अमेरिकी बहुराष्ट्रीय निवेश कंपनी फ्रैंकलिन टेम्पलटन का शीर्ष प्रबंधन बाजार नियामक सेबी द्वारा ठोंके गए जुर्माना केखिलाफ प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (एसएटी) में अपील करेगा। सेबी ने नियमों के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर बीते दिन टेम्पल्टन और इसके सीईओ और सीआईओ सहित सात प्रमुख अधिकारियों पर पंद्रह करोड़ रु का जुर्माना ठोका है।
इस ख्यातिलब्ध फंड हाउस के शीर्ष अधिकारियों ने 2020 में छः ऋण स्कीमों को अचानक बंद करने का ऐलान कर दिया था। जिससे पूंजी बाजार में अफरातफरी मच गई थी। इन स्कीमों में निवेशकों का 25224 करोड़ रु लगा हुआ था। तब सेबी ने जांच के आदेश दे दिए थे। इस गंभीर मामले की फोरेंसिक जांच कराई गईं। जांच में फंड प्रबंधन द्वारा की गईं अनियमितताएं पकड़ में आईं।
फंड हाउस ने बाजार नियामक के नियम प्रावधानों का उल्लंघन किया था। इसके कई स्पष्ट प्रमाणों का खुलासा भी फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में किया गया। सेबी ने रिपोर्ट के आधार पर बीते दिन टेम्पलटन एसेट मैनेजमेंट कंपनी और इसक सीईओ संजय सपरे और चीफ इन्वेस्टमेंट अफसर संतोष कामत सहित सात अधिकारियों पर कुल पंद्रह करोड़ रु का जुर्माना ठोका।
फंड हाउस के प्रबंधकों ने पिछले साल बंद की गईं छः स्कीमों में लगी कुल धनराशि में से अभी तक 7436 करोड़ रु निवेशकों को लौटाए नहीं हैं। अब प्रबंधन पंद्रह करोड़ रु का जुर्माना भर भी देगा तो भी उस पर क्या फर्क पड़ेगा। अलबत्ता इस अमेरिकी फंड हाउस की 74 सालों में अर्जित वैश्विक गुडविल दागदार तो हो ही गई। फ्रैंकलिन टेम्पलटन इंडिया के प्रबंधन के अंतर्गत संपदाएं (एयूएम ) 2020, मार्च में 116323 करोड़ रु से 47.7 प्रतिशत घटकर 2021, मार्च में 60799 करोड़ रु रह गईं।
प्रणतेश नारायण बाजपेयी