औषधीय गुणों से भरपूर शुगर फ्री चावल है कोदो

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शुगर फ्री चावल के नाम पर कोदो बड़े-बड़े होटलों व रेस्तरा में परोसा जाता है। यह औषधीय महत्व की फसल है। इसे मधुमेह के रोगियों के लिए उपयुक्त आहार माना गया है। कोदो को अंग्रेजी में कोदो मिलेट या काउ ग्रास कहते हैं।

यह भारत के अलावा मुख्य रूप से फिलिपींस, वियतनाम, मलेशिया, थाईलैंड और दक्षिण अफ्रीका में उगाया जाता है। यह सूखारोधी होती है और ऐसी मिट्टी में भी आसानी से उगाई जा सकती है। जिसमे अन्य कोई फसल उगाना संभव नहीं है। कोदो भारत का एक प्राचीन अन्न है। जिसे ऋषि अन्न माना जाता था।

इसके दाने में 8.3 प्रतिशत प्रोटीन, 1.4 प्रतिशत वसा तथा 65.9 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट पाई जाती है। कोदो-कुटकी मधुमेह नियंत्रण, गुर्दो और मूत्राशय के लिए लाभकारी है। कोदो-कुटकी हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए रामबाण है। इसमें चावल के मुकाबले कैल्शियम भी 12 गुना अधिक होता है। शरीर में आयरन की कमी को भी यह पूरा करता है। इसके उपयोग से कई पौष्टिक तत्वों की पूर्ति होती है।

जर्नल ऑफ एथनोफार्माकोलोजी में प्रकाशित एक शोध में कोदो को मधुमेह के रोगियों के लिए स्वास्थ्यकर पाया गया। फूड केमिस्ट्री नामक जर्नल में प्रकाशित शोध की माने तो कोदो में फाइबर काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं, जो लोगों को मोटापे से बचाता है।

पुस्तक हीलिंग ट्रडिशंस ऑफ द नॉर्थवेस्टर्न हिमालयाज में कोदो को खराब कोलेस्ट्रोल घटाने में मददगार बताया है। आर्गेनिक हाट नंदनगर आईटीआई रोड करौंदी में रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक के प्रभावों से मुक्त कोदो, सांवा, कुटकी, कंगनी तथा मक्रा जैसे मोटे अनाज भी उपलब्ध है।

आनंद कुमार मिश्र