लखनऊ। ससुराल के लोगों के कथित बहकावे में आकर बसपा के मिशन को चोट पहुंचाने के आरोपों से घिरे मायावती के भतीजे आकाश आनंद को एक बार फिर माफी मिल गई है। हालांकि वे पार्टी में वापस तो ले लिए गए हैं किंतु फिलहाल उनको कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। अर्थात उन्हें शंटिंग में रखा गया है। मायावती ने बीते 16 अप्रैल को एक मीटिंग कर इसकी घोषणा भी कर दी है। उन्होंने कहा कि चूंकि आकाश आनंद ने अपनी गलती मान ली है, इसलिए उन्हें एक और मौका देते हुए पार्टी में वापस लिया जा रहा है। मायावती ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि आकाश ने आश्वासन दिया है अब वे अपनी ससुराल वालों के बहकावे में आकर ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे पार्टी के मिशन को नुकसान पहुंचे।
मायावती ने कहा कि आकाश ने कहा है कि वे पार्टी में वरिष्ठों का सम्मान करेंगे। बसपा सुप्रीमो ने स्पष्ट किया कि इसी शर्त पर उनको माफी दी गई है, किंतु उन्हें अभी कोई जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है। और पहले की ही तरह रामजी गौतम नेशनल कोऑर्डिनेटर की भूमिका में बने रहेंगे। यानी आकाश आनंद को माफी तो मिल गई है, किंतु पूरी माफी नहीं मिली है। इसीलिए अभी उन्हें किसी पद पर नहीं रखा गया है। फिलहाल उनका टेस्टिंग पीरियड चल रहा है। मायावती ने इसके साथ एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि उनके जीते जी पार्टी का कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा।
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने पिछले दिनों आकाश आनंद को पार्टी से हटाकर और संगठनात्मक बदलाव करते हुए रामजी गौतम को बसपा का राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया था। बीते बुधवार 16 अप्रैल को लखनऊ में आयोजित पार्टी की एक अहम बैठक में मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को कई दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन को कांशीराम के दौर की तरह मज़बूत बनाया जाए ताकि बहजन समाज के उत्थान के लिए काम किया जा सके। मायावती ने पार्टी जनों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हमें सत्ता में आना है तो अगले पांच महीनों में बूथ स्तर तक पार्टी की कमेटियों का गठन करना होगा। उन्होंने कहा कि जब संगठन ज़मीन पर दिखने लगेगा, तो हमें सत्ता में आने से कोई नहीं रोक पाएगा। मायावती ने मीटिंग में ही आकाश आनंद को लेकर भी स्थिति साफ कर दी। उन्होंने पार्टी में चल रही चर्चाओं पर विराम लगाते हुए स्पष्ट किया कि आकाश माफी मांगने आया था, इसलिए उसे माफ कर पार्टी में वापस लिया गया है। लेकिन फिलहाल उसे कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।
सुश्री मायावती ने इस दौरान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि सरकारें धर्म को कर्म नहीं, बल्कि कर्म को धर्म मानकर काम करें। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों राज्यों की वर्तमान सरकारें कुछ विशेष क्षेत्र और वर्गों के हित में काम कर रही हैं। और यह जो लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है। मायावती ने कुछ पार्टियों द्वारा इधर के दिनों में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर विशेष आस्था अथवा प्रेम दिखाने पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने मौजूदा राजनीतिक दलों की नीतियों पर सवाल उठाए, और कहा कि डॉ. आंबेडकर को उनकी जयंती पर याद करने की विभिन्न पार्टियों में होड़ मची रहती है, लेकिन ये पार्टियां उनके अनुयायियों को प्रताड़ित करती हैं। मायावती ने कहा कि इन पार्टियों का यह व्यवहार दर्शाता है कि ये सब उनका दिखावा है। मायावती ने बीते दो मार्च को हुई बैठक में दिए गए दिशा-निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट भी ली और पदाधिकारियों को खामियों को दूर कर तय लक्ष्यों को पूरा करने का सख्त निर्देश भी दिया।
दरअसल काफी दिनों से सत्ता से दूर मायावती और उनकी पार्टी बसपा एक बार फिर खुद को पुनर्गठित कर सत्ता में वापसी की तैयारी में है। मायावती का अधिक ज़ोर संगठन को जमीनी बनाने और कार्यकर्ताओं के नेटवर्क को और मज़बूत करने पर है।
मायावती ने आकाश को पार्टी से किया था बाहर : पिछले दिनों बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीम लीडर सुश्री मायावती ने काफी शिकायतें मिलने के बाद भतीजे आकाश आनंद को न सिर्फ उत्तराधिकारी के भूमिका से बल्कि नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से भी हटा दिया था। नाराजगी का आलम यह था कि इस कार्रवाई के दूसरे दिन ही उन्होंने आकाश को पार्टी से भी निष्कासित कर दिया था। आकाश पर आरोप लगाया गया था कि वे अपने ससुर और पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ और अपनी पत्नी के बहकावे में आकर बसपा के मिशन को चोट पहुंचा रहे हैं, और पार्टी में गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे हैं। उन पर यह भी आरोप था वह पार्टी के प्रति समर्पित लोगों की उपेक्षा कर उन्हें अपमानित भी कर रहे हैं। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि आकाश आनंद अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के जरिए इस कोशिश में थे कि वे समाजवादी पार्टी से गठबंधन करके मुलायम सिंह यादव और मान्यवर काशीराम की जोड़ी की ऐतिहासिक जीत का पुराना इतिहास भी दोहराएं। और सपा के साथ मिलकर बनाएं। सूत्रों का कहना है कि उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ ने उन्हें समझाया था कि अब वे पार्टी के उत्तराधिकारी है और उन्हें अपने तरीके से सोचना चाहिए। धीरे-धीरे यह बात जब मायावती तक पहुंची तो उन्होंने सख्त रुख अख्तियार किया और आकाश आनंद को पार्टी के पद, उत्तराधिकारी की भूमिका से हटाते हुए पार्टी से ही निकाल दिया। हालांकि आकाश आनंद ने बाद में सोशल मीडिया पर यह कहा कि वे बहन जी के समर्पित कार्यकर्ता है, और बहन जी का जो भी निर्देश होगा उन्हें मान्य होगा। उन्होंने यह भी कहा था कि मेरी सच्चाई एक दिन सबके सामने आ जाएगी। सूत्र बताते हैं कि आकाश आनंद का यही सोशल मीडिया बयान मायावती को खटक गया,और उन्होंने दूसरे दिन ही उन्हें पार्टी से बाहर का भी रास्ता दिखा दिया। अब जब आकाश आनंद ने अपनी गलती मान कर माफी मांग ली है तो मायावती ने भी बड़ा दिल दिखाते हुए उन्हें माफ कर दिया है। किंतु अब वह उन्हें इतनी जल्दी पार्टी में बहुत बड़ा कद देने के मूड में नहीं हैं। इसीलिए अभी उन्हें निगरानी में रखा गया है। और समय आने पर जब आकाश आनंद सुश्री मायावती का विश्वास जीत लेंगे तब शायद उनकी बहाली की जा सकेगी। फिलहाल तो वे शंटिंग में ही रहेंगे। हालांकि आकाश आनंद को पार्टी में वापस लिए जाने पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने कहा है कि आकाश आनंद के पार्टी में आने से पार्टी मजबूती होगी और यह एक अच्छा कदम साबित होगा, किंतु अभी तक पार्टी के और किसी बड़े पदाधिकारी ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
गौरव शुक्ल
वरिष्ठ पत्रकार