आकाश आनंद की शंटिंग खत्म, बने चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर

आकाश आनंद की शंटिंग खत्म, बने चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर अंततः बुआजी ने भतीजे आकाश पर अपनी कृपा की बरसात कर दी तीसरी बार मायावती ने आकाश आनंद को माफ किया है आकाश को पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान का प्रभारी भी बनाया दिल्ली बैठक में हुआ फैसला, संगठन की मजबूती पर दिया जोर

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लखनऊ। अंततः बसपा प्रमुख मायावती की कृपा अपने भतीजे आकाश आनंद पर हो ही गई। और अब बसपा में फिर से उनकी सम्मानजनक बहाली हो गई। पार्टी में तो वे पहले ही आ गए थे लेकिन कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी, अर्थात वे शंटिंग में थे। अब जाकर मायावती ने उन्हें फिर से पार्टी का चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर बना दिया है। यह फैसला रविवार को दिल्ली में हुई पार्टी की एक बैठक में लिया गया। मायावती ने उन्हें पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की कमान भी सौंप दी है। सभी तीन नेशनल कोऑर्डिनेटर अब आकाश को रिपोर्ट करेंगे।

इस प्रकार मायावती ने उन तमाम अटकलों को भी विराम दे दिया है जिसमें कहा गया था कि मायावती अपने भतीजे आकाश से बहुत नाराज हैं और जल्दी उनकी सम्मान बहाली नहीं होगी। लेकिन मायावती ने फिर एक बार फिर भतीजे आकाश आनंद पर विश्वास जताते हुए पार्टी का चीफ नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया है। आकाश को पार्टी के प्रचार अभियान का मुखिया भी बना दिया गया है।‌ अब वह आने वाले चुनावों में पार्टी की ओर से चुनाव प्रचार अभियान की कमान भी संभालेंगे। इस प्रकार एक बार फिर मायावती ने आकाश आनंद को सुधरने का मौका देकर उनके सम्मान की बहाली की है। परंतु इस बार भी मायावती ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी में उत्तराधिकारी की कोई घोषणा नहीं की जा रही है। आकाश आनंद को बस एक बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही है।

बहुजन समाज पार्टी की ओर से रविवार को नेशनल बैठक आयोजित की गई। इसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इसमें पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को बसपा का चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया दिया है। उन्हें आगे के कई कार्यक्रमों की जिम्मेदारी भी दी गई है। आकाश को साथ ही सावधानी बरतते हुए पार्टी को मजबूत बनाने की सलाह दी गई है।

बसपा प्रमुख मायावती ने बसपा के वरिष्ठ नेताओं की मीटिंग में इसकी घोषणा कर दी। आकाश आनंद को तीन नेशनल कोआर्डिनेटर रिपोर्ट भी करेंगे। आकाश आगामी चुनावों में पार्टी के प्रचार-प्रचार की कमान भी संभालेंगे। बसपा में तीन नेशनल कोआर्डिनेटर हैं। इनमें राज्यसभा सांसद रामजी गौतम, रणधीर बेनीवाल और राजाराम शामिल है। रामजी गौतम बिहार प्रदेश के प्रभारी हैं। सूत्रों के अनुसार रविवार को हुई इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई।

ससुराल के लोगों के बहकावे में आकर बसपा के मिशन को चोट पहुंचाने के आरोपों से घिरे मायावती के भतीजे आकाश आनंद को एक बार फिर भरपूर माफी मिल गई है। पिछले दिनों हालांकि वे पार्टी में वापस तो ले लिए गए थे किंतु कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। अर्थात उन्हें शंटिंग में रखा गया। मायावती ने बीते 16 अप्रैल को एक मीटिंग कर आकाश की वापसी कीइघोषणा भी कर दी थी। उन्होंने कहा कि चूंकि आकाश आनंद ने अपनी गलती मान ली है, इसलिए उन्हें एक और मौका देते हुए पार्टी में वापस लिया जा रहा है। मायावती ने इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि आकाश ने आश्वासन दिया है अब वे अपनी ससुराल वालों के बहकावे में आकर ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे पार्टी के मिशन को नुकसान पहुंचे। मायावती ने कहा कि आकाश ने कहा है कि वे पार्टी में वरिष्ठों का सम्मान भी करेगे, और इसी शर्त पर उनको माफी दी गई है। बहरहाल उनका टेस्टिंग पीरियड अब खत्म हो गया है। मायावती ने इसके साथ एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि उनके जीते जी पार्टी का कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा।

