लखनऊ। कोरोना महामारी के बीच प्रदेश सरकार ने एक और नया रिकॉर्ड कायम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र ‘आपदा में अवसर’ को चरितार्थ करते हुए प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) में रोजगार मुहैया कराने में नंबर वन बन चुका है। उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने निर्धारित 77 करोड़ रुपए के अनुदान लक्ष्य को पार करते हुए 136 करोड़ रुपए प्राप्त किया है। जिसमें लगभग 60 करोड़ रुपए की अधिक धनराशि भारत सरकार से और प्राप्त कर उद्यमियों को अनुदान के रूप में वितरित कराया गया है।
उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत राज्य में सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना कराने में देश में पहला स्थान हासिल किया है। इसके तहत चालू वित्तीय वर्ष 2020-2021 में खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने 7716.10 लाख की मार्जिन मनी से 2572 इकाइयों की स्थापना कराते हुए 20576 लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसके सापेक्ष उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड ने कोरोना महामारी के होते हुए भी 13636.16 लाख रुपए की मार्जिन मनी से 4143 इकाइयों की स्थापना कराते हुए 43,118 लोगों को रोजगार दिया है, जो निर्धारित लक्ष्य का 177 प्रतिशत है।
एक साल में ही हुआ 175 फीसदी अधिक निवेश : देश के अंदर योजना का लाभ लेने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे निकल गया है। आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2019-2020 में 8175.04 लाख रुपए की मार्जिन मनी का इस्तेमाल करते हुए 2363 ईकाइयों को स्थापित कराया गया था। वहीं वर्ष 2020-2021 में 13626.26 लाख रुपए से 4139 ईकाइयों को स्थापित कराया गया है, जो सरकार की मंशा को साफ दर्शाता है। प्रदेश में एक साल में ही 175 फीसदी अधिक निवेश हुआ है।
ग्रामीण क्षेत्रों में साढ़े पांच सौ करोड़ का पूंजी निवेश : प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना का संचालन प्रदेश में जिला उद्योग केन्द्र, खादी और ग्रामोद्योग आयोग एवं उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा किया जाता है। उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामद्योग बोर्ड द्वारा बैंकों के माध्यम से पीएमईजीपी के तहत करीब साढ़े पांच सौ करोड़ की धनराशि का पूंजी निवेश उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कराया गया है। जिससे ग्रामीण क्षेत्र के उद्यमी लाभांवित हुए और वहां स्थानीय तौर पर बड़ी संख्या में रोजगार सृजन हुआ है।