श्रीनगर हिल स्टेशन: धरती का स्वर्ग

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श्रीनगर दुनिया के श्रेष्ठतम हिल स्टेशन्स में से एक है। प्राकृतिक सौन्दर्य का धनी ‘श्रीनगर हिल स्टेशन” को धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है। श्रीनगर की धरती एक मखमली घास का एहसास कराती है। बर्फबारी का भरपूर आनन्द यहां मिलता है। चौतरफा बर्फबारी दिखती है। पर्वत श्रंखला में जैसे बर्फ का श्रंगार हो। श्रीनगर भारत के जम्मू एण्ड कश्मीर की राजधानी है।

कश्मीर घाटी देश के शीर्ष पर्यटन एरिया या हिल स्टेशन में गिना जाता है। ‘श्रीनगर हिल स्टेशन” खास तौर से डल झील, मखमली वादियों एवं मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। कश्मीर घाटी की शिल्प श्रंखलाओं का वास्तुशिल्प भी अद्वितीय एवं अति सुन्दर है। समुद्र तल से करीब 1730 मीटर ऊंचाई पर बसा ‘श्रीनगर हिल स्टेशन” झीलों एवं उनमें चलने वाली हाउस बोट्स के सौन्दर्य की ख्याति रखता है।

श्रीनगर का परम्परागत कश्मीरी हस्तशिल्प एवं सूखे मेवे के लिए विश्व में प्रसिद्ध है। ‘श्रीनगर हिल स्टेशन” जम्मू एण्ड कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी है। खास यह कि ‘श्रीनगर हिल स्टेशन” ही नहीं आसपास के एरिया भी सुन्दर पर्यटन स्थल के तौर पर जाने-पहचाने जाते हैं। मसलन डल झील, शालीमार, निशांत बाग, गुलमर्ग, पहलगाम, चश्माशाही आदि हैं। ‘श्रीनगर हिल स्टेशन” का अप्रतिम सौन्दर्य फिल्म उद्योग को भी आकर्षित करता है।’श्रीनगर हिल स्टेशन” बालीवुड का भी पसंदीदा स्थल रहता है।

हालात यह हैं कि यहां की खूबसूरती असंख्य फिल्मों में कैद हो चुकी है। फिल्मों की शूटिंग का सिलसिला भी ‘श्रीनगर हिल स्टेशन” में अनवरत चलता रहता है। श्रीनगर में ही शंकराचार्य पर्वत भी है। यहां झीलों में चलने वाली सुन्दर एवं व्यवस्थित नावों को शिकारा कहा जाता है। डल झील एवं झेलम नदी में शिकारा से यात्रा एवं विश्राम एक सुखद एहसास कराता है। कमल के फूलों से सुसज्जित डल झील में हाउसवोट में कुछ पल गुजारना एक यादगार बन जाता है।

इतिहासकारों की मानें तो श्रीनगर की स्थापना एवं बसावट मौर्य सम्राट अशोक के सुखद सानिध्य में की गयी थी। ‘श्रीनगर हिल स्टेशन” केवल प्राकृतिक सौन्दर्य ही नहीं अपितु वास्तु विरासत की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां कई सुन्दर मस्जिदें भी हैं। हजरत बल यहां का महत्पूर्ण धर्म स्थल है। इसे अत्यंत पवित्र स्थान माना जाता है। संगमरमर से बनी यह सफेद इमारत पर्यटकों का विशेष आकर्षण रहती है। यह इमारत तीन सौ से अधिक स्तम्भों पर स्थापित है।

श्रीनगर के मध्य में हरी पर्वत है। इस पर 16 वीं शताब्दी में बना किला वास्तुशिल्प का अद्वितीय उदाहरण है। विशेषज्ञों की मानें तो इसका निर्माण तत्कालीन गर्वनर अता मुहम्मद खान ने कराया था। अकबर ने बाद में इस दिव्य-भव्य का विस्तार कराया था। डल झील के निकट तख्त-ए-सुलेमान पहाड़ी है। इसके शिखर पर प्रसिद्ध शंकराचार्य मंदिर है। यह प्राचीन शिव मंदिर है। विशेषज्ञों की मानें तो 10 वीं शताब्दी में आदिगुरु शंकराचार्य यहां आये थे लिहाजा अब शंकराचार्य मंदिर के तौर पर इस शिव मंदिर को जाना-पहचाना जाता है। ‘श्रीनगर हिल स्टेशन” से श्रीनगर शहर का विहंगम दृश्य दिखता है। पृष्ठभूमि पर हिमशिखरों की अद्भुत श्रंखला दिखती है।

