देश में सोशल स्टाॅक एक्सचेंज स्थापित करने का ताना-बाना बुना जा रहा है। समाज के गैर लाभ संगठनों (नाॅन प्राॅफिट आॅर्गनाइजेशन) के साथ-साथ लाभ के लिए उद्यम (फाॅर प्राॅफिट एंटरप्राइज-एफपीई) और स्वैच्छिक संगठनों (वाॅलंटियर आर्गनाइजेशन-वीओ) के लिए धन जुटाने का नया मंच बनाने के खातिर भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने चालू सप्ताह में एक टेक्निकल ग्रुप का गठन भी कर दिया है।
नवगठित ग्रुप में 12 सदस्यों को नामित किया गया है। नाबार्ड के पूर्व चेयरमैन डॉ. हरीश कुमार भानवाल की अध्यक्षता में गठित ग्रुप में ओमिड्यार नेटवर्क इंडिया (सोशल इम्पैक्ट इन्वेस्टर) मैनेजिंग डायरेक्टर रूपा कुडवा, नाबार्ड के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर शाजी कृष्णन, सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड्स बोर्ड, आईसीएआई के चेयरमैन डॉ. संजीव सिंघल, सेंटर फॉर सोशल इम्पैक्ट ऐंड फिलैंथ्राॅपी, अशोका यूनिवर्सिटी के फाउंडर डायरेक्टर इंग्रिद श्रीनाथ, गाइडस्टर की सीईओ पुष्पा अमन सिंह, संतोष जयराम पार्टनर ऐंड हेड सस्टेनेबिलिटी सीएसआर एडवाइजरी केपीएमजी, वेद आर्य फाउंडर श्रीजन ऐंड आरसी, मैथ्यू चेरियन ग्लोबल एम्बेसडर हेल्पेज इंडिया के पूर्व मुख्य कार्यकारी, मुंबई स्टाॅक एक्सचेंज और नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज के एक-एक प्रतिनिधि, सेबी के अधिशाषी निदेशक अमरजीत सिंह, सेबी के मुख्य महाप्रबंधक जीवन सोनपरोट (संयोजक) को बतौर सदस्य शामिल किया गया है।
जानकारी है कि सेबी ने टाटा समूह के पूर्व शीर्ष प्रोफेशनल इशात हुसैन की अध्यक्षता में प्रस्तावित सोशल स्टाॅक एक्सचेंज की स्थापना के उद्देश्य से सितंबर 2019 में कार्य दल का गठन किया था। इस कार्य दल ने जून 2020 में अपनी रिपोर्ट सेबी को सौंप दी थी। कार्य दल ने सोशल वेंचर फंड और बाॅंड जैसे साधनों के जरिए पूंजी जुटाने की सिफारिश की है।
प्रस्तावित नवोन्मेषी एक्सचेंज को भारी खर्च से बचाने के लिए मुंबई स्टाॅक एक्सचेंज या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के आधारभूत ढांचे को इस्तेमाल करने की सिफारिश की गई है। एनपीओ, एफपीई और वीओ के लिए फाइनेंशियल रिपोर्टिंग का मानकीकरण करने की भी सिफारिश की गई है।
जानकारों के अनुसार कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के मद में निजी क्षेत्र की कंपनियों और सरकारी उपक्रमों द्वारा दी जाने वाली धनराशि को एफपीई, एनपीओ और वीओ के लिए बतौर पूंजी उपयोग करने के ऊपर भी विचार किया जा रहा है।
प्रणतेश नारायण बाजपेयी