फैब इंडिया, जोय अलुक्कास के आईपीओ पर गिरी तलवार 6300करोड़ के थे अलग-अलग कारणों से दो मेगा आईपीओ आने से लटक गए। निवेशक इन दोनों कंपनियों में निवेश करते ही रह गए। फैब इंडिया के प्रमोटर्स ने बाजार में व्याप्त अस्थिर स्थिति का हवाला देते हुए 4000 करोड़ रुपए का आईपीओ प्रस्ताव सेबी से वापस ले लिया। जबकि केरल की ज्वेलरी रिटेल चेन चलाने वाली कंपनी जोय अलुक्कास ने किसी वजह का खुलासा किए बगैर ही आईपीओ प्रस्ताव सेबी से वापस ले लिया, यह आईपीओ से 2300 करोड़ रुपए निवेशकों से जुटाना चाहती थी।
अपर सेगमेंट के कंज्यूमर्स में लोकप्रिय लाइफस्टाइल वस्त्रों और दस्तकारी प्राॅडक्ट्स, फर्नीचर, फर्निशिंग प्राॅडक्ट्स, ज्वेलरी, ऑर्गेनिक फूड्स, गिफ्टिंग और पर्सनल केयर से लेकर होमलिविंग, तथा एसेसरीज तक की रिटेल चेन चलाने वाली फैबइंडिया का आईपीओ शेयर बाजार में व्याप्त अस्थिरता की बलि चढ़ गया। नामी ब्रांड ओनर फैब इंडिया का शीर्ष प्रबंधन पूंजी बाजार से 4000 करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी में लगा हुआ था। कंपनी ने शेयर बाजार नियामक सेबी के पास दाखिल किए गए अपने रेड हेरिंग प्राॅसपेक्टस( डीआरएचपी) को वापस ले लिया है।
अमेरिकी जाॅन बिसेल पहल फोर्ड फाउंडेशन में थे और दिल्ली में तैनात थे, वह 1960 में फैब्रिक एक्सपोर्ट करने के लिए व्यवसाय में उतरे। फैब का पहला रिटेल शोरूम ग्रेटर कैलाश में 1976 में खोला गया। 1994 में फैबइंडिया ओवरसीज लि. नाम दिया गया। कंपनी का रजिस्टर्ड ऑफिस वसंत कुंज, दिल्ली में और काॅर्पोरेट ऑफिस ओखला में है। फैब के देश के 118 शहरों में 311 स्टोर और विदेशों में 14 स्टोर हैं। इसकी आय 2019-20 में 1524 करोड़ और इस पर 20 करोड़ शुद्ध लाभ हुआ था, पर कोविड की वजह से 2020-21 में आय घटकर 1087 करोड़ रह गया साथ ही 117 करोड़ रुपए का घाटा भी हुआ।
फैब के प्रमोटर ग्रुप में बिमला नंदा बिसेल, विलियम बिसेल (जाॅन बिसेल के पुत्र), मधुकर खेडा, विजय कुमार कपूर, मिनी कपूर प्रमुख हैं। इसकी पेड अप कैपिटल 14.77 करोड़ रुपए है जो एक रुपए मूल्य के शेयरों में विभक्त है। फैब ने अपने व्यवसाय से 21 राज्यों के 109 जिलों के करीब 55 हजार आर्टिसन और 22 हजार से अधिक किसानों को जोड़ रखा है।
जोया लुक्कास इंडिया लिमिटेड के प्रमोटर और सीएमडी जोया लुक्कास मूल रूप से केरल से हैं, उन्होंने दुबई जाकर यह काम शुरू किया था। उनके 65 शहरों में 85 शोरूम्स हैं। उनकी हैसियत 310 करोड़ डॉलर के लगभग है। 70 करोड़ रुपए की शेयर पूंजी पर खड़ी कंपनी ने 2020-21 में 8066 करोड़ के कारोबार पर 471.8 करोड़ रुपए का कर बाद लाभ दर्ज़ किया। जानकारी यह है कि मनी लांड्रिंग में संलग्न होने के आधार पर ईडी के छापे पड़ने और 305 करोड़ रुपए की परिसंपत्तियां अटैच किए जाने की वजह से कंपनी ने कारण बताए बिना सेबी से अपना आईपीओ प्रस्ताव वापस ले लिया।
प्रणतेश बाजपेयी