कहीं आप भी इस बीमारी से परेशान तो नहीं !

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बारिश के मौसम में खुजली केवल वृद्धों को ही नहीं बच्चों और युवाओं के लिए भी बहुत कष्टकारी होती है। खुजली की समस्या पर सुप्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डॉ रविंद्र पोरवाल मुख्य चिकित्सा श्रीनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय सिविल लाइंस कानपुर ने अत्यंत लाभप्रद व ज्ञानवर्धक जानकारी दी है।

खुजली है क्या, क्यों हो जाती है : त्वचा की कुछ विकारों एवं संक्रमण, लीवर की क्रॉनिक बीमारी, ड्राई स्किन, प्रेगनेंसी, स्किन पर सौंदर्य प्रसाधनों क्रीम पाउडर या तेलों का ज्यादा प्रयोग, नमी युक्त कपड़े पहनने, शरीर व त्वचा की गंदगी नियमित स्नानादि ना करना, विभिन्न प्रकार के नशा, एलर्जी या कई बीमारियों में नियमित रूप से सेवन की जाने वाली दवाइयों के दुष्प्रभाव के कारण त्वचा पर रगड़ने खरोचने खुजलाने की इच्छा होती है। यही खुजली है जो त्वचा की किसी एक हिस्से में या पूरे शरीर पर हो सकती है। खुजलाने की यह समस्या शारीरिक कष्ट के साथ-साथ कभी-कभी शर्मिंदगी और तनाव का कारण भी बन जाती है। जिसे प्रुराइटस कहा जाता है।

कारण और बचाव : खुजली से बचाव के लिए शारीरिक व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान दें। त्वचा पर केमिकल युक्त सौंदर्य प्रसाधन और अन्य साधनों जिनमें खुशबूदार घातक तत्व और नुकसानदायक प्रिजर्वेटिव्स और रासायनिक पदार्थ मिले हो ऐसी किसी भी सामग्री का त्वचा पर इस्तेमाल कम से कम करें, नमी और अंधेरे वाले स्थान पर निवास या कार्य करना, ज्यादा सर्दी, ज्यादा गर्मी का भी त्वचा पर बुरा प्रभाव होता है। प्रदूषण, फंगस बैक्टीरिया यहां तक कि कुछ वायरस जैसे संक्रामक कारण, नशा, खराब खानपान और एलर्जी त्वचा पर खुजली पैदा कर सकता है। वही किडनी, लीवर, फेफड़ों, हड्डियों, डिप्रेशन, मानसिक तनाव और थायराइड की गंभीर बीमारी में भी त्वचा पर खुजली होने की संभावना बनी रहती है। चोट लगने, घाव, कीट पतंगों के काटने से भी त्वचा पर खुजली होने लगती है। ज्यादा तेल मसाले, चटपटी चीजें, बाजारू चीजें खटाई, चटनी, जंक फूड, फास्ट फूड का सेवन भी त्वचा के लिए घातक होता है और त्वचा के विभिन्न समस्याओं को उत्पन्न कर खुजली पैदा कर देता है।

कैसे करें उपचार : मुलतानी मिट्टी में खाने वाला सोडा और नींबू निछोड़ कर त्वचा पर स्नान के पूर्व लगभग आधे घंटे तक लगाएं और फिर सामान्य पानी से धो लें या स्नान कर ले। प्रभावित गीले अंग को अच्छी तरह सूती कपड़े से सुखा कर तुबरक तेल या देसी घी या नारियल का तेल लगा ले। बिना दाने की सुखी जनन अंगों के आसपास होने वाली खुजली इस उपाय से जड़ से ठीक हो जाती है। इस उपाय के साथ साथ यदि तुबलक तेल का संक्रमण वाले त्वचा के क्षेत्र में दिन में तीन से चार बार लगाना बहुत हितकारी होता है। इस आयुर्वेदिक औषधि तेल का सभी प्रतिष्ठित कंपनिया निर्माण करते हैं।
नीम के तेल में कपूर लौंग का तेल और सत अजवाइन मिलाकर खुजली वाले शरीर के अंग में लगाने से एक सप्ताह में पुरानी से पुरानी खुजली का अंत हो जाता है। खुजलाते समय त्वचा में जलन होना, खुजली करने के साथ-साथ त्वचा में संक्रमण का बढ़ते जाना त्वचा का काला हो जाना जैसे लक्षणों में यह बहुत कारगर उपाय है।

एलोवेरा का जेल गिलोय की पत्तियां नीम की पत्तियां तीनों को बराबर बराबर लेकर पीसकर जिन लोगों को शरीर में एक एक अंग में खुजली है लगभग आधा घंटा सूर्य की हल्की-हल्की धूप में यह प्रयोग करना चाहिए। इस पेस्ट में नीम का तेल मिलाकर छांव में भी इस प्रयोग को कर सकते हैं। यह प्रयोग प्रातः स्नान के पूर्व दिन में एक बार करना ही पर्याप्त होता है लेकिन अत्यधिक संक्रमण होने पर सुबह शाम करना चाहिए। यह प्रयोग उन लोगों के लिए बहुत अच्छा है। जिनकी खुजली कभी जाती ही नहीं बरसों से खुजलाते रहते हैं खुजली का प्रकोप कभी कम हो जाता है कभी बढ़ जाता है लेकिन जड़ से खुजली ठीक नहीं होती। यह प्रयोग करने के साथ-साथ तुबरक आयुर्वेदिक औषधि तेल का दिन रात में चार पांच बार खुजली वाले स्थानों पर लगाने से बहुत फायदा मिलता है।

जिनके पूरे शरीर पर खुजली है कोई दाने नहीं है त्वचा का रंग भी सामान्य है लेकिन पूरा शरीर खुजलाता रहता है। वह लोग 20 ग्राम लहसुन का रस 100 ग्राम प्याज का रस सौ ग्राम नीम के तेल में मिलाकर धीमी आंच पर पानी को जलने तक पकाएं। फिर छानकर रख लें। गुनगुना ठंडा होने पर इसमें देसी कपूर मिलाकर सीसी का ढक्कन बंद कर 24 घंटे के लिए रखते हैं। अब यह औषधि तैयार है। बालों में डैंड्रफ के कारण होने वाली भयंकर खुजली, त्वचा में वक्त बेवक्त खुजली और चकत्ते पड़ जाना इस अद्भुत लाभकारी तेल लगाने से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं। जिन्हें बदलते सीजन में अथवा खाने की किसी विशेष चीज के सेवन के बाद त्वचा की खुजली जीना हराम कर देती है। उनके लिए यह रामबाण प्रयोग हैं। बहुत हितकारी है.. बहुत लाभकारी है।