… तो जानें कैसे करें दिमाग का सही इस्तेमाल

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कोई भी काम करते समय मानसिक एकाग्रता के स्थान पर मन का इधर उधर की बातों में भागना सोचना और चिंतन करना युवाओं की एक बड़ी समस्या है। केरियर को तबाह कर देने वाली इस समस्या पर डॉक्टर रजनी पोरवाल जो श्रीनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भगवत दास घाट की मुख्य चिकित्सक है, ने बहुत ही ज्ञानवर्धक और लाभकारी जानकारी दी है।

दिमाग कैची से भी तेज लेकिन कैरियर चौपट ?? : दिमाग से बहुत तेज़ अनेकों युवा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल रहते हैं। दिमागी रूप से वह बुद्धिमान है लेकिन अपने बुद्धि कौशल के बल पर वह प्रयास करने, मेहनत करने के बावजूद भी लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते। आखिर क्यों ? यह युवाओं का एक ज्वलंत प्रश्न है। ऐसे अधिकांश मामलों में दिमागी शक्ति अपने लक्ष्य के स्थान पर अन्य फालतू व निरर्थक बातों को सोचने उनका चिंतन करने में बुद्धि की ऊर्जा खर्च होने लगती है। जब युवा अपनी मानसिक ऊर्जा को मित्रों के साथ बैठकर गपशप, सोशल मीडिया, व्हाट्सएप, फेसबुक, टीवी, फिल्में या अन्य इधर-उधर की गतिविधियों में खर्च करना शुरू कर देता है। फल स्वरूप वह दिमागी रूप से तेज होते हुए भीअपने लक्ष्य से विमुख हो जाता है और जितनी मानसिक एकाग्रता और मानसिक शक्ति के साथ उसे अपने कैरियर कंपटीशन, पढ़ाई या व्यवसाय में पूरी तत्परता के साथ जुटना चाहिए वह मानसिक ऊर्जा अनावश्यक नष्ट होती रहती है। यही सबसे बड़ा कारण है की बुद्धिमान, दिमाग से बहुत तेज युवा छोटे-छोटे कंपटीशन पास करने में असफल हो जाते हैं।

कंपटीशन या उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को इधर उधर की किसी एक्टिविटी में अपनी मानसिक ऊर्जा को खर्च नहीं करना चाहिए। उसे संतुलित आहार लेकर अपने स्वास्थ्य व 6 से 8 घंटे की नींद का ख्याल रखते हुए पूरी मानसिक शक्ति के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का उद्देश्य सर्वोपरि रखना चाहिए। जब भी मन में यह विचार आए या सोच पैदा हो कि हम पढ़ाई भी करेंगे, डांस भी सीखेंगे या किसी अन्य एक्टिविटी मे सम्मिलित होकर अपना ज्ञान बढ़ाएंगे। मेरा सुझाव है कि विद्यार्थी को विशेषकर प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रतिभागी को किसी एक्टिविटीज या ऐसा कार्य जो उसकी मानसिक ऊर्जा को नष्ट करें.. उसे बांट दे.. हर युवा प्रतिभागी को ऐसै प्रयासों से बचना चाहिए। उसे अपनी पढ़ाई को एंजॉय करना चाहिए.. उसे अपने किताबों को पुस्तकों को अपना मित्र समझना होगा.. एकाग्रता पूर्वक पढ़ाई को ही पूजा अर्चना समझना होगा.. बनाना होगा और पढ़ाई के रास्ते पर ही आनंद प्रसन्नता और खुशियां महसूस होने चाहिए। पूरी मानसिक शक्ति के साथ ज्ञानार्जन और पढ़ाई के साथ-साथ सेहत का भी ख्याल जरूरी है। आउटडोर गेम्स, योग या घर के काम जैसे शारीरिक श्रम से पढ़ाई के नाम पर जी नहीं चुराना चाहिए।

वर्तमान में जीना सीखें : मन को एकाग्र करने के लिए सबसे पहला प्रयास आप वर्तमान में जीना शुरू करें। जिस वक्त जो कार्य कर रहे हैं, पूरी तल्लीनता के साथ वह काम करें। इधर उधर की बात बिल्कुल ना सोचे। ज्यादातर लोग ऑफिस का काम करते समय घर-परिवार, मित्रों और रिश्तेदारों की सोचते हैं, जब घर में होते हैं तो ऑफिस का चिंतन करते हैं। फाइलों और ऑफिस के अनेकों कार्यों और सहयोगीयों का चिंतन करते हैं। वर्तमान कार्य पूरी तल्लीनता के साथ करने के स्थान पर भविष्य की बातों का चिंतन बुद्धिमान व्यक्ति के लिए उचित नहीं। जब भी जो कार्य करें उस वक्त फिर वही कार्य में पूरी मानसिक ताकत खर्च करें। इधर उधर की कोई भी बात ना सोचे ना विचार करें।

अपनी अभिरुचि बहुत सोच समझ कर लिए गए निर्णय के बाद अपने लक्ष्य से भ्रमित ना हो.. किसी के भी बहकावे में आकर अपने लक्ष्य को नजरअंदाज ना करें और ना ही एक साथ कई लक्ष्य बनाएं। उदाहरण के लिए आप बैंकिंग सेक्टर में लिपिक संवर्ग या ऑफिसर संवर्ग की नौकरी के लिए इच्छुक है तो आप बैंक रेलवे या किसी अन्य सरकारी संस्थान में इन्हीं संवर्ग के लिए नौकरी हेतु प्रयास करें। किंतु अनेकों बहुआयामी प्रतिभा के धनी और दिमाग से तेज युवा कभी बैंक में लिपिक संवर्ग मैं नौकरी के बारे में सोचते हैं तो कभी देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सर्विस के बारे में चिंतन करते हैं। इस प्रकार से अनेकों अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म भरते रहते हैं। ऐसे अत्यधिक चंचल मन के युवाओं के लिए प्रतिस्पर्धात्मक युग में अपना लक्ष्य प्राप्त करना कठिन हो जाता है। इसलिए एक निश्चित लक्ष्य रखें.. मन को इधर उधर भटकने ना दें.. अपनी पूरी शक्ति.. अपना पूरा शारीरिक और मानसिक ताकत अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने में खर्च करें सफलता आपके कदम चूमेगी।

बहुत काम के यह उपाय : मन की एकाग्रता के लिए संतुलित आहार लें। पौष्टिक और प्राकृतिक आहार को प्राथमिकता दें। जंक फूड, फास्ट फूड, ज्यादा तेल मसाले वाले आहार से बचें। गाजर का रस, टमाटर का रस और सेब जैसे फल मानसिक ऊर्जा की क्षय को रोककर याददाश्त में वृद्धि करते हैं। चक्रासन, सुप्तनौकासन, चरण आसान, सिंहासन व पक्षी आसन इन 5 आसन का प्रतिदिन प्रातः खाली पेट दो-दो मिनट अभ्यास मन को स्थिर एवं शांत करने में अत्यधिक फायदा देता है। पानी में रात भर भीगा अखरोट, बादाम और हरा पिस्ता, अंकुरित सोयाबीन और अंकुरित गेहूं के साथ सेवन करने से याददाश्त बढ़ती है। मन शांत होता है.. मन की उत्तेजना कम होकर दिमाग में ठंडक पहुंचती है।