बीते 16 अप्रैल को लखनऊ में आयोजित पार्टी की एक अहम बैठक में मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा था कि पार्टी संगठन को कांशीराम के दौर की तरह मज़बूत बनाया जाए ताकि बहजन समाज के उत्थान के लिए काम किया जा सके। मायावती ने पार्टी जनों को कहा कि अगर हमें सत्ता में आना है तो बूथ स्तर तक पार्टी कमेटियों का गठन करना होगा। जब संगठन ज़मीन पर दिखने लगेगा, तो हमें सत्ता में आने से कोई नहीं रोक पाएगा। मायावती ने कुछ पार्टियों द्वारा इधर के दिनों में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर विशेष आस्था अथवा प्रेम दिखाने पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने मौजूदा राजनीतिक दलों की नीतियों पर सवाल उठाए, और कहा कि डॉ. आंबेडकर को उनकी जयंती पर याद करने की विभिन्न पार्टियों में होड़ मची रहती है, लेकिन ये पार्टियां उनके अनुयायियों को प्रताड़ित करती हैं। मायावती ने कहा कि इन पार्टियों का यह व्यवहार दर्शाता है कि ये सब उनका दिखावा है। मायावती ने पिछली बैठक में दिए गए दिशा-निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट भी ली और खामियों को दूर कर तय लक्ष्यों को पूरा करने का सख्त निर्देश भी दिया काफी दिनों से सत्ता से दूर मायावती और उनकी पार्टी बसपा एक बार फिर खुद को पुनर्गठित कर सत्ता में वापसी की तैयारी में है।

आकाश ने ससुराल वालों के चलते गंवाई थी इज्जत : बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीम लीडर मायावती ने काफी शिकायतें मिलने के बाद भतीजे आकाश आनंद को न सिर्फ उत्तराधिकारी के भूमिका से बल्कि नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से भी हटा दिया था। नाराजगी का आलम यह था कि इस कार्रवाई के दूसरे दिन ही उन्होंने आकाश को पार्टी से भी निष्कासित कर दिया था। आकाश पर आरोप लगाया गया था कि वे अपने ससुर और पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ और अपनी पत्नी के बहकावे में आकर बसपा के मिशन को चोट पहुंचा रहे हैं, और पार्टी में गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं। उन पर यह भी आरोप था वह पार्टी के प्रति समर्पित लोगों की उपेक्षा कर उन्हें अपमानित भी कर रहे हैं। सूत्रों का तो यहां तक कहना था कि आकाश आनंद अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के जरिए इस कोशिश में थे कि वे समाजवादी पार्टी से गठबंधन करके मुलायम सिंह यादव और मान्यवर काशीराम की जोड़ी की ऐतिहासिक जीत का पुराना इतिहास भी दोहराएं और सपा के साथ मिलकर सरकार बनाएं। सूत्रों का कहना है कि उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ ने उन्हें समझाया था कि अब वे पार्टी के उत्तराधिकारी है और उन्हें अपने तरीके से सोचना चाहिए। धीरे-धीरे यह बात जब मायावती तक पहुंची तो उन्होंने सख्त रुख अख्तियार किया और आकाश आनंद को पार्टी के पद, उत्तराधिकारी की भूमिका से हटाते हुए पार्टी से ही निकाल दिया। बाद में मायावती ने आकाश आनंद की माफी पर गौर करते हुए एक बार फिर उन्हें पार्टी में वापस ले लिया था, लेकिन उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी थी। अब जाकर 18 मई 2025 को उनका बनवास खत्म हुआ और उनकी सम्मानजनक बहाली हो गई।‌ अब वह पार्टी के चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर के साथ-साथ प्रचार अभियान के प्रमुख भी बना दिए गए हैं। यानी अब वे डी फैक्टो उत्तराधिकारी तो हो ही गए हैं, बस घोषणा बाकी है। आकाश आनंद को पार्टी में वापस लिए जाने पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने कहा था कि उनके पार्टी में आने से पार्टी मजबूत होगी और यह एक अच्छा कदम साबित होगा।

अभयानंद शुक्ल
राजनीतिक विश्लेषक