इनविट आईपीओ की दस्तक, मेगा इश्यू आएंगे

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भारतीय पूंजी बाजार में ‘इनविट’ के भारी भरकम पब्लिक इश्यू का दौर शुरू होने ही वाला है। आम निवेशक अभी इनसे अनभिज्ञ हैं, अभी तक पूंजी बाजार नियामक में पंजीकृत पंद्रह में से केवल दो ‘इनविट’ स्टाॅक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हुए हैं।

‘इनविट’ म्युचुअल फंड की तरह एक सामूहिक निवेश योजना है। जिसमें कोई व्यक्ति या संस्था सीधे संबंधित परियोजना में निवेश करके रिटर्न प्राप्त कर सकता है। फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम पाॅवर ग्रिड काॅर्पोरेशन आॅफ़ इंडिया लिमिटेड 7700-8000 करोड़ रूपए के ‘इनविट’ आईपीओ को लेकर पूंजी बाजार में 29 अप्रैल को आ रहा है।

दूसरा उपक्रम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भी 5100 करोड़ रूपए का ‘इनविट’ आईपीओ लाने के लिए अपने मसौदा प्रपत्र को सेबी में दाखिल कर दिया है। कई और सार्वजनिक उपक्रम ‘इनविट’ के माध्यम से अपनी परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण करने का ताना-बाना बुनने में लग गए हैं।

‘इनविट’ संक्षिप्त नाम है इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) का जो किसी इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजना के वित्तपोषण के लिए स्थापित किया जाता। इनविट को सरकारी अथवा निजी क्षेत्र में स्थापित किया जा सकता है। प्रमोटर कंपनी या उपक्रम अलग-अलग परियोजना के लिए अलग-अलग इनविट की स्थापना कर सकता है। ठीक उसी तरह से जैसे एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) सीमित अवधि के लिए अलग-अलग क्षेत्र के लिए पृथक-पृथक फंड स्थापित करके उनके यूनिटों की बिक्री से निवेशकों से प्राप्त धनराशि को उस क्षेत्र या उद्योग विशेष में निवेश करती है और उससे मिलने वाले लाभ को यूनिट धारकों (निवेशकों) में वितरित कर दिया जाता है।

सेबी ने 2014 में ही नियम -प्रावधान बनाकर इन ट्रस्टों का रास्ता साफ कर दिया था। देश में पहला इनविट आईपीओ 2017 में आया था। आईपीओ लाने वाली टोल सड़क परियोजनाओं में लगी कंपनी आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स है। आईआरबी इनविट फंड ने 4650 करोड़ रु जुटाए थे, इसका ईश्यू 8.57 गुना सब्सक्राइब हुआ था।

इश्यू मूल्य 100-102 रु पर ही लिस्ट होने के बाद लुढ़कता ही गया। पिछले एक साल में इसका शीर्षस्तर 53 रु‌ रहा। इसमें निवेशकों को तगड़ी चोट लगी। दूसरा, मुंबई स्थित इंडिग्रिड इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स लि. (पूर्व नाम – स्टरलाइट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स लि.) के इंडिग्रिड ट्रस्ट इनविट का आईपीओ मई, 2017 में आया था। 100 रु मूल्य की यूनिट 100 रु पर लिस्ट हुई थी। 2020 मार्च तक इसी स्तर पर पड़े रहने के बाद भाव फिसलकर 85 तक आ गया था। 2021, जनवरी से बढ़ना शुरू हुआ फरवरी-मार्च में 144 रु तक गया। भाव चढ़ते ही कंपनी के बोर्ड ने 100 रु मूल्य की ‌यूनिट 110 रु की दर से राइटआधार पर 11.66 करोड़ यूनिटें 23 अप्रैल को एलाॅट कर मौजूदा यूनिट धारकों से 1283.64 करोड़ रु ‌जुटाए हैं।

देश में सिर्फ उपरोक्त दो इनविट अभी तक बीएसई और एनएसई पर लिस्ट हैं, जिनकी ट्रेडिंग होती है। हालांकि अबतक सेबी में पंद्रह इनविट पंजीकृत हो चुके हैं। दस इनविट महाराष्ट्र में और चार दिल्ली ‌में हैं। डिजिटल फाइबर इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट, इंडिया ग्रिड ट्रस्ट, इंडिया इन्फ्रा, इंडिया हाइवे कंसेशन्स ट्रस्ट, इंडिन फ्राविट ट्रस्ट, आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स, आईआरबी इनविट फंड, एमईपी इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, नेशनल हाईवेज़ इंफ्रा ट्रस्ट, ओरिएंटल इंफ्रा ट्रस्ट, पाॅवरग्रिड इंफ्रा ट्रस्ट, रोडस्टार इंफ्रा इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, श्रेम इनविट, टाॅवर इंफ्रा ट्रस्ट, विरेस्सेंट रिन्यूएबल एनर्जी ट्रस्ट इनविट। रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार इनमें से सात ने कुल मिलाकर 52 हजार करोड़ रु जुटाए हैं और इनके अंतर्गत 1.3 लाख करोड़ रु की परिसंपत्तियां हैं।

‍‌ताजा स्थिति के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के महारत्न उपक्रम पाॅवर ग्रिड काॅर्पोरेशन आॅफ़ इंडिया लिमिटेड को 7700-8000 करोड़ रुपए का इनविट आईपीओ लाने की हरी झंडी सेबी से मिल गई है। 29 अप्रैल को ईश्यू खुलेगा। इनविट जुटाई जाने वाली धनराशि को अपनी विद्युत पारेषण परियोजना के वित्तपोषण और ऋण बोझ हल्का करने में इस्तेमाल करेगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को इनविट की स्थापना करने और इनके द्वारा सड़क परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण करने हेतु भारतीय ट्रस्ट अधिनियम 1882 के तहत 2020, सितंबर में ही अनुमति प्रदान कर दी थी। पिछले सप्ताह भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) द्वारा स्थापित इनविट ने अपनी छः सड़क परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण के लिए 5100 करोड़ रु का आईपीओ लाने की अनुमति सेबी से मांगी है।

सूत्रों के मुताबिक प्राधिकरण का आईपीओ अगले महीने में आने की संभावना है। प्राधिकरण विभिन्न चरणों में इनविट के जरिए अपनी सड़क परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण करके पांच लाख करोड़ रुपए की भारी धनराशि जुटाने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है। इनके अतिरिक्त सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम गैस अथाॅरिटी आॅफ इंडिया लिमिटेड (गेल) अपनी विस्तार परियोजनाओं के मद्देनजर गैस पाइप लाइन परिसंपत्तियों का मौद्रीकरण करेगी।

पेट्रोलियम उत्पादन और पेट्रोपदार्थों की मार्केटिंग करने वाले उपक्रम इंडियन आॅयल काॅर्पोरेशन सहित अन्य पेट्रोलियम उपक्रम इनविट के माध्यम से बड़े स्तर पर वित्तीय संसाधन जुटाने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। ‌

प्रणतेश नारायण बाजपेयी