सीएम ने सराहा तो होनहारों ने बताई अपनी कहानी

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों सम्मान पाने से निहाल होनहार बच्चों को उत्साह देखते ही बन रहा था। सीएम योगी ने एक-एक कर सभी से बात की, उनकी उपलब्धियों के बारे में जानकारी ली। बच्चों ने मुख्यमंत्री से अपने अब तक के प्रयासों और भावी योजनाओं के बारे में बताया। एक नजर बच्चों की उन बातों पर जो उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहीं…..

व्योम के शतरंज से चकित हुए योगी : 09 वर्ष की आयु में 09 से अधिक वाद्ययंत्रों को बजाने में सिद्धहस्त लखनऊ के व्योम आहूजा बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में 28 राष्ट्रीय रिकार्ड दर्ज करा चुके व्योम ने मुख्यमंत्री से बताया कि उनकी इच्छा वेद-उपनिषदों में निहित विज्ञान के गहन अध्ययन की है। मकाऊ टॉवर से दुनिया के सबसे ऊंचे बंजी जम्पिंग स्थल से बंजी जंपिंग करने वाले व्योम ने मुख्यमंत्री के सामने खुद का डिजाइन किया हुआ महाभारत पर आधारित शतरंज के एक नए खेल का प्रदर्शन भी किया। व्योम इन नए शतरंज खेल के पेटेंट हासिल करने के लिए प्रयासरत हैं। यही नहीं व्योम ने मुख्यमंत्री के सामने ‘तेरी मिट्टी में मिल जांवां’ गीत पर बांसुरी वादन भी किया। उन्हें कला-संस्कृति के क्षेत्र में इस वर्ष प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिया जा रहा है।

वैश्विक पटल पर भारत की नई पहचान बनाना है शादाब की मंजिल : ज्ञानार्जन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित अलीगढ़ के मास्टर मोहम्मद शादाब ने सीएम योगी से बताया कि वह वैश्विक पटल पर भारत की नई पहचान गढ़ने के इच्छुक हैं। शादाब ने बताया कि उन्हें अपने तेज दिमाग के लिए यूएस के डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट से 28000 अमरीकी डॉलर की छात्रवृत्ति जीती है और अमेरिकी हाईस्कूल में टॉप भी किया। उन्होंने यूएस के कैपिटल हिल में सीनेटरों के साथ खास मीटिंग के अनुभव भी साझा किए। फिलहाल वह यूएस में इंडियन यूथ एम्बेसेडर हैं।

ओलम्पिक पदक है मो. राफे की चाहत : जनपद प्रयागराज के खेल गांव पब्लिक स्कूल में 12वीं के छात्र और शानदार जिम्नास्ट, मोहम्मद राफे को खेलो इंडिया यूथ गेम्स में तीन बार गोल्ड मेडल मिल चुका है। यही नहीं कड़ी मेहनत के दम पर राफे ने वर्ष 2019 में मंगोलिया में आयोजित जूनियर एशियन गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने का भी अवसर प्राप्त हुआ। इसमें उन्होंने देश को ब्रांज मेडल दिलाया। खास बात यह है कि 10 वर्षों से भारत को इस विधा में कोई मेडल प्राप्त नहीं हुआ था। वर्तमान में भारतीय सेना की निगरानी में पुणे स्थित कैंप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे राफे ने मुख्यमंत्री को बताया वह ओलंपिक की तैयारी कर रहे हैं और उनकी चाहत है कि ओलम्पिक में गोल्ड मेडल लाकर देश का नाम रोशन करें।

दिव्यांश से मिले सीएम तो पूछा ‘हाथ का दर्द कैसा है? : इस वर्ष के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार में वीरता की श्रेणी में पुरस्कृत, बाराबंकी के रहने वाले कुंवर दिव्यांशु सिंह, साहस और बहादुरी का दूसरा नाम है। रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार-2018 राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार-2018 जीवन रक्षा पदक-2019 जैसे कई प्रतिष्ठित सम्मान-पुरस्कार दिव्यांश को मिल चुके हैं। शनिवार के कार्यक्रम में जब मुख्यमंत्री ने दिव्यांश को देखा तो तुरंत ही उनके हाथ के दर्द के बारे में जानकारी ली। तीन वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें, उनकी वीरता के लिए ‘रानी लक्ष्मीबाई वीरता पुरस्कार’ से सम्मानित किया था और तबसे दिव्यांश का उनके लिए जेहन में था। मुख्यमंत्री ने दिव्यांश की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए उनकी शैक्षिक उपलब्धियों की भी सराहना की। बता दें कि, दिव्यांश ने राज्यस्तरीय साइंटिफिक इनोवेटिव अवार्ड 2019, साउथ एशिया के प्रतिष्ठित यंग चाइल्ड अवॉर्ड फॉर साइंटिफिक इनोवेशन-2018 के साथ-साथ कई अन्य पुरस्कार प्राप्त किए हैं।

आत्मनिर्भर भारत का सपना, चिराग ने बनाया अपना’: नेशनल मैथमेटिक्स ओलंपियाड में लागातार तीन बार के स्वर्ण पदक विजेता नोएडा के चिराग भंसाली ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपनों को अपना बनाकर काम कर रहे हैं। चिराग ने मुख्यमंत्री को बताया कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने एक स्वदेशी वेबसाइट भी डेवलप की, जो विदेशी एप्स के देशी विकल्पों के निर्माण और प्रचार-प्रसार पर केंद्रित है। डिजाइन चैंपियनशिप-2020 (एप डिजाइन) में नेशनल विनर, गूगल कोड इंटरनेशनल इवेंट-,2019 में रनर अप, एडोब क्रिएटिविटी चैलेंज-2019 में उपविजेता चिराग वर्तमान में गांधीजी के मूल्यों की प्रासंगिकता के संदर्भ में वेबसाइट और मोबाइल एप डिजाइन कर रहे हैं। चिराग भंसाली वास्तव में इनोवेटिव आइडियाज की खान हैं। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 में उन्हें नवाचार श्रेणी के अंतर्गत पुरस्कृत किया जा रहा है।