लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सफल दिशा निर्देशन में उत्तर प्रदेश में कोविड के मामलों में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है। योगी सरकार का ट्रिपल टी मॉडल कोरोना के कंट्रोल करने में सार्थक हथियार साबित हुआ है। उत्तर प्रदेश ने अपने अधिकतम स्तर (कोरोना इंफेक्शन) से 94 प्रतिशत सक्रिय मामले कम करने में सफलता पाई है।
दिल्ली, महाराष्ट्र समेत दूसरे कई राज्यों ने एक ओर जहां संपूर्ण लाकडॉउन लगाया वहीं यूपी में केवल आंशिक कोरोना कर्फ्यू लगाकर ही जीवन के साथ जीविका को भी सुरक्षित रखने में सफल रहा। योगी सरकार ने जान भी जहान भी के सकंल्प को पूरा करते हुए यूपी में जिस तरीके से संक्रमण की चेन को तोड़ा है उसकी तारिफ विश्व स्वास्थ्य संगठन, नीति आयोग और मुंबई हाई कोर्ट ने भी की है।
सर्वाधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में देश में सबसे ज्यादा कोविड टेस्ट कर एक कीर्तिमान बनाया है। इसके साथ ही दूसरे प्रदेशों के आगे एक सकारात्मक नजीर भी पेश की है। देश में सबसे ज्यादा कोविड टेस्ट करने वाले उत्तर प्रदेश में 30 अप्रैल के 03 लाख 10 हजार 783 मरीजों की पीक की स्थिति के सापेक्ष आज एक माह में 91.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। आज प्रदेश का रिकवरी रेट 97.4% है। उत्तर प्रदेश एक मात्र राज्य है जिसने पांच करोड़ से अधिक कोविड टेस्ट किए हैं। निरंतर प्रयासों से आज प्रदेश में एक दिन में दो लाख से अधिक आरटीपीसीआर टेस्ट करने की क्षमता है।
झांसी जनपद में भी कम हुए केस, मिली राहत : कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए सीएम योगी ने ठोस कदम उठाते हुए जमीनी स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर दिया। प्रदेश के हर जिले में सैनिटाइजेशन, जांच, वैक्सीनेशन के कार्यों पर जोर दिया गया। सीएम योगी ने प्रदेश में कोरोना के कम होते संक्रमण की दर को देखते हुए 600 एक्टिव केस से कम संख्या वाले 64 जनपदों में कोरोना कर्फ्यू में छूट के आदेश दिए हैं। ऐसे में अब झांसी जनपद में भी कुल एक्टिव केस की संख्या 600 से कम हो गई है। अब यहां भी सप्ताह में पांच दिन सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक कोरोना कर्फ्यू से छूट मिलेगी।