केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड को 43 हजार करोड़ का झटका !

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कोविड19 के कारण कर वसूली रही शिथिल

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के शेष छः महीनों में हर संभव प्रयास से कर संग्रह अधिकतम करने के लिए अफसरों को निर्देश दिया है। बोर्ड ने चालू वित्त वर्ष में मार्च-अगस्त अवधि के दौरान कर संग्रह में 11 प्रतिशत यानी 43 हजार करोड़ रुपए की गिरावट के मद्देनजर यह निर्देश दिया है।

सूत्रों का कहना है कि कमतर संग्रह में सबसे अहम कारक कोविड के चलते लाॅकडाउन रहा। ताजा खबर है कि बोर्ड ने निदेशालयों और जोनल हेड्स से कोविड अनलाॅक होने का हवाला देते हुए मुस्तैदी से कर वसूली बढ़ाने का निर्देश दिया है। बोर्ड के चेयरमैन ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों से कहा है कि जितनी जल्दी हो वसूली अधिकतम की जाय, और यह भी कहा है कि जरूरत पड़ने पर प्रवर्तन कार्रवाई (बल प्रयोग) की जा सकती है। कोविड लाॅकडाउन के दौरान करदाताओं को दी गईं राहत-रियायतें या तो समेटी जा चुकीं हैं या समाप्त होने को हैं।

इसके अलावा करदाताओं से रिटर्न दाखिला बढ़ाना सुनिश्चित करने को कहा गया है। रिटर्न दाखिला बंद करने वालो, रिटर्न दाखिल नहीं करने वालो और रेडफ्लैग रिपोर्ट पर त्वरित कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया जा चुका है। पूर्व में जब्त और निस्तारण योग्य (डिस्पोजेबल) सोना तथा अन्य सामानों का उपयोग कर संग्रह बढ़ाने में किया जाय। बोर्ड चेयरमैन ने अपने अफसरों को विभागीय नए प्रावधानों और नियमों के क्रियान्वयन में व्यापार में सामान्यत: और आयात-निर्यात काऱोबार में खासतौर से व्यवधान उत्पन्न न होने को सजगता बरतने की हिदायत दी है।

चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त तक 3.42 लाख करोड़ रुपए अप्रत्यक्ष कर संग्रह किया जा सका जो कि बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में की गई 3.85 लाख करोड़ रुपए की वसूली के मुकाबले 43 हजार करोड़ रुपए कम है। बता दें कि बोर्ड उत्तर प्रदेश में लखनऊ और मेरठ, दिल्ली, चंडीगढ़, भोपाल, रांची, भुबनेश्वर, अहमदाबाद, वडोदरा, बंगलुरू, हैदराबाद, जयपुर, कोलकाता, मुंबई, नागपुर, पुणे, मैसुरु, कोयम्बतूर,चेन्नई, कोची, विशाखापत्तनम और शिलांग में सेंट्रल एक्साइज ज़ोन तथा मुंबई में 3, अहमदाबाद, बंगलुरू, त्रिचुरापल्ली, कोलकाता और पटना में कस्टम ज़ोन के माध्यम से क्रियाकलापों का संचालन करता है।

दूसरी तरफ इसी अवधि में प्रत्यक्ष कर संग्रह में तो 31प्रतिशत की अप्रत्याशित कमी दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2019-20 के पहले पांच महीनों में 2.79 लाख करोड़ रुपए की तुलना में चालू वित्त वर्ष में समान अवधि में 86993 करोड़ रुपए घटकर 1.92 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े पर सिमट गया।

प्रणतेश नारायण बाजपेयी