डलझील: डलझील वास्तव में ‘श्रीनगर हिल स्टेशन” एरिया का एक खास सौन्दर्य है। डलझील के बिना यात्रा का एक खास एहसास नहीं किया जा सकता। डलझील में सुबह से शाम व रात तक सैलानियों एवं पर्यटकों की रौनक रहती है। शिकारा में सवार होकर नौकाविहार करने का आनन्द डलझील में लिया जा सकता है। डलझील खुद में तैरती एक अलग दुनिया है। हाउसवोट, झील में तैरते सुन्दर एवं सुगंधित गार्डेन खास होते हैं। हाउसबोट में प्रवास-आश्रय का आनन्द भी उठाया जा सकता है। झील के मध्य टापू, सड़क पर चलते फव्वारों की श्रंखला, नेहरू पार्क आदि बहुत कुछ आनन्द प्रदान करते हैं। शाम होते ही झील में एक जीवंतता का एक एहसास होता है। सूर्यास्त के समय आकाश नारंगी होता है तो झील को भी अपने ही रंग में रंगीन कर देता है। सूर्यास्त के बाद हाउसवोट की जगमगाती लाइटों से झील का प्रतिबिंब आैर भी सुन्दर हो जाता है।

नागिन झील: नागिन झील भी ‘श्रीनगर हिल स्टेशन” का एक सुन्दर नगीना है। नागिन झील कश्मीर की एक सुन्दर एवं छोटी झील है। पर्यटकों के लिए यहां भी सुन्दर हाउसवोट उपलब्ध रहते हैं। रात्रि विश्राम का आनन्द यहां भी विशेष होता है।

बादशाहों का उद्यान प्रेम: ‘श्रीनगर हिल स्टेशन” में बादशाहों का उद्यान प्रेम साफ तौर पर दिखता है। वादी-ए-कश्मीर का एहसास किया जा सकता है। यहां मुगल गार्डेन की एक श्रंखला है। शाही प्रणय स्थल जैसे सुन्दर स्थान निश्चय ही पर्यटकों को मुग्ध कर देते हैं। शाहजहां का बनवाया चश्म-ए-शाही इनमें सबसे छोटा उद्यान है। यह एक अति सुन्दर हरा भरा बगीचा है। ऊंचाई की ओर बढ़ते यहां एक दर्जन से अधिक सोपान हैं। सुंदर झरनों की श्रंखला यहाँ के सौन्दर्य में चार चांद लगाते हैं। मुगल उद्यानों के पीछे जावरान की पहाड़ि़यां है।

शंकराचार्य मंदिर: शंकराचार्य मंदिर शंकराचार्य पर्वत पर स्थित है। समुद्र तल से यह स्थान करीब 1100 मीटर की ऊंचाई पर है। इसे तख्त-ए-सुलेमान के नाम से भी जाना जाता है। इस भव्य-दिव्य मंदिर का निर्माण राजा गोपादित्य ने कराया था। डोगरा शासक महाराजा गुलाब सिंह ने मंदिर तक पहंुचने के लिए सीढ़ियों का निर्माण कराया था। मंदिर का वास्तुशिल्प बेहद खूबसूरत है।

जामा मस्जिद: जामा मस्जिद कश्मीर की सबसे बड़ी एवं पुरानी इमारतों में से एक है। मस्जिद का वास्तुशिल्प अद्भुत है। विशेषज्ञों की मानें तो जामा मस्जिद की नींव सुल्तान सिकंदर ने रखी थी। मस्जिद की लम्बाई 384 फुट एवं चौड़ाई 38 फुट है। इस मस्जिद में तीस हजार लोग एक साथ नमाज पढ़ सकते हैं।

खीर भवानी मंदिर: खीर भवानी मंदिर श्रीनगर के तुल्लामुला में स्थित है। यह यहां के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। यह माता रंगने देवी को समर्पित है।

चट्टी पदशाही: चट्टी पदशाही श्रीनगर का एक प्रमुख सिख गुरुद्वारा है। सिखों के छठवें गुरु कश्मीर घूमने आये थे, उस समय वह इसी स्थान पर ठहरे थे। गुरुद्वारा से हरीपर्वत किला कुछ ही फासले पर है।

निशांत बाग: निशांत बाग ‘श्रीनगर हिल स्टेशन” एरिया का एक खूबसूरत बगीचा है। यह बगीचा डलझील के किनारे स्थित है। श्रीनगर जिला मुख्यालय से करीब 11 किलोमीटर दूर है। इस स्थान से डलझील के कई खूबसूरत नजारे दिखते हैं।

‘श्रीनगर हिल स्टेशन” की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम हवाई अड्ड़ा श्रीनगर है। रेलवे स्टेशन भी श्रीनगर में है। जम्मू तवी रेलवे स्टेशन से भी पर्यटक ‘श्रीनगर हिल स्टेशन” की यात्रा कर सकते हैं। सड़क मार्ग से भी हिल स्टेशन की यात्रा की जा सकती है।