भाग्यशाली हूँ जो अच्छे रोल मिले : शीश ख़ान

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थियेटर, फिल्म और टेलीविज़न के मंजे हुए कलाकार शीश ख़ान का जन्म झारखंड के एक छोटे से गाँव में हुआ था। दस साल की उम्र में शीश का परिवार दिल्ली आकर बस गया। भाग्यवश दिल्ली की जिस सोसायटी में शीश रहते थे, उसी में जाने-माने रंगकर्मी और नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के डीन सुरेश शेट्टी भी रहते थे। श्री शेट्टी को 10 साल के शीश की आवाज़ बहुत पसंद थी, वे अक्सर शीश को साथ लेकर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा जाया करते थे। इस माहौल ने बपचन से ही शीश के भीतर रंगकर्म के संस्कार भर दिए। पिछले दिनों अनंतकोटि ब्रह्मांड नायक साईबाबा की शूटिंग के दौरान मुंबई में शीश से मुलाक़ात का छोटा-सा अंश यहाँ प्रस्तुत है।

नाटको का सफर कब और कैसे शुरु हुआ, पहला नाटक कौन-सा थाॽ

मेरी रंगयात्रा का आरंभ चिल्ड्रेन थियेटर से हुआ, उन दिनों वी के शर्मा गोल्डन फिश नामक नाटक शुरु कर रहे थे और उन्होंने मुझ़े भी अवसर दिया। नाटक काफी सफल रहा। इस नाटक में मेरे गाने को विशेष सराहना मिली। इस नाटक ने मेरा भविष्य निश्चित कर दिया था और मैं रंगकर्म में पूरी तरह समर्पित हो गया। मैंने श्री राम सेंटर फॉर परफारमिंग आर्टस से दो साल का एक्टिंग डिप्लोमा किया और नाटकों की सफलता ने मुझे भारत सरकार से नेशनल फैलोशिप दिलवा दी।

फिर मुंबई आना कैसे हुआॽ

परिवार वालों की सलाह पर 1996 में मैं अपने सपनों की झोली उठाए, दिल्ली से मुंबई आ गया। जहाँ भाग्यवश मेरी मुलाक़ात विकास कपूर से हुई, जो उन दिनों कश्मीर पर कुछ टी वी सीरियल बनाने जा रहे थे। उनके सीरियल `कसक’ में मुझे एक ज़ोरदार भूमिका मिली और उसके बाद मैं उनके बैनर का रेगूलर कलाकार बन गया। श्री कपूर के साथ मैंने शोभा सोमनाथ की, रावी और मैजिक मोवाईल, सावित्री एक क्रांति, चक्रधारी अजय कृष्णा, साईभक्तों की सच्ची कहानियाँ और अचानक उस रोज़ आदि शोज़ में काम  किया। इन दिनों मैं उनके नए प्रोजेक्ट अनंतकोटि ब्राह्मंड नायक में सर्फुद्दीन का रोल निभा रहा हूँ।

सर्फुद्दीन के कैरेक्टर के बारे में कुछ बताईएॽ

सर्फुद्दीन का चरित्र इतना ज़्यादा सशक्त है कि कुछ सीन करते वक्त मेरी आँख से अपने-आप ही आँसू बह निकलते हैं। सर्फुद्दीन जन्म से अंधा था पर साईबाबा की रहमत से उसकी आँख में रोशनी आ गई, ज़माने का सताया हुआ सर्फुद्दीन, अब ज़माने से नहीं साईबाबा से प्यार करता है पर बाबा उसे ज़माने भर से प्यार करने की कला सिखाते हैं। वैसे सर्फुद्दीन एक शार्ट टेम्परड आदमी है पर साईबाबा उसे शांत रहने की शिक्षा देते हैं। शो में कईबार सर्फुद्दीन, साईबाबा की उपेक्षा और ग़ुस्से का शिकार होता है, क्योंकि बाबा चाहते हैं कि उनके मुरीद जात-पांत, ऊँच-नीच और भेद-भाव से ऊपर उठकर इंसान को सिर्फ इंसान ही समझें, न कि हिन्दू, मुसलाम वैगरह-वैगरह।

अनंतकोटि ब्रह्मांड नायक में साईबाबा की भूमिका कौन निभा रहा हैॽ

इस शो में साईबाबा की भूमिका सार्थक कपूर निभा रहे हैं। यह संयोग ही है कि सार्थक को मैं बचपन से जानता था और अब उसके साथ स्क्रीन शेयर करना वाकई मुझे बहुत रोमांचित करता है। उसके शांत स्वभाव और शानदार अभिनय ने सचमुच मुझे प्रभावित किया है। मुझे लगता है बहुत समय बाद इंडस्ट्री में कोई अच्छा कलाकार आया है, जो आँखों से सारी बात कह देने की क्षमता रखता है, उनके उज्जवल भविष्य के लिए मेरी शुभकामनाएं हैं।

आपने कुछ अच्छी फिल्मों में भी अभिनय किया है, आप अपनी फिल्मों के विषय में बताएंॽ

मेरी पहली फिल्म राज कुमार संतोषी साहब की द लीज़ेंड ऑफ भगत सिंह थी। जिसमे मैंने युवा क्रांतिकारी प्रेमदत्त का रोल निभाया था। इसके अलावा खाकी और इंटरनेशनल फिल्म हिश्श में भी मैंने रोल किया। मेरी आने वाली फिल्म -`आ भी जाओ पिया, गन्स ऑफ गुजरात, इंटरवल और देहली बस आदि प्रमुख है।

अब-तक आपकी सबसे यादग़ार भूमिकाॽ

धारावाहिक शोभा सोमनाथ की में प्रख्यात अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर के साथ स्क्रीन शेयर करना, मेरी सबसे यादग़ार भूमिका थी। वैसे अनंतकोटि ब्रह्मांड नायक में सर्फुद्दीन की भूमिका भी मैं कभी भूल नहीं पाऊँगा। ऐसा लगता है जैसे यह भूमिका मेरे लिए ही लिखी गई है।