तो ऐसे करें किडनी और लिवर को डिटॉक्स

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किडनी और लीवर को डिटॉक्स करके पाचन संस्थान के पुराने से पुराने और मूत्र तंत्र से जुड़े हुए विभिन्न रोगों से छुटकारा पाना सहज हो जाता है। डॉ रविंद्र पोरवाल जो देश के जाने-माने आयुर्वेदाचार्य हैं श्रीनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भगवत दास घाट रोड सिविल लाइंस कानपुर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उन्होंने किडनी और लीवर को डिटॉक्स करने के लिए बहुत सहज लेकिन अत्यंत लाभकारी उपाय बताया है।

यह तैयारी पहले से जरूरी : 10 ग्राम कच्चा जीरा 10 ग्राम मोटी सौंफ 10 ग्राम अजवाइन 10 ग्राम दालचीनी और 10 ग्राम धनिया लेकर सभी को मोटा-मोटा कूट करके रख ले। पंसारी के यहां से बड़ा गोखरू और पुनर्नवा की जड़ लाकर दोनों जड़ी बूटी को कूट पीसकर बारीक पाउडर बनाकर अलग-अलग शीशीओं में रख ले। बाजार से पाव भर कुलथी की दाल भी लेकर रख ले।

3 दिन पूर्व की तैयारी : लिवर और किडनी को डिटॉक्स करने के लिए 3 दिन पूर्व की तैयारी करनी चाहिए और 3 दिनों तक भोजन को त्याग कर केवल फलाहार करना चाहिए। यदि फल से पेट ना भरे तो दूध का सेवन किया जा सकता है। दूध और फल का सेवन करने के बीच कम से कम डेढ़ घंटे का फर्क होना चाहिएं। ध्यान रखिए किसी भी स्थिति में दाल चावल सब्जी रोटी नहीं लेनी है। फलों में मौसम के सभी प्रकार के उपलब्ध फलों का अपनी स्वाद और शारीरिक जरूरत के अनुसार सेवन कर सकते हैं। ध्यान रखें कि एक बार में एक ही तरीके का फल सेवन करें। आप दिन में अनेक बार फलाहार कर सकते हैं।

करें डिटॉक्स की शुरुआत : 3 दिन का फलाहार सेवन करके उपवास करने के बाद चौथे दिन प्रातः जीरा धनिया वाला 5 चीजों का जो पाउडर बनाया था उसे आठ गिलास पानी में उबालने के लिए रख दें और धीमी आंच पर उबलने दें। जब पानी आधा जल जाए उसे छानकर किसी बर्तन में रख ले। अब 10 ग्राम पुनर्नवा का पाउडर और 150 मिलीलीटर यह गरम गरम काढ़ा दो चम्मच शहद मिलाकर खाली पेट चाय की तरह घुट घुट करके पी ले। इसके 2 घंटे बाद तक कुछ भी ना खाएं। दो या तीन पतले गंदे बदबूदार दस्त आएंगे जिनसे घबराना नहीं है। बीच में गुनगुना पानी या गुनगुना पानी में शहद डालकर पी सकते हैं, दोपहर 11:00 बजे के लगभग कुकर के स्थान पर भगोने में पकी हुई सौ ग्राम कुलथी की दाल में नींबू निचोड़े और केवल सेंधा नमक डालकर यह दाल पतली पतली पी ले। दाल पीने के बाद 10 ग्राम बड़े गोखरू का पाउडर एक गिलास पानी से पी ले इसके बाद शाम तक कुछ भी नहीं खाना है। प्यास लगने पर नींबू दो चम्मच शहद और एक गिलास गुनगुना पानी दिन भर में कई बार भरपूर मात्रा में पी सकते हैं। दिन में कई बार पेशाब और पतला गंदा बदबूदार गैस के साथ या आव मरोड़ चिकनापन बाला दस्त लग सकता है। इससे न तो कमजोरी आएगी ना ही कोई दूसरी परेशानी होगी बल्कि शरीर हल्का लगेगा। सायकाल 4:00 बजे फिर से गर्म काढ़ा और पुनर्नवा का 10 ग्राम पाउडर लेकर दोबारा यही प्रयोग करें। और शाम को 6:00 बजे पुनः सौ ग्राम कुलथी की दाल खाकर 10 ग्राम बड़े गोखरू का पाउडर ले लीजिए। दिन में गुनगुना करके मौसम के फलों का रस या भरपेट पपीता खाया जा सकता है। बीजा निकालकर अमरूद का सेवन भी किया जा सकता है। बिना चीनी के ताजे बेल फल के गूदे का गुनगुने पानी में शरबत बनाकर भी लिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त अन्य कोई भी खाद्य पदार्थ नहीं लेना है। रात्रि में भूख लगने पर पपीता का सेवन कर सकते हैं।

दूसरे दिन यह करें : दूसरे दिन प्रातः खाली पेट और रात्रि को सोने से पूर्व आधा चम्मच पुनर्नवा के पाउडर के साथ एक गिलास गरम काढ़ा शहद दो चम्मच मिला करके पी लेना चाहिए। काढ़ा पीने के 1 घंटे बाद हल्का नाश्ता ले या तीन भाग मूंग की दाल और एक भाग चावल डालकर बिना मसाले की घी डालकर खिचड़ी खाए हरी सब्जी और चपाती का भी सेवन कर सकते हैं। दोपहर व रात्रि में खाना खाने के बाद 10 ग्राम गोखरू का काढ़ा पानी के साथ ले ले।

जरूरी है सावधानी : डिटॉक्स का 5 दिन का यह संकल्प का कार्य पूरी निष्ठा श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए। 5 दिनों में पानी खूब पीते रहना चाहिए। किंतु चाय कॉफी कोल्ड ड्रिंक शराब पान मसाला बीड़ी तंबाकू सिगरेट जंक फूड फास्ट फूड से पूरी तरह परहेज रखें। सामान्य रूप से यह उपाय निरापद है और इससे किसी भी प्रकार की कोई अन्य तकलीफ नहीं होती किंतु यदि आप किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। मिर्गी निम्न या उच्च रक्तचाप, हृदयरोग मधुमेह लिवर सिरोसिस कैंसर जैसी दुखदाई बीमारी अथवा आज के युग में फैली हुई अनेकानेक घातक बीमारियों में से किसी घातक रोग से जूझ रहे हैं या किसी बीमारी की निरंतर दवाइयां बरसों से खा रहे हैं तो अपने चिकित्सक से परामर्श करके किसी अनुभवी आयुर्वेदाचार्य के मार्गदर्शन में ही यह उपाय करें।