पामबन पुल: बेजोड़ सौन्दर्य एवं रोमांच

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भारतीय रेल को भी कम न समझें। जी हां, भारतीय रेल समुद्र का सीना चीर कर भी दौड़ती है। हालात यह हैं कि भारतीय रेल के इस चुनिंदा सफर के लिए देश विदेश के पर्यटक हमेशा लालायित रहते हैं क्योंकि यह रेल सफर खतरनाक दिखने के साथ साथ रोमांचकारी भी होता है। दक्षिण भारत में भारतीय रेल का खतरनाक एवं रोमांचकारी सफर सौ वर्ष से भी अधिक समय से अनवरत जारी है।

ब्रिटिशकाल में समुद्र के ऊपर रेल चलाने का यह विशिष्ट पुल बना। भारतीय रेल का यह पुल तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर को पामबन द्वीप से जोड़ता है। समुद्र पर बने इस पुल को पामबन द्वीप पुल के नाम से जाना जाता है। ब्रिाटिश इंजीनियर्स की देखरेख में इस पुल का निर्माण करीब तीस वर्ष की अवधि में हुआ। उस अवधि में भारतीय रेलवे को ब्रिाटिश रेलवे के नाम से जाना जाता था। पामबन द्वीप पुल का निर्माण वर्ष 1885 में प्रारम्भ हुआ। इसे वर्ष 1914 में पूरा किया गया। समुद्र पर बना करीब 6776 मीटर लम्बा यह पुल देश दुनिया के लिए बेहद रोमांचकारी है।

भारतीय रेलवे का यह पुल दुनिया के सबसे खतरनाक एवं कठिनाई भरे रेल मार्ग की सूची में शीर्ष पर दर्ज है। समुद्र तल से अधिक ऊंचाई न होने के कारण रेलवे पुल एवं रेल को अक्सर खतरनाक समुद्री लहरों का सामना करना पड़ता है। विशेषज्ञों की मानें तो पामबन द्वीप पुल की बेहतर देखभाल एवं रखरखाव के लिए रेलवे के विशेषज्ञों का दल हमेशा तैनात रहता है। शायद यही कारण है कि सौ वर्ष से भी आयु पूर्ण करने वाला यह पुल ज्यों का त्यों बना हुआ है।

ब्रिटिश इंजीनियर्स की देखरेख में बने इस खूबसूरत, खतरनाक एवं रोमांचकारी रेल पुल को कच्छ गुजरात के कारीगरों एवं श्रमिकों ने अस्तित्व एवं आकार दिया। खास यह है कि एक सौ पैंतालिस कंक्रीट के पिलर्स अर्थात खम्भों वाला यह पुल बीच में खुलता भी है। पामबन पुल से गुजरने वाली ट्रेनों से यात्रा करने की ललक देश विदेश के पर्यटकों में रहती है तो वहीं यात्रा के दौरान समुद्र की उठती लहरों को देख कर कलेजा तक कांप जाता है।

इसके बावजूद सबकुछ सुरक्षित का एहसास भी होता है। यात्रा करने वाले पर्यटकों को सौन्दर्यबोध के साथ साथ रोमांच का अनुभव भी होता है। पामबन पुल से गुजरने वाली ट्रेन से यात्रा करना जीवन का एक अनूठा अनुभव भी होता है। इसे प्रकृति एवं तकनीकि का बेजोड़ मेल कहा जाये तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। हालात यह हैं कि देश दुनिया के पर्यटकों की चाहत होती है कि पामबन द्वीप पुल पर ट्रेन से एक बार सफर अवश्य किया जाये।