कोरोना से बेहाल यूपी में अब गोवंश के लिए हेल्प डेस्क

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लखनऊ। योगी सरकार का गौ प्रेम किसी से भी छिपा नहीं है। गौ संरक्षण और गौपालकों के हितों को ध्यान में रखकर सरकार कई योजनाएं चलाईं हैं। निराश्रित पशुओं की समस्या को दूर करने के लिए विभिन्न गौशालाओं में 8 लाख से अधिक निराश्रित पशुओं को आश्रय दिया गया है। इसके साथ ही गाय पालने वालों को चारे पानी की व्यवस्था के लिए आर्थिक मदद दी जा रही है। नई गौशालाओं की स्थापना के साथ गौशालाओं से आमदनी का जरिया बनाने की योजना पर कार्य हो रहा है। पशुओं को छुट्टा छोड़ने वालों पर नकेल कसने के लिए पशुओं की ईयर टैगिंग कर उनका आधार बनाया गया है। कोरोना काल में पशुओं की सुरक्षा के दृष्टिगत जिलों में हेल्प डेस्क और थर्मल स्कैनर की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के तहत एक गाय का पालन किसान के करने पर सरकार 900 रुपए हर माह दे रही है। पोषण मिशन के तहत 1,636 कुपोषित गरीब परिवारों को 1,645 गोवंश उपलब्ध कराया गया है। जहां बच्चों को पोषण के साथ निराश्रित जानवरों को आश्रय मिला है।

योगी सरकार की यूपी की सभी न्याय पंचायतों में गौ-आश्रय स्थलों का विकास कर रही है। इसके लिए स्थानीय सहभागिता और सामाजिक संगठनों का सहयोग भी लिया जा रहा है। प्रदेश में वृहद गौ-संरक्षण केन्द्र की स्थापना की गई है। वाराणसी में गोकुल ग्राम बन रहा है, इसी तरह ही अन्य शहरों में भी गौ संरक्षण अभियान को गति दी गई है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से पंजीकृत गोशालाओं के अनुदान के लिए 137 आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें से 43 गोशालाओं को अनुदान दिया गया है। इसके अलावा पशुपालन विभाग की ओर से जिले के स्तर पर 07 व शासन स्तर पर 87 और गोशालाओं को भी अनुदान दिया गया है।

प्रमुख सचिव पशुपालन विभाग भुवनेश कुमार ने बताया कि प्रदेश के 5,272 गो संरक्षण केन्द्रों में अब तक कुल 5,73,271 गोवंश संरक्षित किये गए हैं। इसके अतिरिक्त पंजीकृत गौशालाओं में 1,05,460 गोवंश, अपंजीकृत गौशालाओं में 46,693 व सहभागिता योजना के तहत 84,052 गोवंश संरक्षित हुए हैं। इन सभी गौशालाओं के माध्यम से अब तक 8,09,476 गोवंश का संरक्षण किया गया है। उन्होंने कहा कि इन पशुओं के भरण-पोषण के लिए पशु पालन विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराई गई धनराशि से प्रतिदिन 1,980 कुंतल तथा अभी तक कुल 31,635 कुंतल भूसे की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। कोविड संकट के बीच चारे-भूसे की उपलब्धता निरंतर बनी रहे इसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी जिलों में कुल 3,452 भूसा बैंकों को स्थापित किया गया है।

ईयर टैगिंग से निराश्रित पशुओं के मालिकों की होगी शिनाख्त : प्रदेश में निराश्रित जानवरों की समस्या के निराकरण के लिए विभिन्न जिलों में गाय और भैंसों को मिलाकर कुल 3,98,54,349 पशुओं की टैगिंग की गई है, जिसमें 1,47,62,842 गायें हैं साथ ही कुल 1,66,95,368 पशुओं का पंजीकरण इनॉफ पोर्टल पर अपलोड किया गया है। ईयर टैगिंग से पशुओं के मालिकों का पता लगाकर उनके खिलाफ कार्यवाही करना आसान होता है। प्रदेश में चल रहे कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम अन्तर्गत इनाफ पोर्टल पर प्रतिदिन के हिसाब से 3,417 और क्रमिक 9,17,415 कृत्रिम गर्भाधान की जानकारी को भी अपलोड किया गया है।

कोविड के मद्देनजर हर जिले में स्थापित की गई हेल्प डेस्क : कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के समस्त जिलों में कुल 668 हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है। साथ ही पशुओं की देखभाल और जांच के लिए 51 आक्सीमीटर एवं 341 थर्मल स्केनर की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।