लखनऊ। यूपी के तीर्थ स्थल अब और अधिक दिव्य और भव्य होंगे। योगी सरकार प्रदेश के पांच बड़े धामिर्क स्थलों का काया कल्प करने जा रही है। नैमिषारण्य, चित्रकूट, विध्यांचल, शाकुंभरी देवी और शुक्रतीर्थ जैसे धामिर्क स्थलों पर सरकार श्रद्धालुओं, पर्यटकों को आधुनिक सुविधाओं के बीच आध्यात्म का नया एहसास कराएगी।
सभी तीर्थ स्थलों को नई सुविधाओं से जोड़ने के साथ ही मरम्मत और निर्माण कार्य कराने के भी निर्देश दिए गए हैं। योजना के लिए राज्य सरकार ने बजट जारी किया है। तीर्थ स्थलों में सड़क, पार्किंग, स्वच्छता और सुरक्षा के साथ मंदिर परिसर को भी भव्य और नया रूप देने की योजना है।
प्रदेश में धामिर्क पर्यटन को बढ़ाने में जुटी राज्य सरकार की योजना इन तीर्थ स्थलों के कायाकल्प के जरिये प्रदेश में पर्यटकों को आकार्षित करने की है। सहारनपुर में शाकुंभरी देवी मंदिर और मुजफ्फर नगर में शुक्र तीर्थ का काया कल्प कर सरकार पश्चिम यूपी में धामिर्क पर्यटकों की संख्या बढ़ाने पर काम कर रही है। वहीं भगवान श्री राम की तपोस्थली और रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की भूमि चित्रकूट, अवध में नैमिषारण्य और विंध्य क्षेत्र में विंध्यांचल शक्ति पीठ के विकास का खाका सरकार ने तैयार किया है।
दुनिया भर के हिन्दू श्रद्धालुओं के आस्था के केंद्र इन धामिर्क स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ने का सीधा लाभ पर्यटकों की संख्या में मिलना तय माना जा रहा है। 2019 में देशी पर्यटकों के मामले में देश में पहले स्थान पर रहे उत्तर प्रदेश को योगी सरकार धामिर्क पर्यटन के जरिये नई ऊंचाइयों पर ले जाने की तैयारी में है। अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, प्रयागराज, श्रावस्ती, कुशीनगर और सारनाथ जैसे तीर्थ स्थलों के विकास पर पहले सरकार बड़ी योजना के साथ काम कर रही है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर रामायण विश्वमहाकोश भी तैयार किया जा रहा है। दुनिया भर के 205 देशों से रामायण से जुड़ी विरासत को संजो कर राज्य सरकार विश्वमहाकोश की योजना को साकार करने में जुटी है। इसके प्रमुख संस्करण का विमोचन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को करेंगे। योगी सरकार की इस योजना को भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक वैभव से जोड़ कर देखा जा रहा है।