साक्ष्यों के अभाव में बरी नहीं हो सकेंगे दुर्दांत अपराधी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश को अपराधमुक्त बनाने के लिए संकल्पित योगी सरकार ने इस दिशा में एक और बड़ी पहल की है। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आपराधिक मामलों की वैज्ञानिक पद्धति से जांच को समय से पूरा करने के लिए सरोजनीनगर में स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज का निर्माण कराया जा रहा है। इस इंस्टीट्यूट में अगले सेशन से फॉरेंसिक के कोर्स शुरू हो जाएंगे। इसी के साथ संस्थान में गंभीर और जटिल अपराधों के मामलों की वैज्ञानिक जांच भी शुरू हो जाएगी।

इतना ही नहीं फॉरेंसिक लैब में काम करने वाले वैज्ञानिकों और पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण का काम भी शुरू हो जाएगा। इसका मतलब ये होगा कि अब विभिन्न अपराधों के वैज्ञानिक पद्धति से जांच के लिए बड़ी संख्या में वर्कफोर्स मिल सकेगा। इससे प्रदेश के दुर्दांत अपराधी साक्ष्यों के अभाव में बरी नहीं हो सकेंगे। अपराधियों को सजा दिलाने में भी अब देर नहीं होगी।

चलाए जाएंगे 10 कोर्स : इंस्टीट्यूट में फॉरेंसिक से संबंधित 10 कोर्स चलाए जाएंगे, जिसमें पहले चरण में तीन कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसकी शुरुआत आगामी सत्र में हो जाएगी। वहीं कोर्स की फीस को लेकर मंथन चल रहा है। बताया जा रहा है कि इन कोर्स की फीस बहुत ही नार्मल रहेगी ताकि हर तबके के लोग इसे वहन कर सकें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मॉनिटरिंग का ही नतीजा है कि प्रदेश का पहला फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट शुरू होने जा रहा है।

मई से शुरू हो जाएगी एडमिशन प्रक्रिया : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मॉनिटरिंग का ही असर है कि सरोजनीनगर में बन रहे स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज का निर्माण कार्य लगभग 50 प्रतिशत पूरा हो चुका है। एडीजी टेक्नीकल मोहित अग्रवाल ने बताया कि इंस्टीट्यूट का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। उन्होंने बताया कि यहां फॉरेंसिक से संबंधित दस कोर्स चलाए जाएंगे, लेकिन पहले चरण में इसकी शुरुआत तीन कोर्स एमएससी फॉरेंसिक साइंस, पीजी डिप्लोमा इन फॉरेंसिक डॉक्यूमेंट इग्जामिनेशन और पीजी डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी से होगी। इसमें एमएससी फॉरेंसिक साइंस दो साल जबकि दोनों डिप्लोमा कोर्सेज एक-एक साल के होंगे।

वहीं इंस्टीट्यूट के तहत फिंगर प्रिंटिंग विभाग को जोड़ने की अनुमति मिल गई है। प्रत्येक कोर्स में 40-40 बच्चों का बैच चलाया जाएगा। वहीं कोर्स की फीस को लेकर अभी मंथन चल रहा है। एडीजी टेक्नीकल के अनुसार, तीन कोर्स चलाने का प्रपोजल बनाकर मुख्यमंत्री को भेज दिया गया। मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलते ही अप्रैल से मई के बीच एडमिशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और जुलाई से सत्र शुरू कर दिया जाएगा।

एकेडमिक कार्य के लिए जल्द शुरू होगी स्टाफ की भर्ती : इंस्टीट्यूट में संचालित कोर्स में एडमिशन एकेटीयू प्रवेश परीक्षा के माध्यम से किया जाएगा। वहीं इंस्टीट्यूट में एकेडमिक कार्यों के लिए प्रस्तावित 94 पदों के सापेक्ष पहले चरण में 29 पदों पर जल्द भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि शैक्षणिक कार्यों के संचालन में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो सके। इसके साथ ही संस्थान में आउटसोर्सिंग से भरे जाने वाले पदों की शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए सेवा प्रदाता एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एडीजी टेक्नीकल ने बताया कि संस्थान के निर्माण कार्य अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।