सीए को रिश्वत लेते धरा, विदेशी मुद्रा के अवैध धंधे में 3 अरब हड़पने वाले ईडी के हत्थे चढ़े……. कंपनी रजिस्ट्रार कोलकाता में पंजीकृत और अहमदाबाद से विदेशी मुद्रा के अवैध व्यापार में कई लाख निवेशकों से तीन सौ करोड़ रुपए हड़प लिए। ईडी ने छापे में टीपी ग्लोबल की 118 करोड़ रुपए की अवैध परिसंपत्तियां और बैंक खातों में जमा 121करोड़ रुपए की धनराशि का खुलासा किया है। और दूसरी तरफ चंडीगढ़ में केनरा बैंक का चार्टर्ड एकाउंटेंट रिश्वत लेते रंगे हाथ सीबीआई के हत्थे चढ़ गया। दोनों मामलों में अपराधियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
हुआ यह कि टी पी ग्लोबल एफएक्स भारतीय रिज़र्व बैंक में पंजीकरण कराए बिना ही विदेशी मुद्रा की खरीद -बिक्री का धंधा कर रही थी। उसका यह अवैध व्यापार 2020 से चल रहा था। रिजर्व बैंक ने पिछले साल स्वयं भी इस फर्म के बारे में सूचना प्रकाशित करके आगाह किया था। कोलकाता रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में पंजीकृत टीपी ग्लोबल कई डमी कंपनियों के माध्यम से अहमदाबाद से विदेशी मुद्रा का अवैध व्यापार कर रही थी।
टीपी ग्लोबल को प्रसेनजित दास, बिबेक साहा और शैलेश कुमार पांडेय ने मिलकर प्रमोट किया था। इन प्रमोटरों ने विदेशी मुद्रा के अवैध व्यापार से कमाई गई धनराशि को रेसार्ट्स, होटल, फ्लैट्स खरीद लेते थे। ईडी ने छापे में इन परिसंपत्तियों के साथ -साथ लक्जरी कारें भी बरमद की हैं जिनकी कीमत 118 करोड़ रुपए है। इसके अलावा इनके बैंक खातों में जमा 121करोड़ रुपए की जमाराशियों को सीज़ कर दिया गया। ईडी ने इनके पास से दो किलो सोना और 1.36 करोड़ रुपए की नकदी भी बरामद की है।
ईडी ने मनी लांड्रिंग का केस लगाया है और इन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। दसरे मामले में चंडीगढ़, मोहाली के नजदीक केनरा बैंक के एक चार्टर्ड एकाउंटेंट विकास अग्रवाल को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए सीबीआई ने रंगे हाथों दबोच लिया। सीए विकास अग्रवाल ने एक आर्ट वर्क और एडवरटाइजिंग फर्म के प्रोप्राइटर सूरज शर्मा के पक्ष में आडिट रिपोर्ट लगाने के एवज में कुल डेढ़ लाख रुपए मांगे थे जिसमें से एक लाख रुपए पहले ही अपने बैंक खाते में जमा करा लिए थे। सीबीआई ने सीए के घर से शर्मा से सबंन्धित बैंक के पेपर्स और आडिट रिपोर्ट भी बरामद कर ली। सीए विकास अग्रवाल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
प्रणतेश बाजपेयी