प्रमोटरों की मनमानी नहीं चलेगी निदेशकों की नियुक्ति में… सूचीबद्ध यानी स्टाॅक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी में किसी भी निदेशक चाहे वह प्रमोटर या उसका पसंदीदा व्यक्ति ही क्यों न हो, शेयरधारकों की अनुमति के बिना नियुक्त नहीं किया जा सकेगा। शेयर बाजार नियामक इस संबंध में मौजूदा लिस्टिंग प्रावधानों-नियमों में संशोधन करने की प्रक्रिया में है। सबकुछ अनुकूल रहा तो निदेशक पद पर नियुक्ति के संशोधित नियम 2024, 1 अप्रैल से लागू कर दिए जाएंगे।
शेयर बाजार नियामक सेबी कार्पोरेट कामकाज में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से उक्त संशोधन करने के प्रयास में है। अभी कोई भी प्रमोटर अपने निहित स्वार्थ को पूरा करने के खातिर अपने चहेते व्यक्ति को अथवा स्वयं भी मनमानी अवधि तक (स्थाई रूप से) कंपनी में निदेशक नियुक्त कर लेता है। सेबी प्रस्तावित संशोधन के अंतर्गत यह नियम लागू करने की तैयारी में है कि लिस्टेड कंपनी में किसी भी निदेशक की नियुक्ति के पूर्व संबंधित कंपनी के शेयर धारकों की अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
सेबी के मसौदा के अनुसार ऐसी कंपनी जिसमें कोई निदेशक यदि शेयरधारकों की अनुमति प्राप्त किए बिना 2019, 1 अप्रैल से नियुक्त किया गया था तो उस कंपनी को 1 अप्रैल, 2024 के बाद होने वाली वार्षिक आम सभा (एजीएम) में निदेशक की नियुक्ति के लिए शेयरधारकों की अनुमति लेना अनिवार्य होगा। कुछ स्थितियों में निदेशक की नियुक्ति को प्रस्तावित संशोधन से मुक्त रखा जाएगा। भारतीय रिज़र्व बैंक में पंजीकृत वित्तीय संस्थान, किसी न्यायालय, विनियामक अथवा सरकार से मनोनीत या नियुक निदेशक पर संशोधित नियम लागू नहीं होंगे।
प्रणतेश बाजपेयी