हम दीर्घायु कैसे बने और जीवन की एक एक सांस आनंद आरोग्यता और खुशियों से भरी हो… इसके लिए श्रीनाथ आयुर्वेद चिकित्सालय भगवत दास घाट सिविल लाइंस कानपुर की मुख्य चिकित्सका रजनी पोरवाल ने बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी दी है।
जब सर्दी करें बेहाल : बच्चों और बड़ों को ही नहीं युवाओं को भी कड़कड़ाती सर्दी तकलीफ देती है। अत्यधिक ठंड में 4 से 8 लहसुन की कलियों को तवे पर भून कर उन्हें अदरक और अजवाइन के 25 मिली काढ़ा के साथ प्रातः नाश्ता के बाद या रात्रि में सोने से पहले निगल लेना चाहिए। यह शरीर के तापमान को नियंत्रित करके शरीर को गर्म बनाए रखता है। जिन्हें दो-दो रजाई ओड़ने पर भी ठंड लगती है, कफ खांसी सांस फूलना जैसी तकलीफें सर्दी के मौसम में जीना हराम कर देती है। उनके लिए यह बहुत फायदेमंद उपाय है।
जोड़ों की सूजन दर्द और अकड़न : मांसपेशियों में अकड़न जोड़ों की सूजन और दर्द के कारण चलने फिरने में लाचारी सर्दियों में बहुत ही कष्ट दाई हो जाती है। 25 मिलीलीटर सहजन की पत्तियों का रस और 25 मिलीलीटर एलोवेरा का रस प्रातः खाली पेट सेवन करने से चुस्ती फुर्ती और उत्साह के साथ-साथ मांसपेशियों का लचीलापन बढ़ता है। मांसपेशियों की शक्ति बढ़ती है और जोड़ों के दर्द सूजन की बीमारी ओस्टियो आर्थराइटिस में बहुत सुधार आता है। इस प्रयोग के समय यह ध्यान रखें कि इसके सेवन के आधा घंटे बाद तक कोई भी चीज ना खाएं ना पिए यहां तक कि ठंडा पानी, चाय, मट्ठा, फल जूस इत्यादि का सेवन भी ना करें और ना ही आधे घंटे तक स्नान करें।
युवा और आकर्षक बने : माल्टा किलो संतरा या मौसमी का ताजा रस या पाइनएप्पल का ताजा रस या पालक चुकंदर का ताजा रस अथवा आंवला और गाजर का रस प्रातः नाश्ते में एक बेहतरीन पोस्टिक और इम्यूनिटी बढ़ाने वाला नाश्ता है। अगर आप बूढ़े होने से बचना चाहते हैं और अपनी वास्तविक उम्र से कम के देखना चाहते हैं तो डेढ़ सौ ग्राम फूल गोभी को 15 मिनट गुनगुने नमक पानी में रखकर उसे साफ करके प्रातः चबा चबा कर खाएं और ऊपर से एक आंवला के साथ गाजर का ढाई सौ मिलीलीटर जूस ले अथवा कोई भी सिट्रस फ्रूट का ताजा रस ढाई सौ मिलीलीटर से 400 मिलीलीटर जूस घुट घुट कर सेवन करें। इस उपाय को करने के डेढ़ घंटे बाद तक कुछ भी ना खाएं केवल गुनगुना पानी पी सकते हैं।
बुढ़ापे को दे मात : अलसी डेढ़ सौ ग्राम 100 ग्राम काले तिल 100 ग्राम गोंद को भूनकर पीस लें। इस पाउडर मे 100 ग्राम अश्वगंधा का चूर्ण मिलाकर रख ले। सुबह शाम एक चम्मच भर कर इस चूर्ण को गुनगुने दूध के साथ लेने से शक्तिबल व स्टेमिना बढ़ता है। शरीर की रक्षा पंक्ति सशक्त होती है। हृदय फेफड़ों हड्डियों के साथ-साथ मन मस्तिष्क को भी तरोताजा और स्वस्थ करने का यह बेमिसाल नुस्खा है। नकारात्मक चिंतन और डिप्रेशन के मरीज भी इसका सेवन करके पूर्ण रूप से स्वस्थ हो सकते हैं।
शाम की चाय छोड़ो : शाम की चाय के स्थान पर अदरक काली मिर्च लौग और दालचीनी को पानी में खूब उबालें। फिर छानकर इसमें आधा नींब व दो चम्मच शहद मिला ले। शाम की चाय के लिए यह स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक पर तैयार है। यह लीवर व पेनक्रियाज को ताकत देता है। गुर्दों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए बहुत हितकारी है। साथ ही साथ आंख नाक कान और गले की बीमारियों के निवारण में भी यह बहुत लाभकारी है।
अदरक लौग और लहसुन डालकर सोया साग का सूप बनाएं। इसमें काला नमक भुना जीरा और नींबू डालकर जायकेदार बनाकर प्रातः या शाम के समय चाय के स्थान पर सेवन करें। इससे शरीर की रक्षा प्रणाली मजबूत होती है। मांसपेशियों और कोशिकाएं में नई जान आती है। जो लोग कम उम्र में ही बूढ़े दिखने लगते हैं चेहरे की रंगत चली जाती है वह लोग इस प्रयोग को 40 दिन करें। गाल गुलाबी होंगे इम्यूनिटी जबरदस्त बढ़ जाएगी।