गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि टेराकोटा के बाद रेडीमेड गारमेंट्स को गोरखपुर का दूसरा ओडीओपी उत्पाद बनाया गया है। ओडीओपी में शामिल होने के बाद गोरखपुर रेडीमेड गारमेंट्स का हब बनने की ओर अग्रसर है। वास्तव में रेडीमेड गारमेंट्स एक ऐसा कारोबार है जिसमें कम पूंजी में अधिकाधिक लोगों को रोजगार मिलना संभव है।
सीएम योगी शनिवार को टाउनहाल मैदान में 16 मार्च से चल रही ओडीओपी-रेडीमेड गारमेंट्स प्रदर्शनी का अवलोकन व स्टालों का निरीक्षण करने के बाद रेडीमेड गारमेंट्स के उद्यमियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां हर स्टाल पर उद्यमियों से बात कर उन्हें सकारात्मक ऊर्जा मिली है। यह सेक्टर कम पूंजी पर अधिक रोजगार का माध्यम बन रहा है। उन्हें जानकारी है कि गोरखपुर में 350 करोड़ रुपये की पूंजी से 15000 लोगों को रेडीमेड गारमेंट्स में प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। इतनी पूंजी पर ही इतना रोजगार किसी अन्य क्षेत्र में संभव नहीं दिखती। यह एमएसएमई के जरिये परम्परागत उद्यम से ही सम्भव है। हमारा लक्ष्य 15000 के रोजगार की संख्या को 50000 तक ले जाने का है। सीएम ने कहा कि रेडीमेड गारमेंट्स उद्यमियों के लिए जल्द जी गीडा में फ्लैटेड फैक्ट्री की स्थापना की जाएगी।
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रदेश सरकार ने फरवरी 2018 में एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना की शुरुआत की। कोविड काल मे अकेले रेडीमेड गारमेंट्स सेक्टर में कार्यरत 10000 प्रवासी कामगार गोरखपुर लौटे। टेराकोटा के बाद रेडीमेड गारमेंट्स को हमनें ओडीओपी में शामिल किया है, इससे प्रवासी कारीगरों को गोरखपुर में ही काम मिलेगा। उद्यमी रुचि ले रहे हैं और प्रशासन भी आगे आया है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर पैकेज में एमएसएमई को आसानी से लोन मिले, इसके लिए अधिकारियों को व्यापक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। परम्परागत उद्यम को प्रोत्साहन के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं। उन्होंने कहा कि चार सालों में हमनें बाजार की संभावनाओं को टटोला है और उसी के अनुरूप कार्ययोजना बनाई जा रही है।
प्रशिक्षण में जितना पसीना बहाएंगे, युद्ध में उतना कम खून बहाना पड़ेगा : मुख्यमंत्री ने उद्यमियों को गुणवत्ता पर ध्यान देने और प्रशिक्षण से जुड़े रहने की सीख दी। उन्होंने सेना के जवानों से जुड़ी उक्ति, “प्रशिक्षण में जितना पसीना बहाएंगे, युद्ध में उतना कम खून बहाना पड़ेगा” का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें बाजार की आवश्यकता के अनुरूप खुद को तैयार रखना होगा। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय की संस्था निट्रा ने यहां उद्यमियों को प्रशिक्षित किया है। उन्होंने कहा कि यहां मैनपावर सस्ता है और प्रशिक्षण के जरिये हम संभावनाओं का फायदा उठा सकते हैं। उन्होंने आवश्यकता अनुरूप प्रशिक्षण संस्थानों पर भी जोर दिया।
बाहर से आ रही आपूर्ति को भी यहीं के उत्पादन से कर सकते हैं पूरा : मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी गोरखपुर में 500 करोड़ रुपये के रेडीमेड गारमेंट्स की खपत यहीं तैयार कपड़ों से हो रही है। 2000 करोड़ की आपूर्ति यहां बाहर से ही रही है। उद्यमी आने वाले दिनों में इन 2000 करोड़ रुपये का मार्केट भी यहीं के कपड़ो से अपने कब्जे में ले सकता है।
महिलाओं के स्वावलंबन का आधार बन सकता है रेडीमेड गारमेंट्स कारोबार : मुख्यमंत्री ने कहा कि रेडीमेड गारमेंट्स कारोबार महिलाओं के स्वावलंबन का आधार बन सकता है। इस अवसर पर उन्होंने 2016 में भीटी खोरिया में लक्ष्मी शास्त्री की यूनिट के भ्रमण के उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि वहां 25 महिलाओं को रोजगार का मंच मिला था। कहा कि स्वावलंबी महिला इसका जीता जागता उदाहरण है। सीएम ने कहा कि गोरखपुर की 55 लाख की आबादी में 25 लाख महिलाएं होंगी। मंच मिले तो यह खुद स्वावलंबी होकर गोरखपुर को रेडीमेड गारमेंट्स का हब बना सकती हैं।
हर स्टाल पर गए सीएम योगी, आगे बढ़ने को किया प्रेरित : मुख्यमंत्री प्रदर्शनी मैदान में हर स्टाल पहुंचे और उद्यमियों से बात कर उन्हें अपने क्षेत्र में आगे बढ़ने को प्रेरित किया। सहकार भारती के स्टाल पर अपनी माँ के साथ मौजूद आराध्या नाम की छोटी बच्ची को उन्होंने दुलार किया और माथे पर हाथ रख खूब पढ़ने का आशीर्वाद दिया। इस दौरान उन्होंने एक प्रशिक्षण संस्था की बालिकाओं से उन्हें बाजार के अनुरूप डिजाइन बनाने की सलाह दी। इन बालिकाओं के अनुरोध पर सीएम ने उनके साथ फोटो भी खिंचवाई।