अनुसूचित वित्त विकास निगम की 9 से अधिक योजनाएं बनी वरदान
बिना ब्याज के लोन दिलाकर युवाओं व महिलाओं को बना रहे आत्मनिर्भर
लखनऊ। दो वक्त की रोटी के लिए जूझने वाले गरीब अब दूसरों को रोजगार दे रहे हैं। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले इन युवाओं के पास अपनी पक्की दुकान है तो कोई बिना ब्याज के लोन हासिल कर कारोबार को आगे बढ़ रहा है। अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की 9 से अधिक योजनाओं ने इन युवाओं की तकदीर बदलने का काम किया है। स्वरोजगार, अपनी दुकान, बिना ब्याज का लोन हासिल कर युवा व महिलाएं अपने सपनों को पूरा कर रही हैं।
अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम की पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्व रोजगार योजना अनुसूचित जाति के युवाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लेकर आई। इसमें बैंकों की मदद से विभाग ने युवाओं को कृषि, उद्योग व सेवा व्यवसाय के क्षेत्र में महज 4 प्रतिशत की ब्याज दर पर 10 लाख रुपए तक का लोन उपलब्ध कराया। इसमें 25 प्रशित की मर्जिन मनी भी दी गई। विभाग के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस योजना में जुलाई महीने तक 20,516 आवेदन किए गए थे। इसमें से 1,767 आवेदनकर्ताओं को लोन दिए गए, जिससे वह अब अपना कारोबार कर रहे हैं। नगरीय क्षेत्र दुकान निर्माण योजना के तहत जुलाई में 1000 दुकानों के सापेक्ष 250 दुकानों का निर्माण कराया गया जबकि 396 दुकानें निर्माणाधीन हैं। इस योजना के तहत बीपीएल कार्ड बेरोजगारों को जिनके पास अपनी भूमि होती है। उनको 78 से 85 हजार रुपए तक ब्याज मुक्त लोन दिलाया जाता है। इसमें 10 हजार रुपए की अनुदान राशि विभाग की ओर से दी जाती है।
आटा चक्की लगाकर महिलाएं होंगी आत्मनिर्भर : अनुसूचित वित्त विकास निगम युवाओं के साथ महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रहा है। आटा/मसाला चक्की योजना के तहत प्रत्येक जनपद में 2250 महिलाओं को इस योजना के जरिए जोड़ा जाएगा। महिलाओं को 20 हजार रुपए ब्याज मुक्त लोन दिलाकर उनको आटा/मसाला चक्की लगवाई जाएगी। इसमें 10 हजार रुपए का अनुदान विभाग की ओर से दिया जाएगा जबकि शेष राशि महिलाओं को 36 महीने में देना होगी। फिलहाल 17 महिलाओं का चयन इस योजना के तहत किया जा चुका है। इसके अलावा आशा योजना, टेलरिंग योजना, व्यवसाय संवाददाता समेत अन्य योजनाओं के जरिए गरीबों को सपनों को पूरा करने का काम किया जा रहा है।