि वे अपनी तहसील में ही निवास करें। सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को इसका अनुपालन कराने और स्टेटस रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। सीएम योगी अब तक 10 मंडलों में समीक्षा कर चुके हैं। उन्होंने सभी सांसदों, विधायकों और एमएलसी से एक-एक कर बात की है।

अभयानंद शुक्ल
राजनीतिक विश्लेषक