हे भाजपा के पालन हार, आपको दंडवत प्रणाम

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हे भाजपा के पालन हार, आपको दंडवत प्रणाम है…… आप कहां हैं प्रभु, मैं बीते साल भर से आपके दर्शन को गली-गली, मोहल्ले- मोहल्ले, कार्यालय-कार्यालय भटक रहा हूं. आखिर आप कितनी परीक्षा लेंगे. मेरे धैर्य की सीमा अब समाप्त हो चुकी है क्योंकि जहां पर मैं रहता हूं वहां 13 मई को आम चुनाव है और अब से ठीक साढ़े तीन घंटों के बाद चुनाव प्रचार भी थम जाएगा. मुझे मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली कि आपका नाम “पन्ना प्रमुख” है, यह भी बताया गया कि “अबकी बार चार सौ पार” का सपना देख रहे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आप ही आधार स्तंभ हैं. बीते माह यानी 28 अप्रैल को भाजपा के चुनावी चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने कुछ घंटों के कानपुर प्रवास में भी आपको जीत का मंत्र देते हुए कहा था कि अब से 11 मई तक हर घर में कम से कम तीन बार दस्तक देकर भाजपा के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित करो. जो लोग भाजपा समर्थक नहीं हैं उन्हें समर्थक बनाओ.

मुझे उसी दिन से लगा कि अब तो भाजपा में भगवान बने आदरणीय “पन्ना प्रमुख” भगवान के रूप में किसी न किसी दिन तो अपने इस भक्त को दर्शन देंगे लेकिन आप नहीं आए. कोई बात नहीं हो सकता है कि आप किन्हीं और भी अधिक महत्वपूर्ण कार्यों में व्यस्त हों. आपके ऊपर सेक्टर प्रमुख साहब हैं, उन्होंने भी मेरे जैसे तुच्छ मतदाताओं की चिंता नहीं की. पार्टी के ढांचे के अनुसार सेक्टर यानी पोलिंग स्टेशन प्रमुख के ऊपर बूथ अध्यक्ष और उनकी टोली, फिर मंडल अध्यक्ष और टोली, मंडल प्रभारी, विधानसभा क्षेत्र प्रभारी और संयोजक, विधायक जी या चुनाव लड़ चुके प्रत्याशी महोदय, जिलाध्यक्ष एवं जिला प्रभारी, चुनाव संयोजक एवं चुनाव प्रभारी और इसके ऊपर के ऊपर के ऊपर तक की लंबी लिस्ट बना रखी है. प्रत्याशी महोदय की अपनी समस्या है क्योंकि मैं तो 16.32 लाख में से एक हूं और मुझसे वो कैसे संपर्क कर सकते हैं, वह तो नगर लोकसभा सीट के मुख्य लोगों को जानते भी नहीं हैं, हालांकि इसमें उनका कोई कसूर भी नहीं है क्योंकि कानपुर से उनका कोई लेना देना भी नहीं है, हां कुछ समय यहां पढ़ने और कार्य करने में जरूर समय लगाया है सो चंद लोग उनके साथ हैं भी. बाकी तो हाथ लहराने वाले नेता ही हैं.

“हे पन्ना प्रमुख रूपी देवता” अंत में मैं बिना आपको देखे संपर्क किए आपकी अत्यधिक व्यस्तता जानकर आपको प्रणाम करता हूं क्योंकि आप तो मोदी जी के लिए नींव के पत्थर हैं जो न बोल सकते हैं और न ही हिल सकते हैं. आप चिंता न करें चुनाव आयोग के कर्मचारियों ने पूरे घर की वोटर पर्चियां भेज दी हैं. मैं 13 को मतदान तो अवश्य करुंगा पर किसे यह अभी तय नहीं किया है क्योंकि आपके द्वारा जिम्मेदारी न निभाने से आहत हूं …….

अंजनी निगम
वरिष्ठ पत्रकार कानपुर