लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने का हरसंभव प्रयास कर रही है और उत्तर प्रदेश को पर्यटन का बड़ा केंद्र बनाना चाहती है। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार महापुरुषों से जुड़े स्थलों को पर्यटन के केंद्र में रूप में विकसित करेगी। इससे पर्यटन से जुड़े कारोबार को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही युवाओं के लिए रोजगार के अवसर विकसित होंगे।
योगी सरकार उत्तर प्रदेश को पर्यटन के विश्व मानचित्र पर स्थापित करना चाहती है। इसके लिए पर्यटन से जुड़ी सभी संभावनाओं को धरातल पर उतारने का प्रदेश सरकार प्रयत्न कर रही है। चाहे वो धार्मिक पर्यटन हो या ईको टूरिज्म। सरकार की मंशा है कि प्रदेश में अधिक से अधिक पर्यटक आएं और यहां के आर्थिक विकास में योगदान दें।
इसी कड़ी में प्रदेश सरकार महापुरुषों से जुड़े स्थलों को पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां पर्यटन के लिए आवश्यक सुविधाओं को विकसित किया जा रहा है। महापुरुषों की मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं। साथ ही आसपास आधारभूत सुविधाओं को बढ़ाया जा रहा है। पर्यटकों के आकर्षण के लिए पार्क, रोप-वे आदि का भी निर्माण किया जा रहा है।
योगी सरकार चित्रकूट के लालापुर में महर्षि वाल्मीकि आश्रम में पर्यटन विकास का कार्य करा रही है। पहले फेस में 187.15 लाख का कार्य पूरा हो चुका है। फेस-2 में 184.95 लाख रुपये का कार्य एक वर्ष में पूर्ण हो जाएगा। तीसरे फेस में पीपीपी माडल पर रोप-वे का निर्माण भी प्रस्तावित है। वाराणसी में संत रविदास की जन्मस्थली पर पर्यटन विकास का काम हो रहा है। फेस-1 में 1514.02 लाख से निर्माण कार्य जारी है। दूसरे फेस में संतरविदास संग्रहालय का निर्माण प्रस्तावित है।
प्रयागराज के शृंगेश्वरपुर में निषादराज गुहा से जुड़े स्थल को पर्यटकों के लिए विकसित किया जा रहा है। यहां निर्माण कार्य के साथ भगवान श्रीराम और निषादराज की गले मिलते हुए 51 फीट की कांस्य प्रतिम स्थापित की जाएगी। लखनऊ में महाराजा बिजली पासी किले का पर्यटन विकास कराया जा रहा है। यहां लाइट एंड साउंड शो भी शुरू करने की योजना है। इसके साथ ही बहराइच में महाराजा सुहेलदेव की स्मृति में भव्य स्मारक बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार इन स्थलों का विकास कर पर्यटन से जुड़े कारोबार को भी बढ़ावा देगी। यहां टूर एंड ट्रैवेल, होटल आदि कारोबार में वृद्धि होगी। इसके साथ ही यहां से जुड़े क्षेत्र के विकास को गति भी मिलेगी।