जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी पर लगेगा रासुका, जब्त होगी संपत्ति

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लखनऊ। कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज में कारगर मानी जा रही रेमिडीसीवीर इंजेक्शन की प्रदेश में अब कोई किल्लत नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद आइसोलेशन में रहते हुए ऑक्सीजन और रेमिडीसीवीर की उपलब्धता की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और नतीजा यह है कि मंगलवार की शाम तक जुबिलियंट फार्मा की ओर से करीब 25000 वायल की आपूर्ति कर दी जाएगी। यही नहीं, अगले दो से तीन दिनों के भीतर प्रदेश में पौने तीन लाख रेमिडीसीवीर की उपलब्धता होनी तय है।

सोमवार को टीम-11 के साथ बैठक करते हुए सीएम योगी ने रेमिडीसीवीर और ऑक्सीजन की उपलब्धता की समीक्षा की। बताया गया कि जुबिलियंट फार्मा, कैडिला, माइलिन और सिप्ला जैसी निर्माता कंपनियों को 2,75,000 रेमिडीसीवीर की डिमांड भेजी गई है। इसमें सर्वाधिक एक-एक लाख वायल की आपूर्ति कैडिला और सिप्ला द्वारा होगी, जबकि माइलिन को 25000 और जुबिलियंट को 50,000 वायल की आपूर्ति करनी है। सीएम के आदेश पर अपर मुख्य सचिव एमएसएमई नवनीत सहगल दवा निर्माता कम्पनियों से सीधे संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि यह आपूर्ति अगले दो से तीन दिनों के भीतर सुनिश्चित हो जाएगी। सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इनका वितरण पारदर्शितापूर्ण ढंग से किया जाए। सभी आपूर्तिकर्ताओं से संवाद स्थापित कर प्रदेश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मांग प्रेषित करें।

कालाबाजारी पर लगेगा रासुका, जब्त होगी संपत्ति: जीवनरक्षक दवाओं की बढ़ती मांग के बीच कालाबाजारी की खबरों को सीएम ने बेहद गम्भीरता से लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि रेमिडीसीवीर जैसी जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाज़ारी बड़ा अपराध है। इसमें संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट अथवा रासुका के अंतर्गत कठोरतम कार्रवाई की जाए। यही नहीं, ऐसे लोगों के बारे में समाज में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि रेमिडीसीवीर सहित किसी भी प्रकार के जीवनरक्षक दवाओं की कोई कमी नहीं है। सभी जिलों में इनकी उपलब्धता सुनिश्चित रखी जा रही है।

बता दें कि रेमिडीसीवीर इंजेक्शन को कोविड मरीजों के लिए जीवनरक्षक दवा के रूप में देखा जा रहा है। यही कारण है कि रेमडीसिविर इंजेक्शन को लोग महंगी कीमत पर भी खरीदने को तैयार हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में किया जाता है। हालांकि, कोरोना के इलाज में इसके प्रभावी ढ़ंग से काम करने को किसी ने मान्यता नहीं दी है।

होम आइसोलेशन के मरीजों से लगातार बनाये रखें संपर्क: मुख्यमंत्री योगी ने होम आइसोलेशन में इलाजरत रोगियों से लागातर संपर्क बनाए रखने के निर्देश भी दिए हैं। सीएम ने कहा है कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों को न्यूनतम एक सप्ताह का मेडिकल किट उपलब्ध कराया जाए। इंटेग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर और सीएम हेल्पलाइन द्वारा मरीजों से हर दिन संवाद स्थापित किया जाए। यही नहीं, 108 एम्बुलेंस की आधी संख्या केवल कोविड के लिए डेडिकेटेड किया जाए। एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम कम से कम हो, इसके लिए विशेष प्रयास किए जाएं।

सीएम ने इसकी जिम्मेदारों स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह को सौंपी है। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को निर्देशित किया है कि पूरे प्रदेश में मास्क के अनिवार्य उपयोग को सख्ती से लागू कराया जाए। पहली बार बिना मास्क के पकड़े जाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना तथा दूसरी बार बगैर मास्क पकड़े जाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाए। 10,000 रुपये जुर्माना देने वालों की फोटो को सार्वजनिक करें। जिससे लोगों में मास्क पहनने के प्रति जागरूकता बढ़े।

वहीं उन्होंने यह भी कहा कि संक्रमण प्रसार को न्यूनतम रखने की दृष्टि से यह अत्यन्त जरूरी है कि कंटेनमेंट जोन के प्राविधानों को सख्ती से लागू किया जाए। इसके साथ-साथ सभी जनपदों में क्वारन्टीन सेंटर को प्रभावी ढंग से क्रियाशील रखा जाए। क्वारन्टीन सेंटर में लोगों की स्क्रीनिंग तथा आवश्यकतानुसार जांच की व्यवस्था के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग अपनाते हुए ठहरने एवं भोजन आदि की व्यवस्था होनी चाहिए।