सहभागिता और समन्वय से मिली कोविड और इंसेफेलाइटिस पर जीत

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 और मासूस बच्चों के असमय मृत्यु का कारण जापानी इंसेफेलाइटिस पर प्रभावी नियंत्रण कर उत्तर प्रदेश ने अपनी क्षमता और लोककल्याण के संकल्प की प्रतिबद्धता का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। अंतर्विभागीय समन्वय और जन सहभागिता के बल पर तकनीक का प्रयोग करते हुए, कभी असंभव लगने वाली इन चुनौतियों पर हमने विजय पाई है।

मुख्यमंत्री योगी ने रविवार को जापानी इंसेफेलाइटिस के विशेष टीकाकरण अभियान का शुभारंभ करते हुए यह बातें कहीं। जेई और एईएस के व्यापक दुष्प्रभाव का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि 40-42 वर्षों से यह बीमारी हज़ारों बच्चों की मौत का कारण बनी। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 1000 से 1200 तक की मौतें हर साल हुआ करती थीं। 40 साल तक मौत का यह सिलसिला चलता रहा, लेकिन कोई प्रभावी इंतजाम नहीं हो सका। अंत में 2017 में एक समन्वित अभियान की शुरुआत हुई। स्वास्थ्य विभाग को नोडल बनाते हुए अंतर्विभागीय समन्वय के साथ जनजागरूकता का महाभियायन शुरू हुआ। ‘दस्तक अभियान’ और ‘जेई टीकाकरण’ जैसे प्रयासों से आज इस बीमारी के प्रसार में 75 फ़ीसदी से अधिक गिरावट आई है, जबकि मौत के आंकड़ों में 95 फीसदी से अधिक कमी दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने जेई पर नियंत्रण में पंचायती राज, बेसिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा विभागों की भूमिका को भी सराहा।

ई-कवच से होगी सतत निगरानी: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जेई टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों की लाइन लिस्टिंग तैयार करने और टीकाकरण की सूचनाएं अपलोड करने के लिए ‘ई-कवच’ नाम के मोबाइल एप्लीकेशन का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे एक अभिनव प्रयोग बताया। सीएम योगी ने कहा को इस एप के माध्यम से जेई टीकाकरण की सतत मॉनिटरिंग की जा सकेगी।हमें उन बच्चों की सटीक जानकारी मिल सकेगी, जिनका जेई टीकाकरण हो चुका है। मुख्यमंत्री ने टीकाकरण अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि कोई भी टीका सही समय से न लगे तो वह प्रभावी नहीं हो पाता है। टीके को एक्टिवेट होने में समय लगता है। जेई के लिहाज से फरवरी सबसे सही समय है कि टीकाकरण किया जाए।

2.89 लाख नव दंपतियों को मिली परिवार नियोजन विधियों की सेवाएं : खुशहाल परिवार दिवस की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने नवविवाहित दंपतियों को ‘शगुन -किट’ भी भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार कल्याण सेवाओं को गति देने के उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा बीते नवंबर माह से मुहिम के तौर पर हर माह की 21 तारीख ‘खुशहाल परिवार दिवस’ के रूप में मनाई जा रही है। यह दिवस मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने तथा जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। जनसहभागिता से इस महत्वपूर्ण अभियान में भी सफलता मिलेगी। बता दें कि, बीते नवंबर, दिसंबर व जनवरी माह के दौरान ‘खुशहाल परिवार दिवस’ आयोजन के माध्यम से प्रदेश में 2,89,413 नव दंपतियों को परिवार नियोजन की स्थाई व अस्थाई दोनों प्रकार की विधियों की सेवाएं उपलब्ध कराई गईं हैं।

37 जिलों में होगा नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण : मुख्यमंत्री योगी ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण देश में लगे लॉकडाउन के कारण टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के लिए ‘सघन मिशन इंद्रधनुष 3.0’ अभियान का शुभारंभ भी किया। इस अभियान के तहत प्रदेश के 37 जनपदों में नवजात शिशु एवं गर्भवती महिलाओं का आवश्यक टीकाकरण किया जाएगा। टीकाकरण की महत्ता की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने इसकी सफलता के लिए व्यापक जन सहभागिता की जरूरत भी बताई। उन्होंने कहा कि यदि परिवार के किसी एक सदस्य को किसी तरह की बीमारी है तो अन्य लोग भी उससे प्रभावित हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने टीकाकरण अभियान की सतत मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए।

ई-कवच पर है साढ़े तीन लाख बच्चों का विवरण: चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह ने कार्यक्रम में कहा कि जेई टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों को 21 फरवरी से शुरू हो रहे पखवाड़े में जेई वैक्सीन से आच्छादित किया जाना है। छूटे हुए बच्चों को चिन्हांकित किए जाने संबंधी सर्वे की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब तक इस एप्लीकेशन पर जेई टीकाकरण से छूटे हुए 3,50,000 बच्चों की प्रविष्टि भी दर्ज की जा चुकी है। जेई टीकाकरण अभियान के तहत प्रदेश के संवेदनशील 38 जनपदों में जी वैक्सीन से छूटे हुए 15 वर्ष छोटे सभी बच्चों को आच्छादित किया जाएगा। साथ ही कहा कि, सघन मिशन इंद्रधनुष 3.0 दो चरणों में चलाया जाएगा। पहले चरण के अंतर्गत 23 फरवरी तथा 1 व 2 मार्च को टीकाकरण होगा, जबकि द्वितीय चरण में 23 मार्च,5 अप्रैल व 6 अप्रैल को टीकाकरण का कार्य किया जाएगा। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने आभार ज्ञापन किया।