मायावती का कृत्य बसपा नीतियों के खिलाफ

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लखनऊ। सामाजिक संस्था बहुजन भारत के अध्यक्ष एवं पूर्व आईएएस कुंवर फ़तेह बहादुर ने बसपा सांसद दानिश अली को पार्टी से निलंबित किये जाने के पार्टी प्रमुख मायावती के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। संस्था मुख्यालय पर हुई बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि बहुजन नायक कांशीराम जी ने दलितों, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों को एकजुट करने और इन सभी वर्गों को जोड़कर बहुजन समाज स्थापित किया था, लेकिन मायावती ने पार्टी के संस्थापक कांशीराम जी की मूल विचारधाराओं को किनारे कर दिया है। संस्था के अध्यक्ष कुंवर फ़तेह बहादुर ने कहा कि दानिश अली को पार्टी से निकालने का मायावती का फ़ैसला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण एवं भर्त्सना योग्य है।

उन्होंने कहा कि कांशीराम जी ने बसपा की स्थापना अनुसूचित जाति, जन जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समाज के सामाजिक एवं राजनीतिक मान-सम्मान की रक्षा तथा संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए की थी। संस्था के अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सांसद ने लोकसभा में दानिश अली के धर्म तथा व्यक्तिगत तौर पर अपमानजनक, गाली गलौज की, जिसे पूरे देश ने देखा एवं सुना। इससे दानिश अली के मान सम्मान संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ, लेकिन मायावती एवं बसपा अपने सांसद के इस अपमानजनक मामले में उनके साथ खड़ी नहीं दिखी, जबकि ऐसे मौके पर पार्टी के लोगों को सबसे पहले आकर उनके साथ खड़ा होना चाहिए था।

उन्होंने कहा कि बसपा अध्यक्ष मायावती का यह कृत्य बसपा नीतियों के विरुद्ध है। बहुजन समाज एवं बसपा नेताओं तथा शुभचिंतकों को मायावती से जवाब माँगना चाहिए एवं उन्हें यह भी सोचना होगा की क्या मायावती कांशीराम जी द्वारा स्थापित बसपा के नेतृत्व के लिए सक्षम हैं या नहीं। इस मौके पर संस्था के महासचिव चिंतामणि ने कहा कि मौजूदा समय में बहुजन समाज के लोगों के खिलाफ जुल्म-ज्यदिती की घटनाएँ बढीं हैं ऐसे में बसपा नेतृत्व की जिम्मेदारी बनती है कि वे इस उत्पीड़न की घटनाओं के खिलाफ मैदान में आयें और इसका विरोध करें।